सीएए प्रदर्शन उग्र, सिपाही की मौत | बीएस संवाददाता/भाषा / नई दिल्ली February 24, 2020 | | | | |
दिल्ली में नागरिकता कानून के विरोध-समर्थन में हो रहे प्रदर्शनों से सोमवार को हालात बिगड़ गए। उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद और मौजपुर इलाकों में प्रदर्शनकारियों ने कम से कम दो घरों में आग लगा दी। प्रदर्शन के दौरान हेड कांस्टेबल रतन लाल की मौत हो गई। जिससे तनाव और बढ़ गया है। इन इलाकों में सोमवार को लगातार दूसरे दिन सीएए समर्थक और विरोधी समूहों के बीच झड़पें हुईं। प्रदर्शनकारियों ने एक-दूसरे पर पथराव किया। तनाव बढऩे के बीच दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को कानून व्यवस्था बनाए रखने का निर्देश दिया। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा,' मैंने अभी एलजी साहिब से बात। उन्होंंने भरोसा दिलाया कि और पुलिस बल भेजी जा रही है। किसी के भी द्वारा हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मेरी सभी लोगों से विनती है कि कृपया शांति बनाए रखें। हिंसा से काई समाधान नहीं निकलेगा'। केजरीवाल ने कहा कि पुलिस हेड कांस्टेबल की मौत बेहद दु:खदायी है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया व अन्य मंत्रियों ने दिल्लीवासियों से शांति बनाए रखने की अपील की।
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। पुलिस ने समूहों को शांत कराने के भी प्रयास किए। अधिकारियों के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने इलाके में लगी आग बुझाते समय दमकल की एक गाड़ी को भी नुकसान पहुंचाया। दिल्ली मेट्रो ने इलाके में तनाव के बीच जाफराबाद और मौजपुर-बाबरपुर सहित कई स्टेशनों पर प्रवेश और निकास द्वार बंद कर दिए। इन स्टेशनों पर ट्रेनें नहीं रुकेंगी। जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के प्रवेश और निकास द्वार पिछले 24 घंटों से बंद हैं।
संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ बड़ी संख्या में प्रदर्शन कर रहे लोगों ने रविवार को सड़क अवरुद्ध कर दी थी जिसके बाद जाफराबाद में सीएए के समर्थकों और विरोधियों के बीच झड़प शुरू हो गई थी। दिल्ली के कई अन्य इलाकों में भी ऐसे ही धरने शुरू हो गए हैं। मौजपुर में भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने एक सभा बुलाई थी जिसमें मांग की गई थी कि पुलिस तीन दिन के भीतर सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों को हटाए, इसके तुरंत बाद दो समूहों के सदस्यों ने एक-दूसरे पर पथराव किया, जिसके चलते पुलिस को आंसू गैस के गोले छोडऩे पड़े।
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