बेंगलूरु के बाहरी इलाके में स्थित अमेरिका की खुदरा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी वॉलमार्ट का प्रौद्योगिकी केंद्र वॉलमार्ट लैब्स पहली नजर में आसपास की टेक कंपनियों से अलग नहीं दिखता है। इसके भीतर आपको सैकड़ों कर्मचारी अपनेे कंप्यूटर डैशबोर्ड पर नजरें गड़ाए नजर आएंगे। बेंगलूरु देश में सूचना प्रौद्योगिकी का प्रमुख केंद्र है और यहां आपको अधिकांश टेक कंपनियों में ऐसे ही नजारे देखने को मिलते हैं। लेकिन वॉलमार्ट लैब्स के कर्मचारी जो कर रहे हैं वह अन्य प्रौद्योगिकी कंपनियों की तरह सामान्य नहीं है। वे अमेरिका के विभिन्न हिस्सों में फैले 4,700 से अधिक स्टोरों इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओसी) आधारित एप्लायंसेज में अनियमितताओं का पता लगा रहे हैं। उदाहरण के लिए अगर अमेरिका में किसी स्टोर में किसी फ्रिज के तापमान में बदलाव आता है और वह फलों, सब्जियों या मांस के अनुकूल नहीं होता है, तो वॉलमार्ट लैब्स में बैठे इंजीनियरों को तुरंत इसका अलर्ट मिलता है और वे बेंगलूरु से ही हजारों मील दूर अमेरिका में इस तापमान को दुरुस्त कर देते हैं। कनेक्टेड स्टोर्स प्लेटफॉर्म विभिन्न उपकरणों के बीच संपर्क स्थापित करने के लिए आईओटी तकनीक का इस्तेमाल करता है। वॉलमार्ट लैब्स में इस प्लेटफॉर्म के अलावा कई वैश्विक इनोवेशन विकसित किए जा रहे हैं। इनमें फलों और सब्जियों की ताजगी की जांच, ऊर्जा की खपत में कमी और हर स्टोर की जरूरत का अनुमान लगाना शामिल है। साथ ही वे कृत्रिम बुद्घिमत्ता, डेटा एनालिटिक्स और आईओटी जैसी तकनीक के इस्तेमाल से आपूर्ति वाहन की स्थिति पर नजर रखते हैं। वॉलमार्ट का अमेरिका के बाहर यह इस तरह का तीसरा केंद्र है। इस केंद्र के प्रमुख और वॉलमार्ट लैब्स इंडिया के उपाध्यक्ष-प्रौद्योगिकी हरि वासुदेव ने कहा, 'बेंगलूरु के केंद्र का कारोबार पर प्रत्यक्ष असर दिखना शुरू हो गया है, चाहे वह आपूर्ति शृंखला हो, मर्केंडाइजिंग, डेटा एनालिटिक्स या उपभोक्ता अनुभव। प्रौद्योगिकी से वॉलमार्ट को काफी फायदा होने जा रहा है और इससे उपभोक्ताओं को आपूर्ति का बेहतर अनुभव मिल रहा है। इसमें यह लैब अहम भूमिका अदा कर रही है और दुनियाभर में विभिन्न टीमों के साथ समन्वय कर रही है।' भारत में वॉलमार्ट लैब्स में करीब 3700 लोग हैं और इनमें से अधिकांश बेंगलूरु में हैं। वॉलमार्ट लैब्स में जो नई-नई चीजें विकसित की जा रही हैं, उनमें से अधिकांश यहां के कर्मचारियों के दिमाग की ही उपज हैं। उदाहरण के लिए बेंगलूरु वॉलमार्ट लैब्स के एक कर्मचारी श्रीजित श्रीधरन ने दो साल पहले अमेरिका के एक बिज़नेस दौरे में देखा कि वॉलमार्ट के स्टोरों के भीतर लगे सेंसरों में एकत्र हुए आंकड़ों का इस्तेमाल केवल स्टोर स्तर पर ही किया जा रहा है। इससे उन्हें उपकरणों के लिए एक साझा आईओटी प्लेटफॉर्म बनाने और इसके जरिये अमेरिका के सभी वॉलमार्ट स्टोरों को जोडऩे का विचार आया। उन्होंने लीडरशिप टीम के समक्ष यह विचार रखा जिसने तुरंत इसे मंजूर कर लिया और इसके लिए जरूरी फंड की भी व्यवस्था कर दी। वॉलमार्ट लैब्स में श्रीधरन और दूसरे इंजीनियर किस व्यापक स्तर की समस्या का समाधान खोजने में लगे हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अमेरिका के 4,700 वॉलमार्ट स्टोरों में हरेक में औसतन 1,500 सेंसर लगे हैं। इसका मतलब है कि कंपनी को हर दिन 1.5 अरब से अधिक डेटा पॉइंट्स को प्रोसेस करना होगा। एक लचीली व्यवस्था बनाने और प्रोग्राम को जल्दी पूरा करने के लिए, वॉलमार्ट लैब्स के इंजीनियरों ने आईओटी प्लेटफॉर्म के लिए डेटा स्टोरेज और प्रोसेसिंग को क्लाउड पर डाल दिया। इस तरह नींव से आईओटी प्लेटफॉर्म बनाकर वे उच्च स्तर की सटीकता हासिल करने में सफल रहे और इससे तीसरे पक्ष के सॉफ्टवेयर पर निर्भरता कम हो गई। साथ ही वॉलमार्ट के केंद्रों में लगे स्मार्ट उपकरणों और सेंसरों से रियल टाइम डेटा एकत्र करके आईओटी प्लेटफॉर्म निगरानी और रिएक्टिव तथा प्रीडिक्टिव रखरखाव क्षमताओं को सक्षम बनाता है। इससे न केवल