Skip to content
  शनिवार 3 जून 2023
Trending
June 3, 2023Odisha Train Accident: मृतक संख्या 261 हुई, भारतीय रेलवे ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिएJune 3, 2023पाक सरकार ने अगले वित्त वर्ष के बजट में बढ़ोतरी की, दिए इस साल आम चुनाव कराने के संकेतJune 3, 2023Facebook ने 41 फीसदी तो Instagram ने 54 फीसदी शिकायतों पर कार्रवाई कीJune 3, 2023बजाज फिनसर्व पुणे में 5,000 करोड़ निवेश करेगी, 40 हजार लोगों को मिलेगा रोजगार: फडणवीसJune 3, 2023FPI ने मई में भारत में किया 43,838 करोड़ रुपये का निवेश, जून में भी निवेश जारी रहने की संभावनाJune 3, 2023विलय नहीं, सिर्फ सहारा लाइफ की बीमा देनदारियों, संपत्तियों का हस्तांतरण: SBI LifeJune 3, 2023उसी जज्बे के साथ बल्लेबाजी करना चाहता हूं, जैसे IPL और रणजी ट्रॉफी में की: रहाणेJune 3, 2023US debt ceiling: बाइडन शनिवार को कर सकते हैं ऋण सीमा बढ़ाने संबंधी विधेयक पर हस्ताक्षरJune 3, 2023World Bank President: अजय बंगा ने वर्ल्ड बैंक के अध्यक्ष का पदभार ग्रहण कियाJune 3, 2023Odisha Train Accident: रेल हादसों से सबक क्यों नहीं लेती सरकार! पिछले 10 वर्षों में सातवीं बड़ी दुर्घटना
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  • होम
  • बजट 2023
  • अर्थव्यवस्था
  • बाजार
    • शेयर बाजार
    • म्युचुअल फंड
    • आईपीओ
    • समाचार
  • कंपनियां
    • स्टार्ट-अप
    • रियल एस्टेट
    • टेलीकॉम
    • तेल-गैस
    • एफएमसीजी
    • उद्योग
    • समाचार
  • पॉलिटिक्स
  • लेख
    • संपादकीय
  • आपका पैसा
  • भारत
    • उत्तर प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़
    • बिहार व झारखण्ड
    • राजस्थान
    • अन्य
  • मल्टीमीडिया
    • वीडियो
  • टेक-ऑटो
  • विविध
    • मनोरंजन
    • ट्रैवल-टूरिज्म
    • शिक्षा
    • स्वास्थ्य
  • अन्य
    • विशेष
    • आज का अखबार
    • ताजा खबरें
    • अंतरराष्ट्रीय
    • वित्त-बीमा
      • फिनटेक
      • बीमा
      • बैंक
      • बॉन्ड
      • समाचार
    • कमोडिटी
    • खेल
    • BS E-Paper
बिज़नेस स्टैंडर्ड
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  • होम
  • अर्थव्यवस्था
  • बजट 2023
  • बाजार
    • शेयर बाजार
    • म्युचुअल फंड
    • आईपीओ
    • समाचार
  • कंपनियां
    • स्टार्ट-अप
    • रियल एस्टेट
    • टेलीकॉम
    • तेल-गैस
    • एफएमसीजी
    • उद्योग
    • समाचार
  • पॉलिटिक्स
  • लेख
    • संपादकीय
  • आपका पैसा
  • भारत
    • उत्तर प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़
    • बिहार व झारखण्ड
    • राजस्थान
    • अन्य
  • मल्टीमीडिया
    • वीडियो
  • टेक-ऑटो
  • विशेष
  • विविध
    • मनोरंजन
    • ट्रैवल-टूरिज्म
    • शिक्षा
    • स्वास्थ्य
  • अन्य
  • आज का अखबार
  • ताजा खबरें
  • खेल
  • वित्त-बीमा
    • बैंक
    • बीमा
    • फिनटेक
    • बॉन्ड
  • BS E-Paper
बिज़नेस स्टैंडर्ड
   लेख   कारोबारी सुगमता में हुआ सुधार लेकिन बढ़ सकती है असहजता
लेख

कारोबारी सुगमता में हुआ सुधार लेकिन बढ़ सकती है असहजता

adminए के भट्टाचार्य— February,26 2020 8:46 PM IST
Facebook Twitter LinkedIn WhatsApp Email

