निर्यात प्रतिबंध हटा, प्याज फिर चढ़ा | दिलीप कुमार झा / मुंबई February 27, 2020 | | | | |
सरकार द्वारा छह महीने पुराना निर्यात प्रतिबंध हटाए जाने का फैसला करने के बाद मांग में तीव्र इजाफे की वजह से आज प्याज के दाम 30 प्रतिशत तक उछलकर दो सप्ताह के शीर्ष स्तर पर पहुंच गए। बेंचमार्क लालसगांव मंडी की कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) में प्याज के आदर्श दाम गुरुवार को बढ़कर 21.50 रुपये प्रति किलोग्राम हो गए, जबकि एक दिन पहले दाम 16.50 रुपये प्रति किलोग्राम थे। प्याज के दामों का यह स्तर 11 फरवरी के बाद से नहीं देखा गया है। केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने बुधवार देर शाम ट्वीट करके प्याज निर्यात प्रतिबंध हटाए जाने की घोषणा की थी जिसके बाद निर्यातकों ने तत्काल अपना कारोबार फिर से शुरू कर दिया। पासवान ने ट्वीट में कहा था, 'चूंकि प्याज के दाम स्थिर हो गए हैं और जोरदार रबी फसल की उम्मीद है, इसलिए सरकार ने इसके निर्यात से प्रतिबंध हटाने का फैसला किया है। इस साल मार्च में प्याज की मासिक उपज 40 लाख टन होने की उम्मीद है, जबकि पिछले साल इसी महीने उपज 28 लाख टन थी।'
व्यापारिक सूत्रों का मानना है कि निर्यात से प्रतिबंध हटाने के पक्ष में यह फैसला बुधवार को मंत्रियों की उच्च स्तरीय बैठक के बाद लिया गया है। बैठक में 850 डॉलर प्रति टन न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) कम करने का भी फैसला लिया गया है। ये दोनों (निर्यात प्रतिबंध और एमईपी) फैसले छह महीने पहले लिए गए थे। तब थोक बाजार में प्याज के दाम बढ़कर 80 रुपये प्रति किलोग्राम हो गए थे जो खुदरा में 140 से 160 रुपये प्रति किलोग्राम थे। महाराष्ट्र्र, गुजरात, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और मध्य प्रदेश समेत प्रमुख उत्पादक राज्यों में प्रलयकारी बाढ़ की वजह से खरीफ की फसल को हुए भारी नुकसान के कारण करीब छह महीने पहले प्याज के दामों में तेज इजाफा हुआ था।
अलबत्ता प्रतिबंध हटाने का यह फैसला विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) द्वारा इस संबंध में अधिसूचना जारी करने के बाद ही प्रभावी होगा। एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव की कृषि उपज विपणन समिति के सचिव एनएस वाधवाने ने कहा, 'निर्यातकों ने भविष्य की खेप के लिए बड़ी मात्रा में प्याज की बुकिंग करनी शुरू कर दी है। निर्यात से प्रतिबंध हटने के बाद निर्यातकों की मांग बढऩे की वजह से ही भारी आवक के बावजूद आज प्याज के दामों में तेजी आई है।' गुरुवार को लासलगांव में 1,500 टन प्याज आवक दर्ज की गई, जबकि बुधवार को आवक 1,000 टन थी।
हालांकि वाधवाने का मानना है कि दामों का यह स्तर अस्थायी है। फिलहाल मंडियों में खरीफ के आखिरी सत्र से प्याज की आवक हो रही है। शीघ्र खराब होने की वजह से इसका ज्यादा लंबे समय तक भंडारण नहीं किया जा सकता है। इसलिए खरीदारों को इसकी खरीद के कुछ ही दिनों में बिक्री करनी होती है। सामान्य रूप में कारोबारी और स्टॉकिस्ट रबी सत्र की फसल का अपना स्टॉक तैयार करते हैं जो मंडियों में आनी शुरू हो गई है, लेकिन इसकी आवक काफी कम मात्रा में हो रही है। अब से दो सप्ताह बाद रबी सत्र की आवक पूरे जोरों पर होने वाली है जिससे प्याज के दामों में और गिरावट आ सकती है। इस बीच राज्य सरकार द्वारा लगाई गई स्टॉक सीमा ने कारोबारियों और स्टॉकिस्टों को परेशान कर रखा है। दिसंबर 2019 में महाराष्ट्र सरकार ने खुदरा विक्रेताओं के लिए स्टॉक सीमा आधी करके पांच टन और स्टॉकिस्टों के लिए 25 टन कर दी थी।
पुणे की अंबेगांव एपीएमसी के चेयरमैन देवदत्त जयवंतराव ने कहा, 'राज्य सरकार ने प्याज की स्टॉक सीमा में ढील देने के लिए पहले ही प्रक्रिया शुरू कर दी है। स्टॉक सीमा हटाने से खास तौर पर निर्यातकों और स्टॉकिस्टों को राहत की सांस मिलेगी।' नाशिक स्थित प्याज किसान और व्यापारी संजय सनप ने कहा कि खरीफ के शुरुआत में की गई बुआई की फसल बाढ़ में बहने के बावजूद किसानों ने कुछ हिस्सों में दो और तीन बार प्याज की बुआई की थी जिसके परिणामस्वरूप खेती की लागत में इजाफा हुआ है। इस कारण प्याज के मौजूदा दाम किसानों के लिए लाभकारी हैं।
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