कर माफी योजना के नियम आसान बनाने की तैयारी | दिलाशा सेठ / नई दिल्ली February 17, 2020 | | | | |
► छह मामले वास्तविक रूप से वापस लिए जाने तक नहीं करना होगा इंतजार
► देश में 4 लाख से अधिक मामले लंबित
कर विभाग बकाया कर देनदारी की घोषणा करने वाले करदाताओं को मार्च के एक पखवाड़े में 'विवाद से विश्वास योजना' में शामिल करने के लिए विशेष प्रावधान करने में व्यस्त है। आगामी प्रत्यक्ष कर संहिता विवाद समाधान योजना अपनी अतार्किक समय सीमा के कारण करदाताओं को अपनी तरफ खींचने में बहुत सफल नहीं हो सकती है। इसी आंशका के मद्देनजर कर विभाग ने यह कवायद शुरू की है।
विभाग अधिकारियों को मार्च में 'विवाद से विश्वास' विधयेक कानून बनने के बाद आवेदनों का निपटान ऑनलाइन माध्यम से एक दिन में करने के लिए कहेगा। इसके साथ ही विभाग करदाताओं को विभिन्न न्यायिक स्तर से मामले वास्तविक रूप से वापस लिए जाने तक इंतजार किए बिना इसमें शिरकत करने की इजाजत देगा।
हालांकि, करदाता नकदी की व्यवस्था और कंपनी से समय रहते अनुमति हासिल करने जैसी चुनौतियों को लेकर खासे चिंतित हैं। 'विवाद से विश्वास योजना' में 31 मार्च 2020 तक बकाया कर देनदारी का निपटान करने के लिए ब्याज एवं जुर्माने एवं कानूनी कार्रवाई से छूट की पेशकश की गई है। इस समय 9.3 लाख करोड़ रुपये से अधिक के 4 लाख से अधिक मामले विचाराधीन हैं।
बकाया कर की घोषणा करने वालों को विवाद से विश्वास आवेदन के साथ आयुक्त (अपील), आय कर अपील न्यायाधिकरण, उच्च न्यायालय या उच्चतम न्यायालय से मामले वापस लिए जाने का आवेदन सौंपना होगा। इस बारे में एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, 'हमने तय किया है कि मामले वापस लिए जाने का आवेदन इस योजना में भाग लेने के लिए पर्याप्त होगा।'
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