'कपड़ा उद्योग का पूरा साथ देगी सरकार' | सुशील मिश्र / मुंबई January 28, 2020 | | | | |
कपड़ा कारोबार की प्रमुख संस्था भारत मर्चेंट्स चैंबर की हीरक जयंती समारोह में एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने कपड़ा कारोबारियों को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के पास टेक्सटाइल पार्क खोलने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि यहां जमीन सस्ती है, मजदूरी भी कम है तथा बेहतर माहौल मिल रहा है। इसके साथ ही गडकरी ने कारोबारियों को उनकी समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया। उन्होंने कपड़ा उद्योग को पूर्ण सहयोग देने की बात कही। उन्होंने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र आने वाले वर्षों में रोजगार का बड़ा क्षेत्र बनकर उभरने वाला है। अगले पांच वर्षों में यह क्षेत्र पांच करोड़ नए रोजगार देगा।
समारोह में भारत मर्चेंट्स चैंबर के अध्यक्ष विजय कुमार लोहिया ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (एमएसएमई) की समस्याओं पर कहा कि बार-बार कानून में होने वाले बदलाव ने कारोबारियों की कमर तोड़ दी है। जीएसटी की दोहरी नीतियां और रिफंड मिलने में हो रही देरी ने परेशानियां बढ़ा दी हैं। बैंक से कर्ज और टफ जैसी सरकारी नीतियों में होने वाली लेट लतीफी खत्म नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि सरकार नीतियां लागू करने की घोषणा तो करती है लेकिन उसका फायदा कारोबारियों को मिल नहीं पाता है। सबसे ज्यादा पीड़ा श्रम कानून से मिल रही है जिसके कारण बांग्लादेश भी आगे निकल गया है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने माना कि सरकार ने 45 दिन में भुगतान तिथि से भुगतान करने का नियम बनाया है उसका पालन नहीं हो रहा है। छोटे उद्योगों के लिए बैंकों से एक करोड़ रुपये का ऋण मंजूर तो हो जाता है लेकिन आवेदक को काफी परेशानी के बाद ही मिल पाता है। उन्होंने श्रम कानून पर कहा कि यह सच है कि बांग्लादेश में मजदूरी सस्ती है, लेकिन यूरोपीय देशों में मजदूरी भारत से अधिक है। इस मौके पर सियाराम सिल्क मिल्स के चेयरमैन रमेश पोद्दार ने कहा कि विदेशी कंपनियां यहां बेहतर कारोबार कर रही हैं। हमें बदलाव को स्वीकार करना होगा। हमारे पास सबसे बड़ा बाजार है। कच्चा माल भी है, तकनीक में सुधार और बेहतर मार्केटिंग से भारतीय वस्त्र उद्योग अपनी समस्याओं को खत्म कर सकता है।
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