उच्चतम न्यायालय द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन पर लगाए गए प्रतिबंध को हटा दिए जाने के बाद कई एक्सचेंजों ने बैंक खाते खोलना शुरू कर दिया है और अप्रैल 2018 से पहले की तरह उपलब्ध कराई जा रही बैंकिंग सुविधाओं को एक बार फिर प्लेटफॉर्म पर लेकर आ रहे हैं। हालांकि निवेशकों को क्रिप्टोकरेंसी पर सरकार के रुख को भी देखने की सलाह दी जा रही है। इस समय बैंकिंग भुगतान के साथ क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन शुरू कर चुके एक एक्सचेंज के ऐप पर बिटकॉइन, पहली और सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी अपने मूल्य से 1.5-2 प्रतिशत प्रीमियम पर कारोबार कर रही है। हालांकि नए निवेशकों के पंजीकरण के बाद भी एक्सचेंज पर खरीद-बिक्री ऑर्डर के बीच का अंतर काफी अधिक बना हुआ है। दक्षिण भारत के एक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज उनोक्वाइन ने बैंक खाता खुलने के साथ ही सेवाएं देना शुरू कर दिया। एक्सचेंज के मुख्य कार्याधिकारी सात्विक विश्वनाथ ने कहा, 'हमने रुपये के जमा तथा निकासी संबंधी कई सौ आवेदनों का प्रसंस्करण कर लिया है और अब बहुत से ग्राहक पंजीकरण के लिए आ रहे हैं।' वर्ष 2018 तक देश में क्रिप्टोकरेंसी कारोबार के लिए लोकप्रिय एक एक्सचेंज ने अभी तक भारत में दोबारा सेवाएं देना शुरू नहीं किया है। एक अन्य बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज वजीरएक्स जल्द ही बैंकिंग प्रस्ताव की प्रक्रिया को पूरा कर लेगा और बैंकों ने एक्सचेंज के खाते खोलने में रुचि जाहिर की है। इस एक्सचेंज का हाल ही में विश्व के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज बायनेंस ने अधिग्रहण किया था। वजीरएक्स के मुख्य कार्याधिकारी निश्चल शेट्टी कहते हैं, 'भारत में सबसे अधिक रेटिंग के साथ हमारा ऐप सबसे बेहतर है। हम भारतीय ग्राहकों के लिए शानदार ऑफर लाते रहेंगे जिससे वे बिटकॉइन तथा दूसरी क्रिप्टोकरेंसी में आसानी से कारोबार कर सकें। फिलहाल हम इनका परीक्षण कर रहे हैं।' निश्चल उच्चतम न्यायालय के निर्णय को लेकर काफी आशावादी हैं। वह कहते हैं, 'अब भारत में बड़े स्तर पर क्रिप्टोकरेंसी अपनाने का चलन बढ़ेगा। इसके बाद अब हम संबंधित क्षेत्र में नवोन्मेष कर सकते हैं और पूरा देश ब्लॉकचेन क्रांति में हिस्सा ले सकता है। एक अरब से अधिक की आबादी के साथ भारतीय बाजार इस क्षेत्र में एक छुपी प्रतिभा है।' इनका मानना है कि अब भारत में कई सौ नए क्रिप्टो स्टार्टअप शुरू होंगे, वेंचर कैपिटलिस्ट निवेशकों द्वारा लाखों डॉलर का निवेश किया जाएगा और नई नौकरियों का सृजन होगा। हालांकि विशेषज्ञ क्रिप्टोकरेंसी खरीदने में जल्दबाजी नहीं करने और सरकार द्वारा इस पर निर्णय लेने तक प्रतीक्षा करने की सलाह दे रहे हैं। पेमेंट काउंसिल ऑफ इंडिया के मानद चेयरमैन और इंटरनेट ऐंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अंतर्गत फिनटेक कन्वर्जेंस काउंसिल के चेयरमैन नवीन सूर्या कहते हैं, 'क्रिप्टोकरेंसी संबंधी लेनदेन पर निवेशकों को सावधानी बरतनी होगी, जब तक कि केंद्र सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर अपनी एक राय जाहिर नहीं करती।' अभी तक सरकार का नजरिया देश में क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने का रहा है। क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध का प्रस्ताव करने वाला विधेयक फरवरी 2019 में संसद में पेश किया गया था। हालांकि उच्चतम न्यायालय के निर्णय के बाद सरकार ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
