देश में प्रसारण सेवाओं और कनेक्टिविटी में सुधार के मकसद से भारत ने शुक्रवार को तड़के उच्च गुणवत्ता वाले संचार उपग्रह जीसैट 30 का दक्षिणी अमेरिकी के उत्तर-पूर्वी तट फ्रेंच गुयाना से सफल प्रक्षेपण किया। यूरोपीय अंतरिक्ष प्रक्षेपण सेवा प्रदाता एरियनस्पेस के एरियन 5 वीए-251 यान ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के जीसैट-30 और फ्रांस की दूरसंचार कंपनी यूटेलसैट के लिए यूटेलसैट कनेक्ट उपग्रह को भारतीय समयानुसार देर रात 2 बजकर 35 मिनट पर दक्षिण अमेरिका के उत्तरपूर्वी तट पर फ्रांसीसी क्षेत्र कौरू के एरियर प्रक्षेपण परिसर से प्रक्षेपित किया गया। करीब 38 मिनट 25 सेकंड की उड़ान के बाद जीसैट-30 एरियन 5 से अलग होकर दीर्घवृत्ताकार भूस्थिर अंतरण कक्षा में स्थापित हो गया। इसरो के अध्यक्ष के शिवन ने एक बयान में कहा, 'यह उपग्रह केयू बैंड के जरिये देश की मुख्य भूमि और द्वीपों को संचार सेवाएं मुहैया कराएगा और सी बैंड के जरिये खाड़ी देशों और बड़ी संख्या में एशियाई देशों तथा आस्ट्रेलिया को व्यापक कवरेज देगा।' उन्होंने बताया कि जीसैट-30 डीटीएच टेलीविजन सेवाएं मुहैया कराने के साथ ही एटीएम, स्टॉक एक्सचेंज, टेलीविजन अपलिंकिंग और टेलीपोर्ट सेवाएं, डिजिटल सैटेलाइट न्यूज संग्रह (डीएसएनजी) तथा ई-गवर्नेंस ऐप्लिकेशन को वीसैट से जोडऩे के लिए कनेक्टिविटी मुहैया कराएगा। इसरो ने कहा कि कर्नाटक के हासन में इसरो की मास्टर कंट्रोल फैसिलिटी (एमसीएफ) ने जीसैट 30 के प्रक्षेपण यान से अलग होने के तत्काल बाद कमान और नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया और उपग्रह की शुरुआती जांच के अनुसार यह पूरी तरह ठीक है। आने वाले दिनों दिनों में उपग्रह की संचालक शक्ति वाली प्रणाली का इस्तेमाल करते हुए कक्षा को बढ़ाया जाएगा ताकि इसे भूमध्य रेखा के 36,000 किमी ऊपर भूस्थिर कक्षा में स्थापित किया जा सके। इसरो ने कहा कि कक्षा बढ़ाने के अभियान के अंतिम चरण में जीसैट 30 पर दो सौर सारणी और एंटीना रिफ्लेक्टर लगाए जाएंगे। कक्षा में सभी परीक्षणों के सफल होने के बाद उपग्रह अपना काम शुरू कर देगा।
