कोरोनावायरस से टीवीएस के उत्पादन पर 10 फीसदी असर | टी ई नरसिम्हन / चेन्नई February 24, 2020 | | | | |
टीवीएस मोटर ने कहा है कि चीन में कोरोनावायरस फैलने से फरवरी में नियोजित उत्पादन में 10 फीसदी की गिरावट आएगी। इससे पहले देश की सबसे बड़ी दोपहिया कंपनी हीरो मोटोकॉर्प भी कह चुकी है कि फरवरी में कंपनी का उत्पादन 10 फीसदी प्रभावित होगा। टीवीएस मोटर ने कहा, कोरोनावायरस के कारण बीएस-6 वाहनों के उत्पादन के लिए कुछ निश्चित कलपुर्जे की आपूर्ति पर असर पड़ा है। वैश्विक ऑटोमोबाइल आपूर्ति शृंखला का चीन अहम हिस्सा है। कंपनी ने कहा, हालांकि कलपुर्जे के लिए चीन पर हमारी प्रत्यक्ष निर्भरता सीमित है, लेकिन कुछ टियर-2 आपूर्तिकर्ताओं पर प्रतिकूल असर पड़ा है, जिससे फरवरी 2020 में नियोजित उत्पादन में 10 फीसदी की कमी आएगी। कंपनी ने कहा, स्थिति को सामान्य करने के लिए हर तरह की कोशिशें जारी हैं।
टीवीएस मोटर कंपनी के निदेशक व सीईओ केएन राधाकृष्णन ने कहा, जनवरी 2020 से हम पूरी तरह बीएस-6 की ओर जा चुके हैं। बीएस-6 वाहनों के उत्पादन पर असर को न्यूनतम करने के लिए हम आपूर्ति करने वालों के साथ हो रही प्रगति पर निगरानी रखे हुए हैं, जो चीन से कुछ निश्चित कलपुर्जे का आयात करते हैं। इसके साथ ही हम अन्य क्षेत्रोंं से आपूर्ति की संभावना तलाश रहे हैं और भारत के भीतर इसके स्थानीयकरण पर विचार कर रहे हैं। उपभोक्ता केंद्रित संगठन होने के नाते हमारी कोशिश यह सुनिश्चित करने की है कि हमारे ग्राहकों और परिचालन पर असर न्यूनतम हो।
चीन में कोरोनावायरस के प्रसार से कुछ वाहन निर्माताओं का उत्पादन प्रभावित हुआ है जबकि अन्य ने कहा कि उनके पास एक महीने के उत्पादन के लिए पर्याप्त इंतजाम है। उन्होंने कहा, अगर अगले एक महीने में फैक्टरियां नहीं खुलती हैं तो हमारे सामने वास्तविक चुनौती होगी। सकारात्मक पहलू यह है कि वैश्विक स्तर पर जिंस की कीमतों में संभावित गिरावट के कारण चीन बैटरी व टायर फर्मों मसलन अपोलो टायर के मार्जिन को सहारा दे सकता है। क्रिसिल के अनुमान के मुताबिक, आयातित वाहन कलपुर्जे का करीब 18 फीसदी और करीब 30 फीसदी टायरों का आयात चीन से होता है। भारतीय वाहन कलपुर्जा विनिर्माता संगठन ने कहा कि भारत ने साल 2019 में चीन से करीब 4.2 अरब डॉलर के वाहन कलपुर्जे का आयात किया।
चीन गके ने वर्ष के अनुमान से कंपनियों ने इन्वेंट्री का स्टॉक बना लिया था। ऐसे में वायरस के प्रकोप से वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में सीमित अवरोध हो सकता है क्योंकि भारतीय ओईएम 30 से 60 दिन की इन्वेंट्री का आयात करते हैं। क्रिसिल के विश्लेषक ने कहा है, लेकिन अहम कलपुर्जे मसलन प्रिंटेड सर्किट बोर्ड का अभाव ओईएम की वाहन विनिर्माण की क्षमता पर असर डाल सकता है। मौजूदा मंदी और बीएस-6 वाहनों का पर्याप्त स्टॉक देसी ओईएम को राहत दे रहा है, हालांकि उत्पादित बीएस-6 वाहनों की बिक्री 1 अप्रैल 2020 से अनिवार्य होगी। अगर चीन में फैक्टरियां बंद रहती हैं तो इस पर असर पड़ सकता है।
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