सब्जियों के दाम दिसंबर में तेजी से बढऩे के बाद जनवरी में इनमें नरमी आई है। महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश समेत प्रमुख उत्पादक राज्यों में आवक बढऩे की वजह से ऐसा हुआ है। जिंसों के खुदरा दामों का अनुसरण करने वाले उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) की घोषणा करते हुए केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने दिसंबर के दौरान हरी सब्जियों के दामों में 60 प्रतिशत इजाफे की जानकारी दी थी। हालांकि जनवरी में हरी सब्जियों के खुदरा दामों में तेज गिरावट आई है।
केंद्रीय कृषि मंत्रालय के तहत आने वाले राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (एनएचबी) द्वारा एकत्रित किए गए आंकड़े बताते हैं कि भिंडी के खुदरा दामों में 33 प्रतिशत तक की गिरावट आई है और मुंबई में इसके दाम फिलहाल 40 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर चल रहे हैं। इसी तरह कोलकाता के खुदरा बाजार में अब गोभी 15 रुपये प्रति किलोग्राम की दर पर बिक रही है, जबकि जनवरी की शुरुआत में इसके दाम 26 रुपये प्रति किलोग्राम थे। इसके दामों में 42 प्रतिशत की गिरावट आई है। दूसरी ओर, रिकॉर्ड ठंड वाले मौसम की वजह से आपूर्ति की चिंता और बड़े स्तर पर बरबादी के कारण दिल्ली के बाजारों में थोक और खुदरा बिक्री में सब्जियों के दामों में लगातार इजाफा हुआ है।
हरी सब्जियों के दामों में अक्टूबर से तेजी आने लगी थी, लेकिन महाराष्ट्र में बाढ़ से खरीफ फसल की बरबादी और खेती वाले राज्यों में बेमौसम बारिश के कारण रबी फसल की बुआई में देरी की खबरों से दिसंबर में दाम करीब दोगुने हो गए थे।
नाशिक की कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) के सचिव अरुण काले ने कहा कि मॉनसून सीजन में बाढ़ की वजह से पूरे महाराष्ट्र में खरीफ फसल को भारी नुकसान हुआ था।
मॉनसून सीजन के बाद बीच-बीच में होने वाली बारिश से मिट्टी में नमी की अधिकता के कारण रबी सब्जी की बुआई में चार सप्ताह की देरी हुई थी जिसके परिणामस्वरूप रबी सब्जी की कटाई में भी इसी अनुपात में देरी हुई। चूंकि पिछले दो सप्ताह के दौरान बड़ी मात्रा में आपूर्ति शुरू हो चुकी है, इसलिए सब्जियों के दामों में नरमी आ गई है। आगे आवक में लगातार इजाफा होने से सब्जियों के दामों में नरमी जारी रहेगी। जनवरी के पहले दो सप्ताह के दौरान अधिकांश सब्जियों की नए सीजन की आवक में 50 से 100 प्रतिशत तक की उछाल आई है।
दामों में तीव्र वृद्धि ने इस साल देश भर के कई किसानों को सब्जियों के अंतर्गत रकबा बढ़ाने के लिए प्रेरित किया है। अच्छी गुणवत्ता वाले बीजों, उर्वरक और कीटनाशकों की उपलब्धता की वजह से पिछले वर्षों की अपेक्षा इस सीजन के दौरान किसानों को बेहतर उपज दिलाने में मदद मिली है। धूप वाले दिनों और सर्द रातों के साथ कृषि के अनुकूल मौसम से पौधों के अंकुरण, पुष्पण और फल के विकास में मदद मिली है। वेजिटेबल्स ग्रोवर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष श्रीराम गाढवे ने कहा कि आने वाले सप्ताहों में सब्जियों के दामों में कमी आएगी क्योंकि मंडियों में रबी सीजन की आवक आनी शुरू हो गई है।
जनवरी में अन्य सब्जियों के अलावा प्याज के खुदरा दामों में भी तेज गिरावट देखी गई है। दिल्ली में प्याज के खुदरा दाम 35 प्रतिशत गिरकर फिलहाल 65 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर चल रहे हैं, जबकि दो सप्ताह पहले दाम 100 रुपये प्रति किलोग्राम थे।
सांगली के वसंतदादा मार्केट यार्ड के चेयरमैन एसएस पाटिल ने कहा कि हालांकि इस साल सब्जियों के खुदरा दामों में तेजी से इजाफा हुआ है, लेकिन किसानों को इस दाम वृद्धि का ज्यादा लाभ नहीं मिल पाया है। सब्जियों के दामों में इस इजाफे का ज्यादातर फायदा व्यापारियों और आढ़तियों को मिला है। वे किसानों से कम दामों पर सब्जियों की खरीद करते हैं और कई गुना लाभ के साथ मंडियों या बड़े उपभोक्ताओं को अधिक दामों पर बेचते हैं।
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