जीएसटी में संदिग्ध लेन-देन बढ़ा | अभिषेक रक्षित / कोलकाता February 25, 2020 | | | | |
पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने आज कहा कि वह जीएसटी उपकर को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि लक्षित कर संग्रह न हो पाने के कारण केंद्र सरकार राज्य का फरवरी-मार्च 2020 का 11,000 करोड़ रुपये जीएसटी मुआवजे का भुगतान रोक सकती है। मित्रा ने सीआईआई के एक कार्यक्रम में कहा, 'मेरी बड़ी चिंता यह है कि फरवरी-मार्च के लिए भुगतान नहीं मिलेगा।' उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 21 प्रतिशत उपकर संग्रह का लक्ष्य रखा है, वहीं यह संग्रह करीब 1.5 प्रतिशत है। मित्रा के मुताबिक राज्य को जहां वित्तीय मसलों से जूझना पड़ रहा है और वैकल्पिक योजनाओं पर काम करना पड़ रहा है वहीं केंद्र सरकार उपकर और अधिभार बढ़ा रही है, जिसमें राज्यों को कोई हिस्सेदारी नहीं मिलती है।
उन्होंने आरोप लगाया, 'राज्यों को निचोड़ा जा रहा है। उपकर लगातार बढ़ रहा है। यह 2013-14 में 6 प्रतिशत था, जो अब बढ़कर 18 प्रतिशत हो गया है। यह देश के संघीय ढांचे के विरुद्ध है। यह प्रतिमान में बदलाव है और देश के संघीय ढांचे को चुनौती दी जा रही है।' करों से इतर उपकर और अधिभार में केंद्र से राज्यों को कोई हिस्सा नहीं मिलता है। मंत्री ने आरोप लगाया कि जीएसटी की त्रुटिपूर्ण डिजाइन के चलते कराधान में धोखाधड़ी बढ़ रही है। उन्होंने कहा, 'जीएसटी संग्रह में धोखाधड़ी करने के लिए लोग फर्जी कंपनियां बना रहे हैं। बगैर किसी परीक्षण के जीएसटी जल्दबाजी में लागू कर दिया गया। इसका परिणाम यह हुआ कि धोखाधड़ी वाले लेन देन देश भर में हो रहे हैं। संदेहास्पद लेन-देन की संख्या बढ़ रही है।'
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने संसद में कहा था कि जीएसटी पर अनरिकवर्ड जुर्माने वाला ब्याज 46,000 करोड़ रुपये है और धोखाधड़ी की राशि बढ़कर 44,000 करोड़ रुपये हो गई है। मित्रा के मुताबिक यह जुर्माने वाला ब्याज कारोबारियोंं द्वारा जीएसटीआर 3 बी फाइलिंग में देरी की वजह से नजर आ रहा है।
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