'केंद्र ने नहीं दिए बंगाल को 50,000 करोड़ रु' | नम्रता आचार्य / कोलकाता February 10, 2020 | | | | |
पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने आज कहा कि केंद्र ने राज्य को 50,000 करोड़ रुपये से ज्यादा देने से मना कर दिया है। 2020-21 का बजट पेश करने के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा कि हाल के केंद्रीय बजट में कर के बंटवारे के मद से पश्चिम बंगाल को 2019-20 में करीब 11,300 करोड़ रुपये देने से मना कर दिया गया है। इसके अलावा अनुदान के मद में राज्य को करीब 37,973 करोड़ रुपये देने से मना किया गया है। इसके अलावा करीब 1,300 करोड़ रुपये जीएसटी मुआवजा इस महीने का बकाया है।
मित्रा ने कहा कि इस तरह से कुल मिलाकर पश्चिम बंगाल को करीब 50,486 करोड़ रुपये देने से मना कर दिया गया है। मित्रा ने कहा, 'जब मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की, उन्होंने बकाये की सूची प्रधानमंत्री को सौंप दी, जो बढ़कर 38,000 करोड़ रुपये हो चुका था। अब बजट के बाद हम जानते हैं कि यह राशि बढ़कर 50,000 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गई है। इस तरह से कुल बकाया राशि 90,000 करोड़ रुपये के करीब होगी।' पश्चिम बंगाल के बजट दस्तावेजों के मुताबिक 2020-21 में केंद्रीय करों व शुल्कों में से राज्य की हिस्सेदारी बढ़कर 65,835 करोड़ रुपये हो गई है, जो 2019-20 में 59,261 करोड़ रुपये (संशोधित अनुमान) थी। इसमें 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। केंद्र सरकार से 2020-21 के लिए सहायता अनुदान 38,490 करोड़ रुपये है, जो 2019-20 के संशोधित अनुमान में 34,174 करोड़ रुपये था, जो 13 प्रतिशत बढ़ोतरी है।
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