आईटी में रहेगा उत्पाद केंद्रित वृद्घि पर जोर | देवाशीष महापात्र / बेंगलूरु February 12, 2020 | | | | |
ऐसा विरले ही होता है जब देश की तीन शीर्ष आईटी फर्र्मों के प्रमुख एकसाथ एक मंच पर नजर आएं। तीनों प्रतिस्पद्र्घी कंपनियों के दिग्गज नैसकॉम के प्रमुख आईटी कार्यक्रम में नजर आए और उद्योग की स्थिति और आगे के परिदृश्य पर चर्चा की। नैसकॉम द्वारा आयोजित सालाना आईटी कार्यक्रम से इतर बातचीत के एक सत्र में टाटा कंसल्टेंसी के मुख्य कार्याधिकारी एवं प्रबंध निदेशक राजेश गोपीनाथन, इन्फोसिस के मुख्य कार्याधिकारी एवं प्रबंध निदेशक सलिल पारेख और विप्रो के कार्यकारी चेयरमैन रिशद प्रेमजी ने इस पर सहमति जताई कि निर्यात आधारित आईटी उद्योग के लिए समय चुनौतीपूर्ण बना रहेगा। ऐसे में इस क्षेत्र की घरेलू कंपनियां उत्पाद आधारित वृद्घि की रणनीति पर ध्यान केंद्रित करेंगी।
12 लाख करोड़ रुपये से अधिक समेकित बाजार पूंजी और करीब 6 लाख कर्मचारियों वाली इन तीनों कंपनियों के प्रमुखों ने उद्योग की स्थिति को लेकर भी समान विचार साझा किए। रिशद प्रेमजी, जो नैसकॉम के चेयरमैन रह चुके हैं, ने कहा, 'हमारा सिद्घांत उत्पाद और सेवाओं का एकीकरण तथा उन्हें अपने ग्राहकों को आपूर्ति करना है। हम सेवाओं को बढ़ाने पर ध्यान दे रहे हैं।' टीसीएस के गोपीनाथन ने कहा, 'अगर आप वैश्विक स्तर पर तीन शीर्ष बैंकिंग प्लेटफॉर्म को देखें तो इसमें भारतीय आईटी सेवा प्रदाताओं का अहम योगदान है।' इसी तरह इन्फोसिस के पारेख ने कहा कि आने वाले वर्षों में उत्पाद आधारित कारोबार के विकास के विभिन्न तरीके हो सकते हैं। टीसीएस का बैंक्स और इन्फोसिस का फि नेकल दो सर्वाधिक चर्चित बैंकिंग प्लेटफॉर्म हैं, जिसका इस्तेमाल दुनिया भर के प्रमुख बैंकों द्वारा किया जाता है।
भारतीय आईटी फर्में अपने ग्राहकों को बेहतर सेवाएं मुहैया कराने के लिए धीरे-धीरे अपना उत्पाद और प्लेटफॉर्म विकसित कर रहे हैं। इससे आईटी फर्में न केवल बेहतर मूल्य निर्धारण की स्थिति में होंगे बल्कि भविष्य में इन परिसंपत्तियों से मुद्रीकरण के अवसर भी मिल सकते हैं। तीनों आईटी दिग्गजों ने कहा कि यह रणनीति भले ही निकट भविष्य में पारंपरिक राजस्व पर थोड़ा प्रभाव डाले लेकिन निवेशकों के लिए यह चिंता का विषय नहीं होना चाहिए।
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