स्टोर का कामकाज सुगम बनता है बल्कि यह खाद्य पदार्थों की बर्बादी कम करता है और संसाधनों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करता है ताकि कंपनी वैश्विक ऊर्जा खपत मानकों पर खरी उतर सके। वॉलमार्ट साथ ही ऑनलाइन ऑर्डर को पूरा करने के लिए भी अपनेे स्टोर का इस्तेमाल कर रही है। यह ऑनलाइन परचून का सामान खरीदने वाले ग्राहकों को अपना ऑर्डर उठाने या लास्ट माइल डिलिवरी नेटवर्क के जरिये इसकी आपूर्ति का विकल्प दे रही है। इसका मकसद स्टोर पर प्रतीक्षा का समय कम करना और उत्पादों की आपूर्ति के लिए अपेक्षित समय की सटीकता 95 फीसदी से ऊपर रखना है। इसके लिए वॉलमार्ट लैब्स ने पिक पाथ ऑप्टमाइजेशन सॉल्यूशन 'ऑप्टिमा' विकसित किया है। यह कुल समय और स्टोर से ऑर्डर उठाने के लिए स्टोर एसोसिएट द्वारा तय की जाने वाली दूरी में कटौती के लिए विभिन्न तरह के अलगॉरिद्म का इस्तेमाल करता है। यह एक अहम इनोवेशन है क्योंकि एक सप्ताह में वॉलमार्ट के स्टोरों से सामान उठाने में करीब 120,000 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है जो पृथ्वी के व्यास से दस गुना अधिक है। भारतीय टीम गलतियों को दुरुस्त करने और आपूर्तिकर्ताओं तथा विक्रेताओं द्वारा वॉलमार्ट ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर डाउनलोड किए गए लाखों कैटलॉग की गुणवत्ता को दुरुस्त करने के लिए कृत्रिम बुद्घिमत्ता का इस्तेमाल कर रही है। इनमें नकली सामान की शिनाख्त करना और कैटलॉग के मुताबिक उत्पादों के रंग, आकार तथा वजन का मिलान करना शामिल है। इतना ही नहीं, वॉलमार्ट की कीमत और प्रतिस्पद्र्घा बुद्घिमत्ता प्रौद्योगिकी की मदद से मर्केंडाइजर उत्पादों की कीमतों का प्रबंधन करते हैं। इसमें प्रतिस्पद्घियों और अन्य स्थानीय तथा राष्ट्रीय रुझानों से संकेत लेना और मूल्य निर्धारण रणनीति में मदद के लिए डेटा विज्ञान मॉडलों का लाभ उठाना शामिल है।वॉलमार्ट ने साथ ही स्मार्ट फोरकास्टिंग प्लेटफॉर्म भी शुरू किया है। यह सुनिश्चित करता है कि स्टोर पर पर्याप्त मात्रा में सामान का भंडारण हो। यह बिक्री के इतिहास, सीजन, उपभोक्ताओं के खरीदारी रुझानों और हर स्टोर पर मौजूद सामान के आधार पर यह तय करता है। कंपनी का कहना है कि यह प्लेटफॉर्म बर्बादी रोकने में बहुत अहम साबित हुआ है और इससे अमेरिकी स्टोरों में लाखों डॉलर की बचत हुई है। प्रबंधन सलाहकार कंपनी प्रैक्सिस ग्लोबल एलायंस के निदेशक आर्यमन टंडन के मुताबिक कई फॉच्यून 500 कंपनियां भारत में शोध एवं विकास केंद्र स्थापित कर रही हैं या उनका विस्तार कर रही हैं। इसका मकसद प्रौद्योगिकी में भारत की प्रतिभा का लाभ उठाना है। इनमें खुदरा क्षेत्र की दिग्गज कंपनियां भी शामिल हैं। टंडन ने कहा, 'स्टार्ट अप कंपनियों के बढऩे से भारत दुनिया को कम लोग में प्रौद्योगिकी प्रतिभाएं मुहैया करा रहा है। वॉलमार्ट लैब्स भारत में सही दिशा में आगे बढ़ रही है और यह आने वाले समय के वॉलमार्ट के लिए आगे रणनीतिक रास्ता है।'वॉलमार्ट के अलावा अमेरिका की खुदरा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी टारगेट और ब्रिटेन की सबसे बड़ी सुपरमार्केट चेन टेस्को भी भारतीय प्रौद्योगिकी पर बड़ा दाव खेल रही हैं। देश में टेस्को की प्रौद्योगिकी टीम परंपरागत सेवा आपूर्ति मॉडल से इंजीनियरिंग संस्था में तब्दील हो गई है। बेंगलूरु में टेस्को बिज़नेस सर्विसेज के मुख्य कार्याधिकारी सुमित मित्रा ने कहा, 'यहां काम कर रहे 78 फीसदी सहयोगी प्रौद्योगिकी से जुड़े हैं। वे अनुबंध मुक्त खरीदारी, डेटा विज्ञान या पार्टनरशिप में ऑटोमैटेड वितरण जैसी नई प्रौद्योगिकियों में हमारी वैश्विक प्रौद्योगिकी प्रतिभाओं के साथ काम कर रहे हैं। इसके हमें बाजार में अपना अलग मुकाम बनाने में मदद मिलती है और हमें अपने खरीदारों को रोज बेहतर सेवाएं देने का मौका मिलता है।'बेंगलूरु में टेस्को नई प्रौद्योगिकियों में निवेश कर रही है जिससे रिटेलरों को मैन्युअल इन स्टोर तरीके के बजाय 10 मिनट तेजी से ऑर्डर लेने और प्रोसेस करने में मदद मिलती है।
