'महाराजा' की यादगार चीजों की प्रदर्शनी | पवन लाल / February 12, 2020 | | | | |
कई सालों तक कर्ज और आर्थिक संकट से जूझती रहने वाली देश की सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया का विनिवेश करने की सरकार की घोषणा के बाद कंपनी के कला संग्रह की प्रदर्शनी की शुरुआत गुरुवार को मुंबई के नेहरू केंद्र में होगी। आयोजकों का कहा है कि महाराजा ऑफ स्काई - एन इंडियन हैरिटेज (आकाश के महाराज - एक भारतीय विरासत) नामक इस प्रदर्शनी का आयोजन सोसाइटी फॉर कल्चर ऐंंड एनवायरनमेंट द्वारा किया जा रहा है। इसमें सौ से ज्यादा यादगार चीजें शामिल हैं जिनमें से ज्यादातर प्रतिकृतियां हैं, लेकिन एयर इंडिया से उधार ली हुई कुछ मौलिक वस्तुएं भी शामिल हैं।
इन मौलिक वस्तुओं में जेआरडी टाटा की उड़ान रिकॉर्ड वाली बुक, एयरलाइन के लोगो वाली रॉयल डॉल्टन की चीनी मिट्टी की प्लेट, फ्लाइट रिकॉर्डर और हवाई जहाज के छोटे मॉडल भी शामिल हैं, जबकि प्रतिकृतियों में पोस्टर और कैलेंडरों की तस्वीरें, डायरियां, डायरी, कोस्टर, पोस्टर और पेंटिंग शामिल हैं। एयर इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक अश्विनी लोहानी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि पहले संपूर्ण कला संग्रह और संग्रह की वस्तुओं को केवल इसी के लिए तैयार किए गए नए संग्रहालय में रखने की योजना थी जिसे रद्द कर दिया गया है। अब निकट भविष्य में पूरा कला संग्रह निकट दिल्ली में राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्राहलय में रखा जाएगा। दूसरे शब्दों में विनिवेश हो या न हो, लेकिन कला और यादगार चीजों की बिक्री नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शनी एयर इंडिया के शानदार अतीत और संस्कृति का गवाह होगी जिसका अपना अलग आकर्षण और शैली हुआ करती थी। वह कहते हैं कि सारी मुश्किलों के बावजूद यह विमानन कंपनी अब भी 40 अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों के लिए उड़ान भरती है और रोजाना इसकी 450 उड़ानें संचालित होती हैं। एयर इंडिया में कंपनी को बढ़ावा देने के लिए विभागीय बजट के जरिये कला में निवेश करने की रवायत जारी थी। एयर इंडिया के कला विभाग की कमान पहले युवा प्रतिभाओं ने संभाली जो बाद में स्थापित कलाकार बने जिनमें बी. प्रभा भी शामिल हैं जिनकी पेंटिंग को पहले एयर इंडिया ने ही खरीदा।
एयर इंडिया के मूल संग्रह में छह फीट की एम एफ हुसैन की पेंटिंग शामिल है। इसके अलावा वी एस गायतोंडे, अंजलि इला मेनन, जितीश कलात और शक्ति बर्मन जैसे कलाकारों की कलाकृतियां भी शामिल हैं। कपड़े, प्रतिमा, लकड़ी की कलाकृतियां और एश-ट्रे भी तैयार किए गए। इसके अलावा इन संग्रहों में डायरी, पोस्टर और गोवा के कलाकार मारियो मिरांडा के स्केच भी शामिल हैं। अब सवाल यह है कि कंपनी के संग्रह में कितनी कलाकृतियां शामिल हैं? एक अनुमान के मुताबिक अनुमानत: 10,000 से 40,000 कलाकृतियां हैं हालांकि यह जानकारी नहीं है कि संग्रह के कैटलॉग में कितनी शामिल की गई हैं। एयर इंडिया के अधिकारी ने संख्या बताने से इनकार करते हुए यह कहा कि लेटर हेड, सालाना डायरी और कोस्टर्स को भी संग्रह में शामिल किया गया है ऐसे में तादाद ज्यादा होगी।
क्या इस पूरे संग्रह का कोई मूल्यांकन किया गया है? इस सवाल पर विशेषज्ञों का कहना है कि पोर्टफोलियो में कलाकृतियों की विविधता के कारण इसे किसी एक संख्या में सीमित करना मुश्किल है। पिरामल आर्ट फाउंडेशन के निदेशक अश्विन राजगोपालन कहते हैं कि एयर इंडिया के मौलिक पोस्टर ही 50,000 से 60,000 रुपये के बीच बिकते हैं जो सिर्फ एक पोस्टर के लिए काफी अधिक दाम हैं।
|