'सबकुछ ठीक रहा तो 2021 के अंत तक होगी वसूली' | टीई नरसिम्हन / February 21, 2020 | | | | |
निजी क्षेत्र के ऋणदाता लक्ष्मी विलास बैंक पूंजी जुटाने के लिए पुरजोर कोशिश कर रहा है। जबकि खबरों में कहा गया है कि डीबीएस बैंक, कैपरी ग्लोबल, इंडोस्टार कैपिटल फाइनैंस और टिल्डेन पार्क जैसे निवेशकों ने इस बैंक में दिलचस्पी दिखाई है। लक्ष्मी विलास बैंक के अंतरिम प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी एस सुंदर ने टीई नरसिम्हन से बातचीत में कहा कि कुछ निवेशकों ने दिलचस्पी दिखाई है लेकिन फिलहाल कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। पेश हैं मुख्य अंश:
तीसरी तिमाही के दौरान डूबते ऋण में वसूली के मुकाबले कमी आई है। इसे आप किस तरह देखते हैं?
यदि आप तीसरी तिमाही के दौरान गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) पर गौर करेंगे तो पाएंगे कि उसमें 257 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई जबकि वसूली की रकम 267 करोड़ रुपये रही। हमें 200 करोड़ रुपये की और वसूली होने की उम्मीद थी। दुर्भाग्य से कुछ कारणों से हम उसकी वसूली नहीं कर सके लेकिन इस तिमाही में वसूलने की उम्मीद करते हैं। मुझे विश्वास है कि हम उस सौदे (निवेशकों के साथ) को पूरा करेंगे और चालू तिमाही में कुछ रकम जुटा लेंगे।
आरबीआई ने लक्ष्मी विलास बैंक को त्वरित उपचारात्मक कार्रवाई (पीसीए) के तहत रखा है। कब तक पुनरुद्धार होने की उम्मीद है?
वर्ष 2018 के बाद बैंक ने पूंजी के तौर पर 1,435 करोड़ रुपये प्राप्त किए हैं। जबकि समान अवधि में एनपीए के लिए प्रावधान की रकम 2,500 करोड़ रुपये रही। मौजूदा पूंजी और जुटाई गई रकम का इस्तेमाल प्रावधान संबंधी जरूरतों को पूरा करने में हुआ और समस्या वहीं पैदा हो गई। लेकिन हमें उम्मीद है कि काफी रकम की वसूली हो जाएगी। यदि ऐसा हुआ तो एनपीए की समस्या खत्म हो जाएगी। करीब 4,081 करोड़ रुपये के सकल एनपीए में से करीब 1,400 करोड़ रुपये एनसीएलटी में होने चाहिए। दिवालिया एक सुस्त प्रक्रिया है लेकिन मीडिया खबरों में कहा गया है कि एनसीएलटी के करीब 60 फीसदी मामले अगली कुछ तिमाहियों में निपट जाएंगे। ऐसा होने पर हमारी वसूली कहीं अधिक होगी। मुझे विश्वास है कि 2020-21 में अर्थव्यवस्था वापस तेजी की राह पर लौटेगी। यदि सबकुछ ठीक रहा तो 2021 के अंत तक वसूली हो जाएगी।
आपको कितनी रकम की जरूरत होगी?
हमें वृद्धि, पूंजी पर्याप्तता अनुपात और प्रावधान के लिए 1,500 से 2,000 करोड़ रुपये की जरूरत होगी। मौजूदा सकल एनपीए 4,081 करोड़ रुपये है जबकि शुद्ध एनपीए 1,463 करोड़ रुपये है। प्रावधान कवरेज अनुपात करीब 69 फीसदी है। हमारे रिकॉर्ड के अनुसार, हम एक से दो वर्षों के दौरान इस स्तर के शुद्ध एनपीए से कहीं अधिक की वसूली कर लेंगे। दो वर्षों में इन खातों के लिए प्रावधान की जरूरत नहीं होगी।
आप कुछ निवेशकों के साथ बातचीत कर रहे थे। उसकी क्या स्थिति है? पूंजी जुटाने की आपकी क्या योजना है?
बोर्ड ने हमें संभावित निवेशकों के साथ बातचीत करने के लिए अधिकृत किया है। बातचीत का दायरा न केवल राइट्स इश्यू, तरजीही इश्यू अथवा पात्र संस्थागत प्लेसमेंट के जरिये रकम जुटाने तक सीमित होगी बल्कि विलय अथवा नियंत्रण योग्य हिस्सेदारी की बिक्री पर भी चर्चा की जा सकती है। इसलिए या तो हम पर्याप्त पूंजी जुटाने में समर्थ होंगे अथवा विलय एक बेहतर विकल्प हो सकता है। यही कारण है कि इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनैंस के विलय पर गौर किया गया। इसके जरिये इन समस्याओं को दूर किया जाएगा। हम सभी प्रस्तावों का विश्लेषण कर रहे हैं। इसके तहत विभिन्न पूछताछ और बातचीत विभिन्न चरण में हैं। हमें 31 मार्च से पहले कुछ उल्लेखनीय रकम प्राप्त होने की उम्मीद है।
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