तीसरी तिमाही में कृषि क्षेत्र में 3.5 फीसदी वृद्धि | संजीव मुखर्जी / नई दिल्ली February 28, 2020 | | | | |
वित्त वर्ष 2019-20 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर से दिसंबर) में देश के कृषि क्षेत्र ने 3.5 फीसदी वृद्धि हासिल की है। इसमें खरीफ सीजन में अच्छे उत्पादन और रबी सीजन में भारी पैदावार की संभावना की अहम भूमिका रही है। लेकिन इससे भी अहम बात यह है कि किसानों को अपनी उपज की अच्छी कीमत मिलने के आसार हैं क्योंकि इस अवधि में महंगाई 10.2 फीसदी रहने का अनुमान है। महंगाई का यह स्तर कई तिमाहियों में सबसे अधिक है। गौरतलब है कि महंगाई को कभी-कभी कृषि आय का संकेतक माना जाता है।
तीसरी तिमाही में कृषि क्षेत्र की वृद्धि बढऩे से राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) का अनुमान है कि पूरे वित्त वर्ष 2019-20 में इस क्षेत्र की वृद्धि स्थिर कीमतों पर 3.7 फीसदी रहने का अनुमान है। यह वित्त वर्ष 2018-19 इस क्षेत्र की वृद्धि 2.4 फीसदी से अधिक होगी। इससे भी महत्त्वपूर्ण यह है कि चालू कीमतों पर कृषि क्षेत्र की वृद्धि 2019-20 में 11.3 फीसदी अनुमानित है, जो 2018-19 में 4.5 फीसदी से अधिक है। इसमें खाद्य कीमतों की ऊंची कीमतों की अहम भूमिका रही है। इसका मतलब है कि 2019-20 में महंगाई 7.6 फीसदी रहने के आसार हैं।
केयर रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, 'सहायक क्षेत्रों, मुख्य रूप से पशुपालन, मत्स्यपालन और बागवानी से जुड़े किसानों को अपनी उपज की अच्छी कीमत मिलने के आसार हैं। इनकी कृषि गतिविधियों में करीब 45 फीसदी हिस्सेदारी है। यही वजह है कि चालू कीमतों पर वृद्धि 11.3 फीसदी अनुमानित है।' कुछ दिन पहले जारी खाद्यान्न उत्पादन के दूसरे अग्रिम अनुमान में गेहूं का उत्पादन अब तक के सर्वोच्च स्तर 1,062.1 लाख टन रहने की संभावना जताई गई है। इन आंकड़ों से पता चलता है कि जुलाई 2019 से शुरू फसल वर्ष 2019-20 में गेहूं का उत्पादन 2018-19 की तुलना में 26.1 लाख टन और इस साल के लक्ष्य से 57.1 लाख टन अधिक रहने का अनुमान है।
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