मध्य प्रदेश में पूंजी निवेश आकर्षित करने और प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए विशिष्ट नीतियों पर जोर दे रही कमल नाथ सरकार अब इसके लिए बाकायदा एक कानून बनाने जा रही है। इस संबंध में समयबद्घ मंजूरी अधिनियम, 2020 का मसौदा तैयार किया जा चुका है। जानकारी के मुताबिक इस अधिनियम के पारित होने के बाद प्रदेश में उद्योग स्थापित करने के लिए आवश्यक 24 सेवाओं की तत्काल मंजूरी मिल सकेगी। इसके अतिरिक्त सात अन्य सहयोगी सेवाओं की स्वीकृति के लिए अधिनियम में सात दिन का समय निर्धारित किया गया है। इतना ही नहीं अधिनियम के मसौदे के अनुसार प्रदेश में सरकारी सुगमता बढ़ाने के लिए सरकार संयुक्त निगरानी व्यवस्था की शुरुआत करने भी जा रही है। दावोस में आयोजित वल्र्ड इकनॉमिक फोरम के दौरान दुनिया भर के उद्योगपतियों को इस मसौदे से अवगत कराया जाएगा। इसके अतिरिक्त उन्हें प्रदेश की अन्य निवेश अनुकूल नीतियों से भी रूबरू कराया जाएगा। सरकार का मानना है कि इससे प्रदेश में रोजगार की स्थिति सुधारने में भी सहायता मिलेगी। अधिनियम के मसौदे में मध्य प्रदेश औद्योगिक विकास निगम को नोडल एजेंसी बनाने का प्रस्ताव भी रखा गया है। यह एजेंसी प्रदेश में उद्योग स्थापना की सभी प्रक्रियाओं को पूरा कराने का दायित्व भी निभाएगी।