हाल के वर्षों में कारोबारी सुगमता सूचकांक में भारत का प्रदर्शन खासा बेहतर रहा है। विश्व बैंक द्वारा अक्टूबर 2019 में तैयार सूचकांक में भारत को 190 देशों की सूची में 63वें स्थान पर रखा गया था। यानी एक वर्ष में भारत ने 14 स्थानों का सुधार किया था। जबकि इससे पिछले वर्ष उसने 23 स्थानों की प्रगति की थी। विश्व बैंक ने 2019 की अपनी रिपोर्ट में कहा कि बीते कुछ वर्ष के दौरान किए गए सतत कारोबारी सुधारों ने भारत की मदद की है। उसने कहा कि लगातार तीसरे वर्ष भारत शीर्ष 10 सुधारक देशों में शामिल रहा। सूचकांक में भारत की स्थिति बेहतर करने वाले सुधारों में कारोबार शुरू करने के मानक सहज करना, निर्माण परमिट में बेहतरी, सीमा पार व्यापार सहज बनाना और ऋणशोधन के मामले हल करना शामिल है। विश्व बैंक की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कुछ क्षेत्र गंभीर चिंता का विषय हैं। मसलन, अनुबंध प्रवर्तन के मामलों में भारत को 190 देशों में 163वां स्थान दिया गया है जबकि परिसंपत्ति पंजीयन में 153वां। बैंक के अनुसार परिसंपत्ति पंजीयन में औसतन 58 दिन और परिसंपत्ति मूल्य का 8 फीसदी व्यय होता है। यह उच्च आय वाले देशों से बहुत ज्यादा है। इसी तरह देश में निचली अदालत में वाणिज्यिक विवाद का मामला निपटने में 1,445 दिन लगते हैं जो विकसित देशों से करीब तीन गुना है। कारोबारी सुगमता सूचकांक में देश के विश्वसनीय प्रदर्शन के साथ यह देखना होगा कि क्या देश का मौजूदा आर्थिक नीति के माहौल से आने वाले वर्षों में और सुधार हो सकता है। हाल के दिनों में कुछ परेशान करने वाली घटनाएं घटी हैं जो कारोबारी सुगमता को प्रभावित कर सकती हैं। देश के दूरसंचार सेवा प्रदाता अस्तित्व के संकट से जूझ रहे हैं। सरकार उनसे और अधिक राजस्व की मांग कर रही है और न्याय व्यवस्था राजस्व दावे पर निर्णय सुनाने के पहले मौजूदा बाजार ढांचे को पहचानने से इनकार कर रही है।   सरकार और दूरसंचार कंपनियों के बीच समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) का आकलन कई वर्ष पिछड़ गया है। शुरुआत 2003 में हुई थी जब कंपनियों ने कहा था कि एजीआर में केवल दूरसंचार राजस्व शामिल किया जाना चाहिए जबकि सरकार का कहना था कि एजीआर में दूरसंचार और गैरदूरसंचार दोनों तरह के राजस्व शामिल होने चाहिए। एजीआर का आकलन सरकार को चुकता की जाने वाली लाइसेंस फीस के निर्धारण के लिए होना था। सन 1999 में यह एजीआर का 15 फीसदी थी और 2013 में इसे एजीआर का अधिकतम 8 फीसदी कर दिया गया। शुरुआती दौर में अदालती फैसले दूरसंचार कंपनियों के पक्ष में आए। दूसरे शब्दों में अदालत ने सरकार की उच्चतर एजीआर की मांग ठुकरा दी। उस वक्त तक कंपनियों ने दावे का 80 फीसदी चुका दिया था। सरकार ने राशि रिफंड करने के बजाय अपील में न केवल समूची राशि बल्कि ब्याज और जुर्माने की भी मांग की। अपील की सुनवाई सर्वोच्च न्यायालय ने की और सरकार जीत गई। अधिवक्ताओं संजय हेगड़े और प्रांजल किशोर ने बिज़नेस स्टैंडर्ड में प्रकाशित एक आलेख में दलील दी थी कि दूरसंचार कंपनियों से मूलधन के अलावा ब्याज और जुर्माना चुकाने को कहना गलत है क्योंकि निचली अदालत में वे जीत गई थीं। यदि सरकार ने ब्याज और जुर्माने पर जोर नहीं दिया होता तो सबसे बड़ी अदालत के निर्णय पर कंपनियों की प्रतिक्रिया अलग होती।    