मंदी और उत्सर्जन मानकों से जुड़ी चुनौती से जूझ रहे भारत के वाहन उद्योग को अब कोरोनावायरस की महामारी के प्रभाव का सामना करना पड़ रहा है। यह वायरस दुनिया में तेजी से फैल रहा है। उद्योग संगठन सायम के अध्यक्ष राजन वढेरा को आशंका है कि मार्च का महीना खराब रहेगा और कुल बिक्री सालाना आधार पर 25-30 प्रतिशत तक घट सकती है।
उन्होंने कहा कि बीएस-6 उत्सर्जन मानक लागू होने से पहले की मार्च की अवधि उतार-चढ़ाव भरी रहने की आशंका पहले से ही जताई जा रही थी, अब कोविड-19 ने भी चीन से प्रमुख कलपुर्जों (खासकर बीएस-6 वाहनों के लिए) की आपूर्ति प्रभावित की है, जिससे चिंता और बढ़ गई है। वढेरा ने कहा, 'वाणिज्यिक वाहन क्षेत्र पर ज्यादा प्रभाव पड़ेगा क्योंकि इनके लिए चीन से कलपुर्जों की खरीद एक बड़ी चुनौती होगी।' ऑटो कम्पोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (एक्मा) के अध्यक्ष दीपक जैन के अनुसार भारत के वाहन कलपुर्जा उद्योग ने 17 अरब डॉलर के कलपुर्जों का आयात किया। इसमें चीन का योगदान 4.5 अरब डॉलर था।
वढेरा का कहना है कि चीन बीएस-6 में अन्य देशों से आगे है, जिसे देखते हुए कई वैश्विक आपूर्तिकर्ताओं ने कलपुर्जे विकसित करने के लिए इस देश का इस्तेमाल किया। देश में परिचालन बहाल करने में फैक्टरियों को अभी कुछ और वक्त लगेगा। इनमें से कई फैक्टरियां अपने सिर्फ एक-तिहाई कर्मियों के साथ आधी क्षमता से भी कम के साथ परिचालन कर रही हैं। जैन का मानना है, 'चीन को वैश्विक बाजारों की जरूरतें पूरी करनी हैं। इसलिए, उत्पादन बहाल होने पर उन्हें राशन आपूर्ति करनी होगी।' इसके अलावा, एयर टर्मिनलों और बंदरगाहों पर माल ढुलाई प्रभावित हुई है। इस सबका लॉजिस्टिक के संदर्भ में व्यापक प्रभाव पड़ेगा।
यह स्थिति ऐसे समय में सामने आई है जब अर्थव्यवस्था में मंदी से वाहन बिक्री पर असर दिखा है। मध्यम एवं भारी ट्रकों की बिक्री पर दबाव महसूस किया गया है। कमजोर आर्थिक गतिविधि की वजह से जून 2019 से ही इस बिक्री पर दबाव बना हुआ है। सभी ट्रक निर्माताओं ने अपने वाहनों की खेपों में पिछले महीने एक साल पहले की तुलना में 45 प्रतिशत से ज्यादा की कमी दर्ज की, क्योंकि उन्होंने डीलरों को खेपों में कमी की और 1 अप्रैल से लागू हो रहे नए उत्सर्जन मानकों से पहले इन्वेंट्री वृद्घि को लेकर सतर्क बने रहे।
एक्मा के जैन का कहना है, दोपहिया सेगमेंट में भी चिंता बरकरार है। जहां यात्री वाहन सख्त उत्सर्जन प्रौद्योगिकी की चुनौती से जूझ रहे हैं, वहीं कई दोपहिया निर्माता इस महीने बीएस-6 मॉडल पेश करने की तैयारी कर रहे हैं। जैन ने कहा, 'मार्च में दिख रहा उतार-चढ़ाव, हमारे अनुमान के मुकाबले काफी ज्यादा रह सकता है।' फ्लैश इलेक्ट्रॉनिक्स के प्रबंध निदेशक संजीव वासदेव भी चिंतित हैं। उन्होंने कहा, 'कोरोना का प्रभाव इस महीने से ज्यादा महसूस किया जाएगा और उन कुछ निर्माताओं के लिए यह बेहद चुनौतीपूर्ण होगा जिन्होंने बीएस-6 पेशकश की योजना बनाई है।'
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