स्पेशियलिटी केमिकल खंड के लिए मजबूत परिदृश्य | उज्ज्वल जौहरी / March 01, 2020 | | | | |
मौजूदा आर्थिक परिदृश्य में स्पेशियलिटी केमिकल सेगमेंट मजबूत बना हुआ है। यह सेगमेंट नए ऑर्डरों और क्षमताओं में वृद्घि दर्ज कर रहा है। नियमित ऑर्डर प्रवाह के अलावा, वैश्विक रसायन क्षेत्र में रुझान से भी भारतीय कंपनियों के लिए अल्पावधि अवसर बढऩे की संभावना है। विस्तार, विदेशी कंपनियों के साथ समझौतों, और नई उत्पाद पेशकशों को देखते हुए विश्लेषकों का मानना है कि इन कंपनियों के शेयरों में मौजूदा स्तरों से और तेजी आ सकती है। सूचीबद्घ स्पेशियलिटी केमिकल कंपनियों ने निवेशकों के लिए लगातार कमाई के अवसर प्रदान किए हैं। बाजार को राजस्व वृद्घि और मार्जिन में सुधार की मदद से परिचालन प्रदर्शन में तेजी आने का अनुमान है। पिछली तिमाही भी इससे अलग नहीं रही। हालांकि राजस्व वृद्घि धीमी थी, क्योंकि रसायन कीमतों में गिरावट आई, लेकिन परिचालन मुनाफा वृद्घि दो अंक में बनी रही।
आईआईएफएल में विश्लेषकों का कहना है कि एसआरएफ, दीपक नाइट्राइट, नवीन फ्लोरीन और नियोजेन जैसी स्पेशियलिटी केमिकल कंपनियों ने बेहतर प्रदर्शन किया है। उन्हें वित्त वर्ष 2020 की चौथी तिमाही में अपस्ट्रीम कंपनियों को कोरोनावायरस महामारी का फायदा मिल सकता है। चीन में कोरोनावायरस की वजह से वहां से आपूर्ति बाधित हुई है। इस वजह से रसायन कीमतों में तेजी आ रही है, जो भारतीय रसायन कंपनियों के लिए लाभदायक है। शेयरखान में विश्लेषक रिषभ बोथरा का कहना है कि इसके अलावा, वैश्विक कृषि और स्पेशियलिटी रसायन कंपनियां भारत को एक भरोसेमंद भागीदार के तौर पर देख रही हैं।
जिस वजह से चीन की तुलना में भारतीय कंपनियां ज्यादा प्रतिस्पर्धी बन गई हैं, वह है सस्ती कीमत पर कुशल श्रम की उपलब्धता। गैलेक्सी सरफैक्टैंट्स और फाइन ऑर्गेनिक्स जैसी कंपनियां एफएमसीजी, होम एवं पर्सनल केयर, और फूड इंग्रिडिएंट्स सेगमेंट की जरूरतें पूरी कर रही हैं। उनके विशिष्ट बिजनेस मॉडल और ऊंचे स्तर के उत्पाद अनुकूलन मजबूत एंट्री बैरियर्स सुनिश्चित करता है। इसके अलावा, कच्चे माल की उपलब्धता के संदर्भ में भी ये कंपनियां अच्छी स्थिति में हैं। घरेलू आपूर्ति के अलावा, भौगोलिक स्थिति का भी इन्हें लाभ मिला है, क्योंकि इनकी अफ्रीका, पश्चिम एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया से नजदीकी है, जो प्रतिस्पर्धी आयात सुनिश्चित करते हैं।
स्पेशियलिटी केमिकल कंपनियों के लिए बाजार धारणा हाल में मजबूत हुई है, क्योंकि नवीन फ्लोरीन को फ्लूरोकेमिकल्स क्षेत्र में उच्च प्रदर्शन वाले उत्पाद की आपूर्ति और निर्माण के लिए एक बहुराष्ट्रीय कंपनी से 2,900 करोड़ रुपये का ठेका मिला है। इससे भारत को नाइश केमिकल से संबंधित दीर्घावधि अनुबंधों के लिए पसंदीदा देश के तौर पर मजबूती मिल सकती है। इस क्षेत्र का मजबूत परिदृश्य प्रमुख कंपनियों द्वारा घोषित पूंजीगत खर्च योजनाओं में भी स्पष्ट रूप से दिखा है। इससे अगले चरण के विकास के लिए आधार मिलेगा। जहां नवीन फ्लोरीन को प्राप्त बड़े ऑर्डरों को देखते हुए 450 करोड़ रुपये का पूंजीगत खर्च करना है, वहीं आरती इंडस्ट्रीज, एसआरएफ, पीआई इंडस्ट्रीज, विनती ऑर्गेनिक्स, दीपक नाइट्राइट, अल्काइल अमाइंस भी क्षमता विस्तार कर रही हैं। आरती इंडस्ट्रीज ने वित्त वर्ष 2020 के लिए 1,000-1,200 करोड़ रुपये के पूंजीगत खर्च की योजना बनाई है। वित्त वर्ष 2020 के लिए 1,000 करोड़ रुपये की खर्च प्रतिबद्घता के बाद वित्त वर्ष 2021 में भी अन्य 700-800 करोड़ रुपये लगाएगी। अन्य कंपनियों ने 500 करोड़ रुपये तक की पूंजीगत खर्च प्रतिबद्घताएं जताई हैं। एडलवाइस रिसर्च में विश्लेषकों के लिए आकर्षक मूल्यांकन को देखते हुए प्रमुख कंपनियों में आरती इंडस्ट्रीज पसंदीदा बनी हुई है। निवेशक गिरावट पर एसआरएफ, फाइन ऑर्गेनिक्स, और गैलेक्सी सरफैक्टेंट्स में निवेश कर सकते हैं।
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