गिफ्ट सिटी में रुपया-डॉलर डेरिवेटिव कारोबार की अनुमति | राजेश भयानी / मुंबई January 20, 2020 | | | | |
इंटरनैशनल फाइनैंशियल सेंटर (गिफ्ट सिटी) गांधीनगर, गुजरात में बीएसई व एनएसई की तरफ से स्थापित स्टॉक एक्सचेंज में जल्द ही रुपया-डॉलर डेरिवेटिव कारोबार शुरू होगा। भारतीय रिजर्व बैंक ने रुपये वाले डेरिवेटिव कारोबार इंटरनैशनल फाइनैंशियल सर्विसेज सेंटर में करने की अनुमति दे दी है। शुक्रवार रात सरकार ने एक अधिसूचना प्रकाशित की है, जिसमें विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम यानी फेमा में संशोधन किया गया है ताकि गिफ्ट सिटी में स्थापित एक्सचेंजों में रुपये में डेरिवेटिव में कारोबार शुरू किया जा सके।
आरबीआई ने रुपया एक्सचेंज रेट फ्यूचर ऐंड ऑप्शंस की अनुमति दी है और इस संबंध में विस्तृत निर्देश जारी किए गए हैं। आरबीआई की अधिसूचना के मुताबिक, रुपये को शामिल करते हुए किसी दो मुद्रा में करेंसी डेरिवेटिव कारोबार की अनुमति आईएफएससी में स्थापित स्टॉक एक्सचेंजों में करने की अनुमति दी गई है। रुपये वाले अनुबंध का निपटान भारतीय रुपये के बजाय अन्य मुद्रा में होगा और प्रवासी भारतीय ये डेरिवेटिव अनुबंध ले सकते हैं। इस सुविधा का मकसद विदेश के रुपया बाजार को भारत लाना है। अभी रुपये का कारोबार विदेशी एनडीएफ यानी बिना डिलिवरी वाले फॉरवर्ड में होता है। पिछले साल अक्टूबर में आरबीआई न कहा था कि उषा थोराट की अगुआई वाले टास्क फोर्स की दो सिफारिशें स्वीकार कर ली गई है और उनमें से एक है गिफफ्ट सिटी में रुपया एक्सचेंज रेट डेरिवेटिव कारोबार की अनुमति देना।
टास्क फोर्स ने देसी बैंकों को हर समय प्रवासी को विदेशी विनिमय की कीमत की पेशकश की अनुमति देने की भी सिफारिश की थी। यह या तो देसी बिक्री टीम के जरिए हो सकता है या फिर उनकी विदेशी शाखाओं के जरिये। अभी क्रॉस-करेंसी ट्रेड की अनुमति गिफ्ट सिटी में बीएसई व एनएसई के इंटरनैशनल एक्सचेंज में है। हालांकि इसका कारोबार काफी कम है क्योंंकि रुपये में कारोबार नहीं होता है। साल 2018 में बैंक ऑफ इंग्लैंड ने रुपये में 23 अरब डॉलर का कारोबार किया, वहीं आरबीआई के सूत्रों का अनुमान है कि साल 2019 के लिए डिलिवरी वाले रोजाना देसी फॉरवर्ड 21 अरब डॉलर का होगा। इसका मतलब यह है कि रुपये का विदेशी बाजार देसी बाजार के मुकाबले बड़ा बन गया है।
उषा थोराट की अगुआई में गठित आरबीआई के टास्क फोर्स ने गिफ्ट सिटी में रुपये में डेरिवेटिव कारोबार की अनुमति देने की सिफारिश की थी। आरबीआई ने हालांकि इस पर ऐतराज जताया था क्योंकि देसी बाजार पर इसके असर की संभावना थी। हालांकि यह असर तब भी पड़ता है जब विदेशी बाजार में भारी हलचल होती है। गिफ्ट सिटी में एक्सचेंजों का परिचालन 22 घंटे होता है, ऐसे में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक को एनडीएफ पर हेजिंग की जरूरतें पूरी करने के लिए पर्याप्त वक्त मिल सकता है, लेकिन आरबीआई की मंजूरी के बाद ही यह हो पाएगा।
भारतीय एक्सचेंजों में करेंसी डेरिवेटिव में प्रवासी इकाइयों की भागीदारी को आरबीआई को प्रतिबंधित करता है और यह उनके अंतर्निहित निवेश की सीमा तक है। नियामकीय प्राधिकरण के प्रभाव से बाहर व्यापक बाजार उनके प्रभाव को कमजोर बनाता है। गिफ्ट आईएफएससी एक्सचेंजों में डेरिवेटिव की सभी योजनाओं की अनुमति है और अपवाद के तौर पर रुपया डेरिवेटिव का कारोबार नहीं होता है। बीआईएस के आंकड़ों के मुताबिक, छह मुद्राओं कोरियाई वॉन, भारतीय रुपये, चीन की रेनमिबिनी, ब्राजील की रियाल, ताइवान के डॉलर और रूस के रूबल में होने वाला एनडीएफ वैश्विक स्तर पर होने वाले कुल एनडीएफ कारोबार में करीब दो तिहाई की हिस्सेदारी रखता है।
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