दूरसंचार कंपनियों से की जा रही 1.3 लाख करोड़ रुपये की कुल मांग का बमुश्किल एक-चौथाई हिस्सा मूल धन है, शेष राशि ब्याज और जुर्माने की है। ऐसा लगता है कि सरकार ने ब्याज और जुर्माने की राशि इसलिए नहीं जाने दी क्योंकि ऐसे निर्णय नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की नजर में आ जाते हैं और बाद में ऐसे राजनीतिक विवादों को जन्म देते हैं कि निजी दूरसंचार कंपनियों का पक्ष लिया गया। सरकार द्वारा जुर्माने और ब्याज पर जोर देने की एक वजह यह भी है कि उसे अतिरिक्त राजस्व की जरूरत है ताकि राजस्व कमी दूर की जा सके।    ब्याज और जुर्माने सहित समूची राशि चुकाने पर जोर देने का अर्थ यह भी है कि वोडाफोन आइडिया जैसी दूरसंचार कंपनियों पर दो अन्य बड़ी कंपनियों की तुलना में अधिक असर होगा। कंपनी का सकल बकाय 50,000 करोड़ रुपये से अधिक होगा। कंपनी कह चुकी है कि इतनी बड़ी राशि चुकाना उसके बस की बात नहीं है और उसे अपना कारोबार समेटना पड़ेगा। क्या सरकार ने इस निर्णय के नफा-नुकसान का आकलन किया है? जबकि इसका बोझ देश की तीन सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनियों में से एक को उठाना पड़ेगा? क्या उसे दूरसंचार बाजार ढांचे पर इस निर्णय के असर का आकलन करना चाहिए था? अंत में क्या सरकार ने यह समझा कि वोडाफोन आइडिया को इससे गहरा झटका लगेगा। यह कंपनी देश में 55 अरब डॉलर से अधिक का निवेश कर चुकी है। सरकार दूरसंचार क्षेत्र के लिए बेल आउट पैकेज ला सकती है ताकि वह मौजूदा भुगतान संकट से उबर सके। परंतु देश के निजी क्षेत्र पर इसका गहरा असर होगा।   मई 2019 के आम चुनाव में सत्ता में वापसी के बाद मोदी सरकार विदेशी निवेशकों के साथ दो बड़े मामलों में संबद्घ रही। एक मामला एमेजॉन के जेफ बेजोस से संबंधित है, जिनकी विदेशी निवेश संबंधी प्रतिबद्घताओं का सरकार के प्रतिनिधियों ने उपहास उड़ाया था। दूसरा मामला वोडाफोन आइडिया का है जिसका विदेशी साझेदार ब्रिटेन का वोडाफोन समूह एजीआर के बोझ तले दबा है। तीसरा मामला आने वाले महीनों में सुर्खियां बटोर सकता है। यह मामला है केयर्न एनर्जी और भारत सरकार के बीच 1.6 अरब रुपये के कर विवाद का जिस पर निर्णय आना है। किसी को नहीं पता कि यह मामला क्या मोड़ लेगा। परंतु कारोबारी सुगमता में सुधार पर गर्व करने वाले देश के लिए तीन बड़ी विदेशी कंपनियों एमेजॉन, वोडाफोन और केयर्न को प्रभावित करने वाला घटनाक्रम शायद भविष्य में इस सूचकांक में सुधार की संभावनाओं को प्रभावित करे। 

