विश्व की सबसे बड़ी बेवरिजेस कंपनी कोका कोला भारत को अपना तीसरा सबसे बड़ा वैश्विक बाजार बनाना चाहती है। कंपनी के वैश्विक मुख्य कार्याधिकारी जेम्स क्विंसी ने आज यह बात कही। भारत की अपनी तीसरी यात्रा के दौरान 55 वर्षीय क्विंसी ने संकेत दिया कि भारतीय कारोबार की बिक्री कैलेंडर वर्ष 2019 में 1 अरब इकाई तक पहुंच गई। क्विंसी ने कहा कि अटलांटा की इस कंपनी की स्थानीय इकाई की नजर अब पांच वर्षों के भीतर बिक्री को बढ़ाकर 2 अरब इकाई करने पर है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब घरेलू बाजार खपत में गिरावट जैसी समस्या से जूझ रहा है और उसमें सुधार के फिलहाल कोई संकेत नहीं दिख रहा है।क्विंसी ने कहा कि खपत में लघु अवधि की गिरावट से वृद्धि के लिए कंपनी की दीर्घावधि योजना प्रभावित नहीं होगी। उन्होंने कहा, 'कोका कोला कंपनी के लिए भारत एक रणनीतिक बाजार है। इसने वैश्विक नतीजों में लगातार दमदार योगदान किया है और यहां वृद्धि की अपार संभावनाएं मौजूद हैं।' उन्होंने कहा, 'हम स्थानीयकरण पर जोर देते हुए एक समग्र बेवरिजेस कंपनी बनने के लिए बदलाव कर रहे हैं। पिछले दो वर्षों के दौरान हमारे बेवरिजेस पोर्टफोलियो में उल्लेखनीय विस्तार हुआ है।' कोका कोला के वैश्विक बाजारों में भारत का स्थान फिलहाल पांचवां है और यह जापान से आगे है। जबकि अमेरिका, मेक्सिको, चीन और ब्राजील कोका कोला के शीर्ष चार वैश्विक बाजार हैं। जहां तक उत्पाद पोर्टफोलियो का सवाल है तो भारत में कोका कोला के पास कार्बोनेटेड और गैर-कार्बोनेटेड दोनों तरह के शीतल पेय मौजूद हैं। क्विंसी ने कहा कि इसमें दमदार रफ्तार के साथ वृद्धि हो रही है। क्विंसी ने कहा कि बुलबुले वाले ड्रिंक्स और जूस के अलावा कोका कोला अब बेहतर हाइड्रेशन, घुलनशील और कम कैलरी वाले ड्रिंक्स पर भी दांव लगा रही है।कंपनी पर नजर रखने वाले विश्लेषकों का कहना है कि कोका कोला का भारतीय कारोबार कम से कम पिछले दो वर्षों से लगातार मात्रात्मक बिक्री में वृद्धि दर्ज कर रहा है। कार्बोनेटेड और गैर-कार्बोनेटेड उत्पाद पोर्टफोलियो से बिक्री को रफ्तार मिल रही है। नियामकीय खुलासे के अनुसार, कोका कोला के घरेलू बॉटलिंग एवं मार्केटिंग कारोबार का कुल राजस्व वित्त वर्ष 2018-19 में 12 से 13 हजार करोड़ रुपये रहा। दिसंबर में कोका कोला ने उत्तर भारत में अपने बॉटलिंग कारोबार को पुनगर्ठित करते हुए चार क्षेत्र अपने मौजूदा बॉटलरों को हस्तांतरित कर दिए थे। कंपनी ने उन कयासों का खंडन किया था कि वह भारत में बॉटलिंग कारोबार से बाहर होने जा रही है। कंपनी ने कहा था कि वह भारत में अपने कारोबार के सभी पहलुओं पर निवेश जारी रखेगी।
