म्युचुअल फंड उद्योग ने येस बैंक की पुनर्गठन योजना के प्रभावों से निपटने के लिए कमर कस ली है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की पुनर्गठन योजना के मसौदे के मुताबिक येस बैंक द्वारा जारी अतिरिक्त टियर-1 (एटी-1) कैपिटल बॉन्ड को बट्टेखाते में डालने का प्रस्ताव है। इसलिए उद्योग बैंक के परपेचुअल बॉन्ड को पूरी तरह बट्टेखाते में डालने की संभावनाएं तलाश रहा है। एक फंड मैनेजर ने अपनी पहचान जाहिर न करने की शर्त पर कहा, 'इस प्रकार की पहल से निवेश योजनाओं के शुद्ध परिसंपत्ति मूल्य (एनएवी) में जबरदस्त गिरावट हो सकती है।' करीब 29 म्युचुअल फंड योजनाओं ने येस बैंक में निवेश कर रखा है। अधिकांश निवेश येस बैंक के एटी-1 अथवा परपेचुअल बॉन्ड में किया गया है। वैल्यू रिसर्च के आंकड़ों के अनुसार, 31 जनवरी 2020 को येस बैंक में कुल डेट निवेश 2,783 करोड़ रुपये था। हालांकि उद्योग के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि बट्टेखाते में डालने का निर्णय लेने से पहले वे कुछ समय तक स्थिति पर नजर रखना चाहेंगे। एक फंड हाउस के वरिष्ठ अधिकारी ने अपनी पहचान जाहिर न करने की शर्त पर कहा, 'हमारे पास कानूनी विकल्प भी मौजूद हैं। यह अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं है क्योंकि यह एक मसौदा योजना है। कोई नया निवेशक आ सकता है और वह देनदारियों को पूरा करने पर विचार कर सकता है।' निप्पॉन इंडिया एमएफ येस बैंक के एटी-1 बॉन्ड में सबसे अधिक निवेश करने वालों में शामिल है। उसने अपने निवेश को शून्य करार दिया है। वैल्यू रिसर्च के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी के अंत में इस फंड हाउस का येस बैंक के बॉन्ड में कुल निवेश 1,770 करोड़ रुपये था। इस निवेश को पूरी तरह बट्टेखाते में डालने के बाद निप्पॉन इंडिया एमएफ की चार योजनाओं के शुद्ध परिसंपत्ति मूल्य (एनएवी) में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई थी। निप्पॉन इंडिया स्ट्रैटेजिक डेट फंड के शुद्ध परिसंपत्ति मूल्य में 25.4 फीसदी की गिरावट आई थी जबकि निप्पॉन इंडिया क्रेडिट रिस्क फंड का शुद्ध परिसंपत्ति मूल्य 11.9 फीसदी घट गया। इस बीच, येस बैंक के बोर्ड को अपने नियंत्रण में लेने संबंधी आरबीआई के निर्णय के बाद मूल्यांकन एजेंसियों ने इन बॉन्डों का मूल्य नए सिरे से निर्धारित किया है। एक फंड मैनेजर ने अपनी पहचान जाहिर न करने की शर्त पर कहा, 'मूल्यांकन एजेंसियां इन बॉन्डों के मूल्यांकन में 35 फीसदी की कटौती पहले ही कर चुकी हैं। इन बॉन्डों की विशेषताएं इक्विटी जैसी होती हैं और उन्हें अन्य प्रकार की ऋण प्रतिभूतियों की तरह नहीं समझा जा सकता है।' फ्रैंकलिन टेम्पल्टन एमएफ ने येस बैंक के एटी-1 बॉन्ड में अपने निवेश का मूल्यांकन आज 47.5 फीसदी घटा दिया। अन्य जिन योजनाओं पर जबरदस्त प्रभाव दिखा है उनमें यूटीआई क्रेडिट रिस्क फंड (31 जनवरी के अनुसार 71 करोड़ रुपये का निवेश) ने अपने निवेश के मूल्यांकन में 2.79 फीसदी की कमी की। फ्रैंकलिन इंडिया क्रेडिट रिस्क फंड (135 करोड़ रुपये का निवेश) के मूल्यांकन में 1.08 फीसदी की गिरावट दिखी जबकि फ्रैंकलिन इंडिया शॉर्ट टर्म इनकम फंड (281 करोड़ रुपये का निवेश) के शुद्ध परिसंपत्ति मूल्य में 1.08 फीसदी की गिरावट आई।
