तकनीक के सहारे बदलेगा ग्राहक सेवा कारोबार | विभु रंजन मिश्रा और देवाशिष महापात्र / February 09, 2020 | | | | |
लगभग हम सभी ग्राहक सेवा प्रतिनिधि से बात करने के लिए काफी देर तक इंतजार करने के अनुभव से गुजर चुके हैं। काफी इंतजार करने के बाद भी जब हमारी बात होती है तो इस बात का बिल्कुल भरोसा नहीं होता कि हमारी समस्या का समाधान हो ही जाएगा। हालांकि बहुत जल्द यह सब बदल जाएगा। इसमें कृत्रिम मेधा (एआई), मशीन लर्निंग और डेटा एनालिटिक्स जैसी तकनीक की मदद से बोलने वाले चैटबॉट लाना और टेक्स्ट को एकसाथ करना शामिल है।
यूनाइटेड एयरलाइन्स का ही उदाहरण लीजिए। जब आप ग्राहक सेवा संबंधित चैटबॉट से बात करते हैं तो वह पहले से ही जानता है कि आप कौन हैं। वह जानता है कि क्या आप यात्रा करने वाले हैं या अभी अभी यात्रा समाप्त की है। अगर आप यात्रा वाले दिन फोन करते हैं तो प्रणाली इस बात का अनुमान लगा लेती है कि क्या शायद आप टिकट कैंसिल कराएंगे या यात्रा की तिथि में बदलाव के लिए कॉल कर रहे हैं। आसान शब्दों में कहें तो आपको गैर-जरूरी सवालों का जवाब नहीं देना है साथ ही नाम, जगह, टिकट आईडी नंबर आदि देने की भी आवश्यकता नहीं होगी।
एआई तकनीक की मदद से ग्राहक अनुभव बेहतर बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही कंपनी [24]7.एआई के सह-संस्थापक पीवी कन्नन कहते हैं कि एआई तकनीक समर्थित सिस्टम पुराने आंकड़ों और प्रदर्शन के आधार पर आपके आगामी कदम का अनुमान लगा लेता है। कन्नन ने एस नागराजन के साथ मिलकर इसकी स्थापना की थी। स्पीच बॉट, चैट बॉट और मानव इंटरफेस जैसे क्षेत्रों में विकसित अपनी तकनीक की मदद से कंपनी ग्राहकों के अनुभव को अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर पहुंचा सकती है और कॉल करने वाले व्यक्ति को इस बात का आभास भी नहीं होगा कि वह किसी चैटबॉट के साथ बात कर रहा है। 'द एज ऑफ इंटेंट' नामक अपनी पुस्तक में कन्नन ने कुछ ऐसे तरीकों के बारे में बताया है जिनके जरिये एआई तकनीक की मदद से ग्राहक सेवा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा, 'इस पुस्तक को लिखने का कारण था कि ऐसी बहुत सी गलत धारणाएं हैं कि एआई से बहुत सी नौकरियां खत्म हो जाएंगी या एआई सिर्फ प्रचार तक ही सीमित होगी।' [24]7.एआई को भले ही वर्ष 2000 में बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग कंपनी की तरह बनाया गया हो, लेकिन अब इसके मूल में एआई तकनीक और उसके विभिन्न प्रयोग हैं। शुरुआत में 24/7 कस्टमर के नाम से जाने जाने वाली कंपनी बाद में एआई सॉफ्टवेयर कंपनी बन गई और [24]7.एआई नाम रख लिया।
वर्ष 1995 में कन्नन और नागराजन ने कारोबार की नींव रखी और उन्होंने एक ऐसा पहला ग्राहक सेवा प्लेटफॉर्म विकसित किया, जो 'चैट' ऐप्लीकेशन सेवा देता था। वर्ष 1999 में उन्होंने इसे 14 करोड़ डॉलर के स्टॉक सौदे में काना सॉफ्टवेयर को बेच दिया। एक वर्ष बाद, उन दोनों ने एक बार फिर हाथ मिलाया और अपनी दूसरी कंपनी 24/7 कस्टमर को लॉन्च किया।
1990 के दशक में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज में नौकरी करने के दौरान ही कन्नन की मुलाकात नागराजन से हुई थी। कन्नन कहते हैं, 'एक कंपनी के तौर पर हम ग्राहक सेवा को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम बी2बी कंपनी हैं और इस तरह का काम करने वाली एक दुर्लभ कंपनी है।' बीपीओ कंपनी के तौर पर भी [24]7 शोध एवं विकास पर काफी ध्यान देती है और गणित, सांख्यिकी, नैचुरल लैंग्वेज प्रोग्रामिंग, टेक्स्ट माइनिंग और मशीन लर्निंग जैसे क्षेत्रों में शोधार्थियों तथा पीएचडी डिग्री धारकों की एक टीम के साथ काम कर रही है। यह आश्चर्य की बात नहीं है कि कैलिफोर्निया स्थित कंपनी का मुख्य कार्यालय बेंगलूरु में है और इसके पास फिलहाल 135 पेटेंट हैं तथा 200 के लिए आवेदन किया हुआ है।
कंपनी ने अधिग्रहण के जरिये विस्तार करने की रणनीति पर भी काम किया है। कंपनी अभी तक सात अधिग्रहण कर चुकी है और कंपनी के क्षेत्रीय विस्तार के बजाय तकनीकी उन्नयनय पर ध्यान केंद्रित कर रही है। वर्ष 2012 में कंपनी ने वोक्सिफि का अधिग्रहण किया था जो स्वचालित कॉल सेंटर एजेंट तैयार करती है। कुछ समय बाद कंपनी ने मौइक्रोसॉफ्ट से 'टेलमी नेटवर्कस' का अधिग्रहण किया और सौदे के तहत 150 तकनीकी कर्मियों को भी अपनी टीम में शामिल किया। नागराजन कहते हैं, 'नई पीढी की तकनीक पर काम करने के लिए यह सौदा अहम साबित हुआ। माइक्रोसॉफ्ट की हमारी कंपनी में थोड़ी हिस्सेदारी भी है।'
इसके बाद कंपनी ने सेल्फ सर्विस तकनीक और आभासी एजेंट उपाय विकसित करने वाली कनाडा की एक कंपनी इंटेलआईरेस्पॉन्स का अधिग्रहण किया। इसके बाद वर्ष 2015 में सर्च इंजन प्लेटफॉर्म कैंपेंज का और 2016 में कंटेंट पर्सनलाइजेशन करने वाली इंगेज क्लिक का अधिग्रहण किया गया। कंपनी ने वर्ष 2003 के बाद से कोई भी वित्त उगाही नहीं की है और उस समय सिकोया ने 2.2 करोड़ डॉलर का निवेश किया था।
इस क्षेत्र में हिल्टन, एटीऐंडटी, सिटी, बेस्टबडी, अमेरिकन एक्सप्रेस और ईबै जैसी बड़ी कंपनियां विस्तार की रणनीति पर काम कर रही हैं और ऐसे में [24]7 डॉट एआई तकनीक के साथ नई संभावनाओं को भुनाने में लगी है। इसके प्रतिस्पर्धियों में एलोरिका, मिक्सपैनल और जेनेसिस शामिल हैं। हालांकि कंपनियों द्वारा एआई तकनीक को अधिक से अधिक संख्या में अपनाने से [24]7 को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में प्रतिस्पर्धा में इजाफा होगा। कन्नन कहते हैं, 'आज के ग्राहकों में सहनशीलता की कमी है और ऐसे में एआई भविष्य में कारगर तकनीक साबित होगी।'
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