गिफ्ट सिटी गोल्ड एक्सचेंज से सोने का आयात अगले चरण में! | राजेश भयानी / मुंबई February 03, 2020 | | | | |
केंद्रीय बजट में गिफ्ट सिटी में इंटरनैशनल फाइनैंस सर्विस सेंटर (आईएफएससी) में हाजिर सराफा एक्सचेंज की स्थापना का प्रस्ताव दिया गया है। सरकार के इस कदम के बाद ज्यादातर सराफा कारोबारियों को लग रहा है कि इस एक्सचेंज के माध्यम से अब एक्सचेंजों पर सोना एवं चांदी में फिजिकल (सीधी खरीद- बिक्री) कारोबार शुरू हो जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को अपने बजट भाषण में कहा था कि नियामक की अनुमति के बाद एक अंतरराष्ट्रीय सराफा एक्सचेंज की स्थापना गिफ्ट-आईएफएससी में की जाएगी। यह एक्सचेंज वित्त वर्ष 2020-21 में परिचालन शुरू कर देगा। फिलहाल गिफ्ट सिटी आईएफएससी के लिए एक एकीकृत नियामक शुरू करने को प्राथमिकता दी जा रही है। दूसरे चरण में गिफ्ट सिटी में एक्सचेंज को भारत में सोना आयात के एक माध्यम के रूप में अनुमति दी जाएगी। सराफा उद्योग के दिग्गजों का कहना है कि घरेलू स्पॉट गोल्ड एक्सचेंज पर इसके लिए संभवत: विचार नहीं किया जाएगा।
सरकार की इस पहल को एक्सचेंज संबंधित तंत्र (जांच प्रयोगशाला, वॉल्ट कंपनियों एवं वेयरहाउसिंग सहित) तैयार करने के एक कदम के तौर पर देखा जा रहा था। दो अंतरराष्ट्रीय वॉल्ट कंपनियों को लाइसेंस भी मिल चुके हैं। सोने की शुद्धता की जांच के लिए स्वर्ण जांच प्रयोगशाला आवश्यक होती है। इसके बाद अगले कदम के तौर पर गिफ्ट सिटी में गोल्ड रिफाइनरियों को परिचालन की अनुमति दी जाएगी। ये रिफाइनरियां आयातित सोना परिष्कृत करेंगी और एक्सचेंजों पर बेचेंगी, साथ वे ही सोने की टिकिया (गोल्ड बार) के निर्यात को भी बढ़ावा दे सकती हैं। इस समय गोल्ड बार के निर्यात को बढ़ावा नहीं दिया जा रहा है। इस बारे में इस उद्योग पर नजर रखने वाले एक विश्लेषक ने कहा, 'गिफ्ट सिटी से गोल्ड बार का निर्यात भारत के लिए एक नए अवसर जैसा होगा।' गिफ्ट सिटी में सराफा एक्सचेंज की स्थापना के कई फायदे हैं। इसे भारतीय कारोबारी हाजिर बाजार में भी सोने का कारोबार कर सकते हैं और इस मंच का इस्तेमाल भारत में सोने के आयात के लिए भी किया जा सकता है।
विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) में प्रबंध निदेशक (भारत) सोमसुंदरम पीआर कहते हैं,'भारत में गिफ्ट सिटी में एक अंतरराष्ट्रीय सराफा एक्सचेंज की स्थापना सोने को एक प्रमुख परिसंपत्ति का दर्जा देने की दिशा में उठाया गया एक सकारात्मक कदम है।' आभूषण उद्योग और इस क्षेत्र के कई दूसरे विशेषज्ञों को लगता है कि गिफ्ट सिटी सराफा एक्सचेंज में घरेलू कारोबारियों को भी शामिल होने की इजाजत दी जाएगी। भारतीय प्रबंध संस्थान-अहमदाबाद (आईआईएम-ए) के तहत इंडिया गोल्ड पॉलिसी सेंटर (आईजीपीसी) ने भारत में गोल्ड स्पॉट एक्सचेंज की स्थापना के संबंध में अगस्त 2019 में एक ढांचा सौंपा था। गोल्ड स्पॉट एक्सचेंज भारत में स्वर्ण बाजार में व्यापक बदलाव ला सकता है।
आईजीपीसी ने कहा था कि गोल्ड एक्सचेंज विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) में या इसके करीब स्थापित किया जाना चाहिए। आईजीपीसी के अनुसार, 'एक आईएफएससी के दो बड़े फायदे हैं। सबसे पहले तो यह एक ऐसा नियामकीय तंत्र होगा, जो एक मजबूत पहचान देगा। इसके अलावा यह पूंजी नियंत्रण से भी आजादी देगा। हमारे सर्वेक्षण के अनुसार भारत में एक्सचेंज की भौगोलिक स्थिति एक महत्त्वपूर्ण कारक नहीं है।' हाजिर कारोबार के लिए कोई नियामक नहीं होने की वजह से भारत के घरेलू बाजार में गोल्ड स्पॉट एक्सचेंज की स्थापना में मुश्किलें पेश आती रही हैं। पिछले कैलेंडर वर्ष के अंत में संसद की अनुमति मिलने के बाद गिफ्ट सिटी के लिए एक एकीकृत नियामक मिल गया है। फिलहाल इसके लिए चेयरमैन की खोज की जा रही है और अगले तीन महीने में गिफ्टी सिटी नियामक आईएफएसी अथॉरिटी प्रभाव में आ जाएगा। आईएफएसी अथॉरिटी स्पॉट बुलियन एक्सचेंज के लिए नियम एवं खाका तैयार करेगा। बीएसई का आईएनएक्स इसमें पहले ही दिलचस्पी दिखा चुका है।
देश के एक बड़े सराफा रिफाइनरी के एक सूत्र ने कहा कि नियम-शर्तें तय होने के बाद गिफ्ट सिटी में सराफा रिफाइनरी की स्थापना पर विचार किया जा सकता है। सूत्र के अनुसार गिफ्ट सिटी में रिफाइनरी गोल्ड बार के निर्यात का एक अच्छा अवसर मुहैया करा सकता है। पिछले महीने भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने गोल्ड डिलिवरी मानकों की घोषणाएं की हैं। हालांकि वैश्विक स्तर पर ये मानक स्वीकार होने तक केवल एलबीएमए मानक स्वर्ण निर्यात की ही अनुमति होगी। एक्सचेंज पर कारोबार शुरू होने के बाद निपटान टी+1 होगा और सोने का मूल्य अमेरिकी डॉलर में दिखाया जाएगा और इसमें आयात शुल्क शामिल नहीं होगा।
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