विदेशी निवेशक आईएफएससी में कर अनिश्चितता से निराश | ऐश्ली कुटिन्हो / मुंबई February 07, 2020 | | | | |
गुजरात इंटरनैशनल फिन-टेक सिटी (गिफ्ट सिटी) के अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) में मौजूद एक्सचेंजों पर रुपया बॉन्डों में कारोबार करने वाले विदेशी निवेशकों को दी गई कर रियायत से अनिश्चितता पैदा हुई है। आईएफएससी में बॉन्डों की सूचीबद्घता बढ़ाने के प्रयास में बजट में रुपया-आधारित बॉन्डों में निवेश पर प्राप्त ब्याज के लिए विदहोल्डिंग टैक्स में कमी की गई। इस कर को 5 प्रतिशत से घटाकर 4 प्रतिशत किया गया है। हालांकि इन निवेशकों के लिए कुल कर दरें 5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित बनी हुई हैं। इसका मतलब है कि वैश्विक निवेशकों को रिटर्न फाइल करना होगा और आयकर कानूनों का पालन करते हुए एक प्रतिशत अतिरिक्त कर चुकाना होगा। इससे अनुपालन लागत बढ़ जाएगी और जांच सख्त हो जाएगी, क्योंकि निवेशकों को संबद्घ लेनदेन का विवरण, कर पहचान संख्या (टीआईएन) और अन्य जानकारियां देनी होंगी।
ईवाई इंडिया में पार्टनर अनीश ठाकर ने कहा, 'आईएफएससी एक्सचेंजों पर सूचीबद्घ डेट योजनाओं में निवेश करने वाले विदेशी निवेशकों को 4 प्रतिशत के कम विदहोल्डिंग टैक्स का सामना करना होगा। हालांकि इस आय पर कर की दर 5 प्रतिशत बनी रहेगी। इससे निवेशकों द्वारा कर भुगतान और रिटर्न फाइल के संदर्भ में अतिरिक्त अनुपालन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।' आईएफएससी में ट्रेडिंग के लिए रियायती कर दरें 1 अप्रैल 2020 से प्रभावी होंगी और 30 जून, 2023 तक वैध रहेंगी। विदहोल्डिंग टैक्स स्रोत के तौर काटे गए कर के समान है, जिसमें आय मुहैया कराने वाला आय प्राप्त करने वाले को भुगतान से पहले कर काटने के लिए जिम्मेदार होता है।
एक व्यक्ति ने नाम नहीं बताने के अनुरोध के साथ कहा, 'सरकार जो करना चाहती है और जो कर रही है, उसके बीच बड़ा अंतर दिख रहा है। आईएफएससी एक ऐसा ऑफशोर क्षेत्राधिकार है जिसे एक नियामक और कर अनुपालन जोन के तौर पर प्रवर्तित किया गया है।' डेलॉयट इंडिया में पार्टनर राजेश गांधी का मानना है कि रियायती दर से कंपनियों को गिफ्ट एक्सचेंज पर अपने बॉन्ड सूचीबद्घ कराने में मदद मिल सकेगी। उनका मानना है कि सरकार गिफ्ट में सूचीबद्घता बढ़ाने के लिए आंशिक कर राहत के बजाय, कम से कम शुरुआती वर्षों में संपूर्ण कर छूट पर विचार कर सकती थी। उन्होंने कहा, 'ऊंची कर दर एक बड़ी विसंगति है और उम्मीद है कि इस समस्या को जल्द सुलझाया जाएगा।'
डेट निवेशकों के लिए रियायती दर के अलावा, इस साल के बजट में इस वित्तीय हब में अंतरराष्ट्रीय बुलियन एक्सचेंज के गठन का भी प्रस्ताव रखा गया। इससे वैश्विक बाजार कारोबारियों को कारोबार का अतिरिक्त विकल्प मिलेगा और इस एक्सचेंज का इस्तेमाल स्वर्ण आयात के लिए भी किया जा सकेगा। आईएफएससी ने पिछले कुछ वर्षों के दौरान निवेशकों को कई तरह की रियायत मुहैया कराई हैं। इनमें प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) भुगतान, जिंस लेनदेन कर और स्टांप शुल्क से छूट के साथ साथ आईएफएससी एक्सचेंज पर डेरिवेटिव्स, बॉन्डों, वैश्विक डिपोजिटरी रिसीट और रुपया बॉन्डों में लेनदेन पर पूंजीगत लाभ कर से छूट शामिल हैं।
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