प्रधानमंत्री को 2024 तक मिल जाएगा नया घर | |
अर्णव दत्ता / 01 16, 2020 | | | | |
अगर आप प्रधानमंत्री के 7 लोक कल्याण मार्ग स्थित आवास के आसपास यातायात पर अक्सर लगने वाली पाबंदियों से परेशान हैं तो जल्दी ही आपको इस समस्या से निजात मिल सकती है। प्रधानमंत्री जब अपने आवास से साउथ ब्लॉक स्थित दफ्तर में जाते हैं, तो जिन सड़कों से उनका काफिला गुजरता है वहां यातायात रोक दिया जाता है। 7, लोक कल्याण मार्ग कई दशकों से प्रधानमंत्री का आधिकारिक आवास रहा है और नौ प्रधानमंत्री इसमें रहे हैं। लेकिन 2024 तक प्रधानमंत्री को नया आवास मिल सकता है।
1984 में जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री बने थे तो वह 7, लोक कल्याण मार्ग में रहने आए थे। 12 एकड़ में फैला यह परिसर नई दिल्ली के मुख्य वास्तुकार एडविन लुटियंस के डिजाइन पर आधारित है। हालांकि नई पुनर्विकास योजना के मुताबिक रायसिना हिल पर साउथ ब्लॉक के दक्षिण-पश्चिम कोने पर प्रधानमंत्री आवास बनाया जा सकता है। प्रधानमंत्री के मौजूदा आवास और साउथ ब्लॉक दफ्तर की दूरी 2.8 किमी है। प्रधानमंत्री का नया आवास बनने से उनके कार्यालय पहुंचने के समय में कटौती होगी। सेंट्रल विस्टा के पुनर्विकास की महत्त्वाकांक्षी योजना बनाई गई है। इसमें संसद की नई इमारत, सभी केंद्रीय मंत्रालयों को करीब लाना और सेंट्रल विस्टा के आसपास स्थित धरोहर इमारतों का पुनर्विकास शामिल है। इसमें लुटियंस की दिल्ली के डिजाइन में बदलाव के कई प्रस्ताव हैं।
इस योजना का खाका बनाने का अनुबंध एचसीपी डिजाइन ऐंड प्लानिंग को मिला है। कंपनी के प्रमुख विमल पटेल के मुताबिक यह परियोजना लुटियंस की मूल योजना के अनुरूप है। उन्होंने कहा कि दफ्तर के बेहतर बुनियादी ढांचे के जरिये सरकार के कामों को मजबूत करना, व्यावहारिक बनाना और उनमें तालमेल बिठाना इस परियोजना का मुख्य लक्ष्य है। सेंट्रल विस्टा में सभी मंत्रालयों के साथ प्रधानमंत्री और उप राष्ट्रपति के आवास भी होंगे। उपराष्ट्रपति का आवास नॉर्थ ब्लॉक के पीछे होगा।
संसद की इमारत के पुनर्निर्माण के बजाय संसद परिसर में ही एक नई इमारत बनाई जाएगी। अभी जिस इमारत में संसद स्थित है उसे 1947 से ही संसद भवन के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। 13 एकड़ के एक भूखंड पर त्रिकोणीय ढांचा स्थापित किया जाएगा जिसे अभी कार पार्किंग के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। इसमें मौजूदा लोक सभा कक्ष से तीन गुना ज्यादा आकार का कक्ष, राज्य सभा कक्ष और एक लाउंज होगा।
हालांकि मौजूदा संसद भवन के उलट लोक सभा के नए कक्ष को संयुक्त सत्र के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें नियमित रूप से 900 लोग बैठ सकेंगे लेकिन इसमें संयुक्त सत्र के दौरान 1,350 लोगों के बैठने की क्षमता होगी। इसे मिस्र की संसद की तर्ज पर डिजाइन किया जा रहा है और इसमें हर सांसद को 50 फीसदी ज्यादा जगह उपलब्ध होगी। मौजूदा लोक सभा कक्ष में केवल 552 सांसद बैठ सकते हैं। पटेल ने कहा, 'मौजूदा संसद भवन में वातानुकूलन की व्यवस्था, इंटरनेट और पार्किंग नहीं है। नई इमारत में ये सभी सुविधाएं होंगी।' संसद की नई इमारत में सभी अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी और देश की विविधता को ध्यान में रखते हुए इसकी खिड़कियां अलग-अलग तरह की होंगी।
अभी केंद्र सरकार के 51 में से 22 मंत्रालय सेंट्रल विस्टा और इसके आसपास हैं। योजना के मुताबिक राजपथ के दोनों तरफ 10 नई इमारतें बनाई जाएंगी जिनमें सभी मंत्रालयों के दफ्तर होंगे। एकीकृत भूमिगत पार्किंग के अलावा इन इमारत परिसरों में सीधे दिल्ली मेट्रो की येलो और वॉयलेट लाइनों तक पहुंचने के लिए भूमिगत रास्ते भी होंगे। इंडिया गेट और रायसिना हिल के बीच तीन किमी लंबे सेंट्रल विस्टा में यातायात को कम करने के लिए पैदल यात्रियों के लिए ट्रैफिक सिग्नल पर अंडरपास होंगे।
पटेल ने कहा कि 2022 में भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ को मनाने के लिए उनकी योजना में लुटियंस के 'रिज टु रिवर' मॉडल को अपनाया गया है। सेंट्रल विस्टा परियोजना रायसिना हिल के रिज से शुरू होगी और यमुना नदी पर खत्म होगी। वहां आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए एक स्मारक स्थापित किया जाएगा। राष्ट्रपति भवन के पीछे 48 एकड़ में स्थित जैव विविधता पार्क के अलावा नॉर्थ और साउथ ब्लॉक को भी जनता के लिए खोला जाएगा। इन दो इमारतों को संग्रहालय में बदला जाएगा जिसमें भारत के इतिहास को दिखाया जाएगा। इस तरह देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर 75 एकड़ जमीन जनता के लिए खोली जाएगी।
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