पायलटों व नियंत्रकों द्वारा नशीली दवा सेवन की होगी जांच | अनीश फडणीस / मुंबई February 21, 2020 | | | | |
नियामकीय कदमों के तहत सुरक्षा में सुधार के लिए भारत में पायलटोंं व हवाई यातायात नियंत्रकों द्वारा ड्रग्स और साइको एक्टिव पदार्थों के सेवन की जांच की जाएगी। औचक जांच के अलावा भर्ती के पहले और दुर्घटनाओं के बाद भी इस तरह के परीक्षण किए जाएंगे। शराब की जांच के लिए उड़ान से पहले पायलटोंं व केबिन क्रू की ब्रेथ एनलाइजर टेस्ट किया जाता है। पिछले साल नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने इस परीक्षण का दायरा बढ़ाकर ग्राउंड पर काम करने वाले लोगों, इंजीनियरों और हवाई यातायात नियंत्रकों (एटीसी) तक कर दिया था। भारत के नियमों को वैश्विक मानकों की तर्ज पर करने के लिए डीजीसीए ने ड्रग्स और नशीले पदार्थों के परीक्षण हेतु पायलटोंं व एसीटी के रेंडम टेस्टिंग का प्रस्ताव किया था। जांच की प्रक्रिया को लेकर जीडीसीए ने आज मसौदा नियम जारी किए हैं।
डीजीसीए द्वारा अधिकृत प्रयोगशालाओं द्वारा डीजीसीए के अधिकारियों की निगरानी में रेंडम टेस्ट किया जाएगा। इन परीक्षणों में हर संस्थान के 10 प्रतिशत कर्मचारी हर साल शामिल होंगे। पहले चरण में मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलूरु और हैदराबाद के फ्लाइट क्रू और एटीसी की जांच की जाएगी। इन परीक्षणों मेंं शुरुआती परीक्षण और पुष्टि के लिए परीक्षण शामिल होगा। शुरुआती यानी स्क्रीनिंग टेस्ट एयरपोर्ट और एटीसी कॉम्प्लेक्स मेंं किया जाएगा और ऐसे परीक्षणों की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी। जिन कर्मचारियोंं के टेस्ट पॉजिटिव पाए जाएंगे उन्हें संवेदनशील सेवाओं से तब तक के लिए हटा लिया जाएगा, जब तक कि पुष्टि के परीक्षण की रिपोर्ट नहीं आ जाती है।
अगर पुष्टि के लिए किया गया परीक्षण भी पॉजिटिव पाया जाता है तो कर्मचारी को पुनर्वास की प्रक्रिया से गुजरना होगा और इलाज कर रहे मनोचिकित्सक और संगठन के मुख्य चिकित्सा अधिकारी की ओर से मंजूरी मिलने के बाद ही उसे काम पर वापस लिया जाएगा। दूसरी बार कानून का उल्लंघन करने वालोंं का लाइसेंस जब्त कर लिया जाएगा। इसमें संलिप्त पाए गए व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई के पहले मेडिकल रिव्यू ऑफिसर की नियुक्ति इसकी समीक्षा करने के लिए किया जाएगा। नागरिक उड्डयन महानिदेशक अरुण कुमार ने कहा, 'हम उद्योग में साइकोएक्टिव पदार्थों का परीक्षण नहीं करते हैं और हम उस खाई को पाटने का कवायद कर रहे हैं। इसके साथ ही हम यह कवायद कर रहे हैं कि अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन व अन्य नियामकों की ओर से स्थापित उच्च मानदंडों का पालन किया जाए। हमें भरोसा है कि इससे हमारे सुरक्षा मानकों में सुधार होगा।' कुमार ने कहा कि प्रस्तावित नियम यूएस फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन और यूरोपियन एविएशन सेप्टी एजेंसी द्वारा तय मानकों की तरह है।
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