विलय के बाद कारोबार में तालमेल बैठाना असल परीक्षा | टी ई नरसिम्हन / February 20, 2020 | | | | |
केंद्र सरकार ने अगस्त 2019 में इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में विलय करने की योजना की घोषणा की थी ताकि इसे सरकारी क्षेत्र का सातवां सबसे बड़ा बैंक बनाया जा सके। इंडियन बैंक की एमडी और सीईओ पद्मजा चंद्रू ने कहा कि यह भारतीय बैंकिंग उद्योग के सबसे सफल विलय में से एक होगा। चंद्रू ने टी ई नरसिम्हन के साथ विलय के लिए दोनों बैंकों द्वारा किए गए प्रयासों, विलय की शर्तों और चुनौतियों के बारे में बातचीत की। बातचीत के अंश :
विलय की प्रक्रिया (इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में) कैसी चल रही है?
यह तय कार्यक्रम के मुताबिक चल रही है। हमने यह कार्य घोषणा के तुरंत बाद शुरू कर दिया था। सरकार के अधिसूचना जारी करने के बाद ही हम शेयर अदला-बदली और अन्य प्रक्रियाओं का फैसला ले पाएंगे।
आपको किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा और क्या उनका समाधान हो गया है?
शुरुआत में कर्मचारियों विशेष रूप से इलाहाबाद बैंक के कर्मचारियों से संबंधित दिक्कतें थीं। कर्मचारी अपनी नौकरी की सुरक्षा, पदोन्नति, स्थानांतरण आदि को लेकर चिंतित थे, जिन्हें टाउनहॉल मीटिंग के जरिये दूर किया जा रहा है। मैंने खुद बैठकों में शामिल होकर 20 से 25 घंटे खर्च किए हैं। मेरा मानना है कि कर्मचारियों की धारणा में बदलाव आया है। अब उनका रुख इस मुहिम को लेकर ज्यादा आशावादी है।
ऐसी कौनसी चुनौतियां हैं, जो पहले नजर नहीं आईं और अब आप उन्हें हल कर पाएंगे?
असल परीक्षा क्रियान्वयन है। आपने भले ही कितनी योजना बनाई हो, लेकिन आपको क्रियान्वयन के दौरान अप्रत्याशित की योजना बनानी पड़ती है। हालांकि सभी बैंकों में योजनाएं लगभग समान हैं। लेकिन कुछ चीजों में फेरबदल की जरूरत होगी। आईटी को एकीकृत बनाना सबसे बड़ी चुनौती है। मेरा मानना है कि हम उस चीज के लिए तैयार है। हमने एक सलाहकार भी रखा है, जो एसबीआई के सेवानिवृत्त डीएमडी हैं। उन्होंने एसबीआई और सहायक बैंकों के विलय का कामकाज संभाला था।
क्या विलय के बाद बनने वाले बैंक के लिए ज्यादा पूंजी की जरूरत होगी?
10 से 12 फीसदी वृद्धि के लिए हमें पूंजी की जरूरत नहीं है। अगर हम ज्यादा तेजी से बढऩा चाहें तो बड़े और मझोले दोनों शहरों में गुंजाइश है। हमारा अनुमान है कि विलय के बाद 2022 तक 10 लाख करोड़ रुपये का आकड़ा छूने के लिए करीब 2,000 करोड़ रुपये की जरूरत पड़ सकती है।
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