बीपीसीएल, शिपिंग कॉर्प, कॉनकॉर के लिए शीघ्र अभिरूचि पत्र | अरूप रायचौधरी / नई दिल्ली February 14, 2020 | | | | |
केंद्र सरकार भारत पेट्रोलियम में अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए संभावित खरीदारों को आमंत्रित करने के लिए कुछ ही दिनों में अभिरूचि पत्र (ईओआई) और प्राथमिक सूचना ज्ञापन (पीआईएम) जारी कर सकती है। इसके बाद कंटेनर कॉर्प और फिर शिपिंग कॉर्प में रणनीतिक बिक्री के लिए ईओआई और पीआईएम लाया जाएगा। बिजनेस स्टैंडर्ड को पता चला है कि मार्च के मध्य तक इन तीनों कंपनियों के लिए ईओआई और पीआईएम जारी कर दिया जाएगा। इसका मतलब है कि 1 अप्रैल को जब वित्त वर्ष 2020-21 की शुरुआत होगी तब तक इन कंपनियों के केंद्र की हिस्सेदारी बिक्री की प्रक्रिया काफी आगे बढ़ चुकी होगी। वित्त मंत्रालय के निवेश एवं सार्वजनिक वित्त प्रबंधन विभाग (दीपम) के वरिष्ठ अधिकारी इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि केंद्र सरकार आगामी वित्त वर्ष की पहली छमाही में बीपीसीएल, कॉनकॉर, शिपिंग कॉर्प और एयर इंडिया का निजीकरण करने में कामयाब होगी।
यही बात आज दीपम के सचिव तुहिनकांत पांडे की प्रतिक्रिया में नजर आई। वह नीति आयोग में सरकारी अधिकारियों और वित्त क्षेत्र के विशेषज्ञों के साथ बजट के बाद की बैठक में शामिल होने आए थे। उन्होंने कहा कि चार कंपनियों के निजीकरण की प्रक्रिया वित्त वर्ष 2021 की पहली छमाही में पूरी कर ली जाएगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'कुछ ही दिनों में बीपीसीएल के लिए ईओआई जारी कर दी जाएगी। रणनीतिक बिक्रियों के लिए केवल अल्टरनेटिव मैकेनिज्म से मंजूरी लेना बाकी है।' सौदे में नुमालीगढ़ रिफाइनरी को छोड़कर सभी संपत्तियों में बीपीसीएल की हिस्सेदारी को शामिल किया जाएगा। उस अधिकारी ने कहा कि नुमालीगढ़ रिफाइनरी को सौदे से बाहर रखा गया है।
अधिकारी ने कहा, 'कॉनकॉर के सौदे के लिए केवल इस बात पर काम करना बाकी है कि भारतीय रेलवे संभावित खरीदार को किन शर्तों पर जमीन का पट्टा देगी। एक बार यह स्पष्ट होते ही ईओआई जारी कर दिया जाएगा। इसमें वे सारी जानकारियां और उनके आधार पर कॉनकॉर का मूल्यंाकन शामिल होगा।' इसके बाद 15 मार्च तक शिपिंग कॉर्प का ईओआई और पीआईएम जारी किए जा सकते हैं। उस अधिकारी ने कहा कि कंपनी के लिए रोड शो का काम अभी भी लंबित है। इसके लिए संभावित गंतव्यों में सिंगापुर, दुबई और यूरोप के बड़े शिपिंग उद्योग गंतव्य शामिल हैं।
इसके अलावा, बीपीसीएल या एयर इंडिया वह पहली कंपनी होगी जिसकी हिस्सेदारी बिक्री नई ई-बोली प्लेटफॉर्म के जरिये की जाएगी। एक दूसरे अधिकारी ने बताया कि यह प्लेटफॉर्म विनिवेश के लिए बनाया गया है। ऑनलाइन माध्यम को अपनाने और कागजी बोली से दूरी बनाने से प्रक्रिया को ज्यादा सुदृढ़ और पारदर्शी बनने की उम्मीद है। बहरहाल, अधिकारियों ने कहा कि कोरोनावायरस के डर से सुदूर पूर्व देशों में रोड शो रद्द होने से भी चालू वित्त वर्ष (2019-20) के लिए संशोधित विनिवेश योजनाएं पटरी से नहीं उतरेगी। आईआरएफसी लिमिटेड के लिए आरंभिक सार्वजनिक निर्गम और एनएमडीसी लिमिटेड तथा सेल के लिए बिक्री की पेशकश की खातिर रद्द किए गए रोड शो को विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये किया जाएगा और ये तीनों सार्वजनिक इश्यू 31 मार्च से पहले पूरे हो जाने की उम्मीद है।
2020-21 के लिए 2.10 लाख करोड़ रुपये का भारी भरकम विनिवेश लक्ष्य रखा गया है। यह 2017-18 में दीपम द्वारा हासिल किए गए 1 लाख करोड़ रुपये से दोगुने से अधिक है। 2019-20 के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1.05 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य दिया था। इसे हालिया केंद्रीय बजट में संशोधित कर 65,000 करोड़ रुपये कर दिया गया था। दीपम के अधिकारियों ने कहा कि वित्त वर्ष 2020 के लिए अब तक करीब 35,000 करोड़ रुपये हासिल किए जा चुके हैं। वित्त वर्ष 2021 के लिए निर्धारित 2.1 लाख करोड़ के विनिवेश लक्ष्य में से करीब 90,000 करोड़ रुपये आईडीबीआई बैंक और भारतीय जीवन बीमा निगम जैसे वित्त क्षेत्र की कंपनियों में सरकारी की हिस्सेदारी बिक्री से प्राप्त होगी।
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