Facebook Twitter LinkedIn WhatsApp Email

संबंधित पोस्ट

  • Filter #1
  • More from author
अंतरराष्ट्रीय

US Federal Reserve: इंटरेस्ट रेट में फिर 0.50 फीसदी का इजाफा, 15 सालों के उच्चतम स्तर पर पहुंचीं

December 15, 2022 8:38 AM IST
अर्थव्यवस्था

MPC meet: जानिए RBI Monetary Policy review की मुख्य बातें

December 7, 2022 1:25 PM IST
अर्थव्यवस्था

RBI repo rate hike: लोन लेना हो सकता है और महंगा

December 7, 2022 12:18 PM IST
कंपनियां

Air India लगातार कर रही अपने नेटवर्क का विस्तार, 12 और विमान लीज पर लिए

December 5, 2022 7:23 PM IST
कंपनियां

Apple जल्द Samsung को पछाड़ बन जाएगी भारत की सबसे बड़ी स्मार्टफोन निर्यातक !

December 5, 2022 6:58 PM IST
कमोडिटी

सोना 316 रुपये चढ़ा, MCX पर कीमतें 54 हजार के ऊपर

December 5, 2022 1:29 PM IST
कमोडिटी

Rabi Season 2022: चने की बोआई ने पकड़ी रफ्तार

December 2, 2022 1:49 PM IST
आपका पैसा

ITR: अब जल्दी मिलेगा रिफंड, टैक्स के एडजेस्टमेंट में भी आएगी तेजी

December 2, 2022 1:05 PM IST
अन्य

प्रदूषण नियंत्रण को लेकर बड़ा फैसला, एक जनवरी से दिल्ली-NCR में नहीं होगा डीजल ऑटो का रजिस्ट्रेशन

December 2, 2022 12:49 PM IST
अन्य

सिंधिया ने दिल्ली हवाई अड्डे पर ‘DigiYatra’ सुविधा लॉन्च की, अब आपका चेहरा ही होगा ‘बोर्डिंग पास’

December 1, 2022 4:14 PM IST
अर्थव्यवस्था

India’s Q2 GDP Growth: दूसरी तिमाही में 6.3 फीसदी की दर से बढ़ी देश की अर्थव्यवस्था

November 30, 2022 5:58 PM IST
अर्थव्यवस्था

Core Sector Growth: अक्टूबर में 8 कोर सेक्टर का उत्पादन घटकर 0.1 फीसदी रहा

November 30, 2022 5:37 PM IST
अर्थव्यवस्था

Fiscal Deficit : अप्रैल-अक्टूबर में बढ़ा फिस्कल डेफिसिट, बजट अनुमान का 45.6 प्रतिशत रहा

November 30, 2022 4:49 PM IST
ताजा खबरें

Odisha Train Accident: मृतक संख्या 261 हुई, भारतीय रेलवे ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए

June 3, 2023 5:31 PM IST
अंतरराष्ट्रीय

पाक सरकार ने अगले वित्त वर्ष के बजट में बढ़ोतरी की, दिए इस साल आम चुनाव कराने के संकेत

June 3, 2023 5:06 PM IST
टेक-ऑटो

Facebook ने 41 फीसदी तो Instagram ने 54 फीसदी शिकायतों पर कार्रवाई की

June 3, 2023 4:45 PM IST
कंपनियां

बजाज फिनसर्व पुणे में 5,000 करोड़ निवेश करेगी, 40 हजार लोगों को मिलेगा रोजगार: फडणवीस

June 3, 2023 4:33 PM IST

Trending Topics


  • Market Updates
  • Stock Market Today
  • Stocks to Watch Today
  • MS Dhoni Knee Operation
  • US Debt Ceiling Bill
  • Gold-Silver Price
  • Apple iPhone
  • Bank of Maharashtra QIP
  • Rupee vs Dollar
  • Ashneer Grover

Latest News


  • Odisha Train Accident: मृतक संख्या 261 हुई, भारतीय रेलवे ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए
    by अंशु
    June 3, 2023
  • पाक सरकार ने अगले वित्त वर्ष के बजट में बढ़ोतरी की, दिए इस साल आम चुनाव कराने के संकेत
    by अंशु
    June 3, 2023
  • Facebook ने 41 फीसदी तो Instagram ने 54 फीसदी शिकायतों पर कार्रवाई की
    by अंशु
    June 3, 2023
  • बजाज फिनसर्व पुणे में 5,000 करोड़ निवेश करेगी, 40 हजार लोगों को मिलेगा रोजगार: फडणवीस
    by अंशु
    June 3, 2023
  • FPI ने मई में भारत में किया 43,838 करोड़ रुपये का निवेश, जून में भी निवेश जारी रहने की संभावना
    by अंशु
    June 3, 2023
  • चार्ट
  • आज का बाजार
60431.00 
IndicesLastChange Chg(%)
सेंसेक्स60431
380.06%
निफ्टी60431
380%
सीएनएक्स 50014954
130.08%
रुपया-डॉलर82.05
--
सोना(रु./10ग्रा.)51317.00
0.00-
चांदी (रु./किग्रा.)66740.00
0.00-

  • BSE
  • NSE
CompanyLast (Rs)Gain %
AU Small Finance679.6017.08
IDBI Bank51.679.66
Guj. Ambuja Exp265.707.51
Welspun India80.936.40
Chola Financial600.304.48
Graphite India278.304.43
आगे पढ़े  
CompanyLast (Rs)Gain %
AU Small Finance679.2017.07
F A C T320.8012.40
IDBI Bank51.709.77
Guj. Ambuja Exp265.557.66
Welspun India81.156.64
Ingersoll-Rand2763.055.53
आगे पढ़े  

# TRENDING

Market UpdatesStock Market TodayStocks to Watch TodayMS Dhoni Knee OperationUS Debt Ceiling BillGold-Silver PriceApple iPhoneBank of Maharashtra QIPRupee vs DollarAshneer Grover
© Copyright 2023, All Rights Reserved
  • About Us
  • Authors
  • Partner with us
  • Jobs@BS
  • Advertise With Us
  • Terms & Conditions
  • Contact Us