आईओसी संग रोसनेफ्ट का करार, बीपीसीएल के लिए लगा सकती है बोली | ज्योति मुकुल / नई दिल्ली February 05, 2020 | | | | |
साल 2017 में एस्सार ऑयल की खरीद के बाद भारतीय पेट्रोलियम बाजार में जगह पाने के बाद रूस की सरकारी स्वामित्व वाली रोसनेफ्ट ने आज 20 लाख टन यूराल्स ग्रेड कच्चे तेल के आयात के लिए इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के साथ करार पर हस्ताक्षर किए। इस तेल का निर्यात इसी साल भारत को किया जाएगा। रोसनेफ्ट भारती सरकार के स्वामित्व वाली भारत पेट्रोलियम के लिए बोली लगा सकती है, हालांकि उसके पास पहले से ही नायरा एनर्जी (विगत में एस्सार ऑयल) की 49 फीसदी हिस्सेदारी है। नायरा के पास वाडिनार गुजरात में 2 करोड़ टन क्षमता वाली रिफाइनरी है और देश भर में 5,600 पेट्रोल पंपों का नेटवर्क है।
आईओसी के साथ कच्चे तेल की खरीद के करार पर हस्ताक्षर पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और रोसनेफ्ट के चेयरमैन व सीईओ आई. सेचिन की बैठक के दौरान किए गए। लंबी अवधि का अनुबंध गैर-ओपेक देशों से कच्चे तेल की आपूर्ति की भारत की विशाखित रणनीति का हिस्सा है और हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में पांच साल के लिए द्विपक्षीय सहयोग के रोडमैप का हिस्सा भी है, जिस पर पिछले सितंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्लाडिवोस्टक दौरे के समय हस्ताक्षर हुए थे। आज पेट्रोलियम मंत्रालय की जारी विज्ञप्ति में ये बातें कही गई है।
विज्ञप्ति में कहा गया है, कच्चे तेल के आयात के लिए देश की सबसे बड़ी रिफाइनर की तरफ से नए स्रोत के तौर पर रूस को जोडऩा भू-राजनैतिक अवरोध के कारण पैदा होने वाले जोखिम को कम करने के लिहाज से काफी लंबा जाएगा। नई व्यवस्था कीमत स्थिरता और भारत के ऊर्जा सुरक्षा के लिहाज से भी मुफीद होगा, जहां पेट्रोलियम उत्पादों की मांग में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। यह पीएसयू तेल रिफाइनरों के लिए रूस से कच्चे तेल ेक आयात के लिए ऐसे ही अनुबंध में शामिल होने की राह खोलेगा।
|