येस बैंक में एसबीआई काड्र्स का पैसा! | कृष्ण कांत / मुंबई March 06, 2020 | | | | |
एसबीआई काड्र्स के आईपीओ से भारतीय स्टेट बैंक को मिलने वाली रकम येस बैंक में प्रस्तावित निवेश के लिए अहम साबित होगी। येस बैंक की पुनर्गठन योजना के सरकारी मसौदे के मुताबिक, देश का सबसे बड़ा बैंक पुनर्गठित येस बैंक की 49 फीसदी हिस्सेदारी लेगा और इस हिस्सेदारी के बदले 2,450 करोड़ रुपये निवेश करेगा। पुनर्गठित येस बैंक की अधिकृत पूंजी 5,000 करोड़ रुपये होगी, जो 2 रुपये वाले 2400 करोड़ इक्विटी शेयरों में विभाजित होगी। इसकी तुलना में अभी येस बैंक की चुकता पूंजी 510 करोड़ रुपये है जो 2 रुपये वाले 255 करोड़ शेयरोंं में विभाजित है। इसकी तुलना में भारतीय स्टेट बैंक ने एसबीआई काड्र्स में अपनी हिस्सेदारी बेचकर करीब 2,800 करोड़ रुपये जुटाए हैं, जो 5 मार्च 2020 को बंद हुआ। इस आईपीओ से एसबीआई का शुद्ध फायदा हालांकि कम रह सकता है क्योंकि उसे इस लाभ पर लंबी अवधि का पूंजीगत लाभ कर देना पड़ेगा। लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ कर की दर 10 फीसदी है।
एक सूत्र ने कहा, एसबीआई कार्ड का आईपीओ बैंक के लिए सही समय पर बंद हुआ क्योंंकि इससे मिलने वाली रकम आसानी येस बैंंक में निवेश की जा सकती है और वह भी एसबीआई को अपनी बढ़त व निवेश योजना में किसी तरह का बदलाव किए बिना। उद्योग के सूत्रों के मुताबिक, येंस बैंक को वित्तीय मुश्किलों से बाहर निकलने के लिए करीब 25,000 करोड़ रुपये की दरकार होगी, जो उसकी बैलेंस शीट और सितंबर 2019 में सामने रखे फंसे कर्ज पर आधारित है। बैंंकिंग विश्लेषक ने कहा, बैंक के ताजा बैलेंस शीट के मुताबिक, येस बैंक का कुल फंसा कर्ज करीब 50,000 करोड़ रुपये का हो सकता है। बैंक के पास मुख्य पूंजी या शेयरधारकों की इक्विटी पहली छमाही के आखिर में करीब 25,000 करोड़ रुपये की थी और उसे फंसे कर्ज पर नुकसान की भरपाई करने के लिए इतनी ही इक्विटी की दरकार होगी।
हालांकि उन्होंंने कहा कि फंसे कर्ज की मात्रा बढ़ सकती है या घट सकती है क्योंकि बैंक ने तीसरी तिमाही के नतीजे घोषित नहीं किए हैं। येस बैंक ने पहले तीसरी तिमाही के नतीजे 14 मार्च को घोषित करने का ऐलान किया था। कुछ विश्लेषकों ने कहा कि एसबीआई कार्ड से एसबीआई को येस बैंक में पूंजी लगाने के लिए रकम मिल जाएगी। सूत्रों ने कहा, एसबीआई कार्ड करीब 70,000 करोड़ ररुपये के बाजार पूंजीकरण के साथ सूचीबद्ध हो सकती है और उसके आय के रिकॉर्ड को देखते हुए बाजार पूंजीकरण में आगे और इजाफा हो सकता है। इसे देखते हुए एसबीआई इस कंपनी की और हिस्सेदारी बेच सकता है और उसे जरूरत के समय येस बैंक में लगा सकता है। आईपीओ के बाद एसबीआई की हिस्सेदारी एसबीआई काड्र्स में घटकर 70 फीसदी रह जाएगी और पेशकश कीमत के आधार पर उसकी कीमत करीब 49,000 करोड़ रुपये होगी।
येस बैंक का संपत्ति आधार एसबीआई का करीब 10 फीसदी है। येस बैंंक की कुल परिसंपत्ति सितंबर 2019 के आखिर में करीब 3.5 लाख करोड़ रुपये की थी जबकि एसबीआई की 37.5 लाख करोड़ रुपये। इसमें एसबीआई की मुख्य पूंजी या हैसियत पहली छमाही में करीब 2.32 लाख करोड़ रुपये थी। इसकी तुलना में येस बैंक की मुख्य पूंजी इस अवधि में 27,970 करोड़ रुपये की थी।
|