एस्सार की सहायक इकाई हासिल करने के करीब आर्सेलरमित्तल निप्पॉन स्टील | ईशिता आयान दत्त / कोलकाता March 03, 2020 | | | | |
आर्सेलरमित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया (एएम/एनएस इंडिया) एस्सार की सहायक इकाई को हासिल करने के करीब पहुंच गई है, जो एस्सार स्टील के अधिग्रहण का हिस्सा नहीं है। मंगलवार को आर्सेलरमित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया ने ऐलान किया है कि उसने एडलवाइस रीकंस्ट्रक्शन कंपनी से भांडेर पावर प्लांट हजीरा (गुजरात) का अधिग्रहण पूरा कर लिया। भांडेर प्लांट की स्थापित क्षमता 500 मेगावॉट है और यह आर्सेलरमित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया के हजीरा स्टील विनिर्माण के लिए कैप्टिव संयंत्र बना रहेगा। कंपनी ने आज यह जानकारी दी।
भांडेर संयंत्र 2006 में चालू हुआ था और वाणिज्यिक परिचालन 2008 में हुआ। हाल तक इसका स्वामित्व एस्सार समूह के प्रवर्तकों रुइया के पास था, जिन्होंने उसे 475 करोड़ रुपये में एडलवाइस को बेच दिया था। आर्सेलरमित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया ने सरफेसी अधिनियम के तहत इस बिजली संयंत्र को खरीदा है। भांडेर पावर प्लांट का अधिग्रहण आर्सेलरमित्तल की तरफ से ओडिशा स्लरी पाइपलाइन के अधिग्रहण के लिए एनसीएलटी के आदेश के आसपास हो रहा है। सोमवार को एनसीएलटी के कटक पीठ ने आर्सेलरमित्तल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से ओडिशा स्लरी पाइपलाइन इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के लिए 2,359 करोड़ रुपये के समाधान योजना को मंजूरी दे दी।
आर्सेलरमित्तल के प्रवक्ता ने कहा, हम एनसीएलटी के कटक पीठ के फैसले का स्वागत करते हैं, जिसने ओडिशा स्लरी पाइपलाइन के लिए हमारी समाधान योजना को मंजूरी दे दी, जिसे पहले लेनदारों की समिति ने आमसहमति से मंजूर कर लिया था। 253 किलोमीटर लंबी स्लरी पाइपलाइन आर्सेलरमित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया के लिए अहम इकाई है। यह पाइपलाइन आर्सेलरमित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया को डबुना संयंत्र को ओडिशा में उसके पारादीप स्थित पैलेट संयंत्र से जोड़ती है। एनसीएलटी में आज की मंजूरी के बाद हम बाकी औपचारिका पूरी करेंगे, जिससे परिसंपत्तियां आर्सेलरमित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया को हस्तांतरित हो जाएंगी।
सर्वोच्च न्यायालय की तरफ से 42,000 करोड़ रुपये में एस्सार स्टील के अधिग्रहण की मंजूरी दिए जाने के बाद दिसंबर में ओडिशा स्लरी पाइपलाइन की लेनदारों की समिति ने आर्सेलरमित्तल की अग्रिम भुगतान की पेशकश को चुना था। हालांकि उसकी समाधान योजना को प्रतिस्पधी बोलीदाता त्रिवेणी अर्थमूवर्स और श्रेय इन्फ्रा फाइनैंस ने चुनौती दी थी। सूत्रों ने कहा कि पिछले हफ्ते त्रिवेणी ने एनसीएलटी से आवेदन वापस ले लिया और अंतत: आर्सेलरमित्तल की समाधान योजना मंजूर हो गई।
आर्सेलरमित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया ने हालांकि सहायक इकाइयों मसलने स्लरी पाइपलाइन व बिजली संयंत्र का अधिग्रहण किया है, लेकिन कैप्टिव पोर्ट अभी भी एस्सार समूह के प्रवर्तकों के नियंत्रण में है। हालांकि कैप्टिव कच्चे माल के लिए भी कदम उठाए गए हैं। इस महीने एएमआईपीएल को ओडिशा में लौह अयस्क खदान के लाइसेंस की खातिर तरजीही बोलीदाता चुना गया और इससे पहले राज्य सरकार ने नीलामी आयोजित की। क्योंझर जिले में ठकुरानी ब्लॉक में अनुमानित तौर पर 17.90 करोड़ टन का भंडार है और यह आर्सेलरमित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया की लंबी अवधि की कच्चे माल की जरूरत में योगदान कर सकता है। आर्सेलरमित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया के सीईओ दिलीप ओमेन ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा, अपने स्टील निर्माण संयंत्रों के लिए अहम सहायक परिसंपत्तियों के अधिग्रहण से हम खुश हैं।
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