अनाज भंडारण की होगी समस्या | संजीव मुखर्जी / नई दिल्ली February 18, 2020 | | | | |
इस बार गेहूं के रिकॉर्ड उत्पादन से भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के लिए भंडारण की समस्या पैदा हो सकती है। आज जारी दूसरे अग्रिम अनुमानों के मुताबिक आने वाली गेहूं की फसल का उत्पादन अब तक का सबसे अधिक 1,062 लाख टन रहेगा। ऐसे में अगर एफसीआई ने आगामी महीनों में पहले के अनाज भंडार को जल्द बेचने के लिए कदम नहीं उठाए तो उसे भंडारण की समस्या से जूझना पड़ सकता है। सरकार के लिए 2020-21 में नए गेहूं की आवक के लिए भंडारण स्थान की व्यवस्था करना एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है। आज जारी आंकड़ों में दिखाया गया है कि जुलाई 2019 से शुरू फसल वर्ष 2019-20 में गेहूं का अनुमानित उत्पादन 2018-19 से 26.1 लाख टन और इस वर्ष के लक्ष्य से 57.1 लाख टन अधिक है।
अगर बीते वर्षों की तरह यह मानकर चलते हैं कि एफसीआई और राज्य एजेंसियां गेहूं के इस भारी उत्पादन में से करीब 30 से 35 फीसदी खरीदारी करती हैं तो पहले से मौजूद स्टॉक में 280 से 370 लाख टन का इजाफा होगा। इससे एफसीआई की पहले से ही कमजोर वित्तीय स्थिति पर और दबाव बढ़ेगा। वित्त वर्ष 2021 के बजट दस्तावेज के मुताबिक एफसीआई 2020-21 में राष्ट्रीय लघु बचत कोष (एनएसएसएफ) से 24 फीसदी अधिक यानी 1.36 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लेगा। आंकड़े दर्शाते हैं कि केंद्रीय भंडार में खाद्यान्न (गेहूं एवं चावल) का कुल स्टॉक 7 फरवरी 2020 को करीब 578.1 लाख टन अनुमानित था। इसमें गेहूं का स्टॉक 303.6 लाख टन अनुमानित था, जो जरूरत से 124 फीसदी अधिक है। वहीं चावल का स्टॉक 274.1 लाख टन अनुमानित है, जो हर साल 1 जनवरी को जरूरी स्टॉक से 260 फीसदी अधिक है।
एक जनवरी को एफसीआई और राज्य एजेंसियों के पास 758.1 लाख टन का भंडारण स्थान था। वित्त वर्ष 2019-20 में केंद्र के लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के लिए 603.9 लाख टन का आवंटन करने का अनुमान है, जो खरीद के मुकाबले काफी कम है। इस बीच दूसरे अग्रिम अनुमानों में दर्शाया गया है कि रबी की अन्य प्रमुख फसलों में चने का उत्पादन 112.2 लाख टन अनुमानित है, जो पिछले साल से 12.80 फीसदी अधिक है। रबी सीजन में उगाई जाने वाली सबसे बड़ी तिलहन फसल सरसों का उत्पादन मामूली गिरकर 91.1 लाख टन रहने का अनुमान है, जो पिछले साल से 1.54 फीसदी कम है।
दूसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक रबी सीजन के सभी खाद्यान्नों का कुल उत्पादन 1,496 लाख टन रहने का अनुमान है, जो पिछले साल से 4.10 फीसदी अधिक है। देश में रबी और खरीफ दोनों फसलों का उत्पादन 2019-20 में 2,919.5 लाख टन रहने का अनुमान है, जो 2018-19 के मुकाबले 2.36 फीसदी अधिक है। सरकार ने दूसरे अग्रिम अनुमानों में खरीफ सीजन 2019-20 में दलहन के उत्पादन का अनुमान भी पहले अग्रिम अनुमान के मुकाबले घटाया है। पहला अग्रिम अनुमान पिछले साल सितंबर में जारी किया गया था। दूसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक खरीफ सीजन 2019-20 में दलहन का उत्पादन 79.2 लाख टन अनुमानित है, जो पहले अग्रिम अनुमान 82.3 लाख टन से कम है। इसकी वजह यह है कि अब उड़द उत्पादन का अनुमान 17.2 लाख टन कर दिया गया है, जो पहले 24.3 लाख टन का अनुमान था।
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