अदाणी गैस को मिली मूल कंपनी से अलग होने की इजाजत | एजेंसियां / नई दिल्ली February 20, 2020 | | | | |
अदाणी गैस को तेल एवं गैस क्षेत्र के नियामक से अपनी मूल कंपनी से अलग होने के साथ-साथ फ्रांस की प्रमुख ऊर्जा कंपनी टोटाल को हिस्सेदारी बेचने की अनुमति मिल गई है। सूत्रों ने जानकारी दी कि कंपनी के आधिकारिक तौर पर अनुमति मांगे जाने के बाद पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (पीएनजीआरबी) ने मंजूरी दे दी है। इससे पहले पीएनजीआरबी ने अदाणी गैस को 13 शहरों में गैस वितरण के लिए मिला लाइसेंस रद्द कर दिया था। इसकी वजह कंपनी का मूल कंपनी से अलग होने की जानकारी साझा ना करके कथित तौर पर धोखाधड़ी करना था। कंपनी को यह लाइसेंस 2018 में नौंवे दौर की बोली के दौरान मिला था।
पीएनजीआरबी के 29 नवंबर 2019 को अदाणी गैस को कारण बताओ नोटिस जारी करने पर कंपनी ने कहा कि उसने इस संबंध में सभी संबंधित प्राधिकारों को मीडिया, अखबार, सार्वजनिक सूचना, सार्वजनिक सूचीबद्धता और बोली दस्तावेजों के माध्यम से अदाणी गैस लिमिटेड के पुनर्गठित किए जाने की जानकारी दी है। लेकिन पीएनजीआरबी ने इस संबंध में कंपनी मामलों के मंत्रालय से धोखाधड़ी को लेकर जांच कराने की चेतावनी दी और कंपनी पर 396.81 करोड़ रुपये का जुर्माना लगा दिया। इसके बाद कंपनी का 13 शहरों का लाइसेंस रद्द कर दिया गया। सूत्रों ने बताया कि इसके बाद कंपनी ने हिस्सेदारी बेचने के लिए आधिकारिक तौर पर आवेदन किया और इस पर पीएनजीआरबी ने अनुमति दे दी।
पीएनजीआरबी ने हालांकि कंपनी से कहा कि उसे हिस्सेदारी बेचने की मंजूरी समय पर मांगनी चाहिए थी। कंपनी के प्रवक्ता इस बारे में टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं हुए। मूल रूप से अदाणी गैस, अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) का हिस्सा थी और अदाणी फैमिली की 74.8 फीसदी हिस्सेदारी का आधा टोटाल को बेचने से पहले उसे अलग इकाई बनाया गया। पीएनजीआरबी ने नवंबर के नोटिस में कहा था कि सिटी गैस वितरण के लिए बोली लगाने के समय वह एकीकरण और कारोबार अगल करने की योजना लागू कर रही थी और इससे वाकिफ थी कि इसके परिणामस्वरूप एईएल से एजीएल के प्रवर्तक में बदलाव होगा। एजीएल ने बोली के मानकों पर खरा उतरने के लिए एईएल की हैसियत का इस्तेमाल किया और स्वामित्व में बदलाव के बारे में खुलासा न करना धोखाधड़ी था।
अक्टूबर 2018 में अदाणी समूह ने ऑटोमोबाइल व पाइप्ड रसोई गैस घरों तक पहुंचाने के लिए सीएनजी की खुदरा बिक्री खातिर टोटाल के साथ 50-50 फीसदी हिस्सेदारी वाला संयुक्त उद्यम बनाने पर सहमति दी थी। एक साल बाद टोटाल ने अदाणी गैस की 37.4 फीसदी हिस्सेदारी करीब 5,700 करोड़ रुपये में खरीदने के लिए करार किया। पिछले महीने जब पीएनजीआरबी के नोटिस की खबर आई तो अदाणी गैस ने कहा था कि उसने पीएनजीआरबी को सभी आवश्यक सूचनाएं दी है। अदाणी गैस के प्रवक्ता ने कहा था कि हमने कॉरपोरेट गवर्र्नेंस के सिद्धांतों का पालन किया है। उल्लेखनीय है कि हम पूरी तरह अनुपालन करने वाले हैं और पारदर्शी तरीकेसे तथ्यों की सूचना दी, जो अनुपालन व खुलासा नियमों के मुताबिक था। प्रवक्ता ने यह भी कहा कि जुर्माने का सवाल ही नहीं उठता क्योंंकि यह लागू होने योग्य नहीं है और इसके अतिरिक्त अदाणी गैस ने लागू कानून व नियमों का अनुपालन किया है।
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