दिल्ली राज्य औद्योगिक ढांचा व विकास निगम पीपीपी मॉडल के तहत नरेला व बवाना औद्योगिक क्षेत्रों के रखरखाव के लिए उद्यमियों से लिए जा रहे यूजर चार्ज और इन क्षेत्रों में सुविधाएं मुहैया कराने के लिए खर्च राशि की जांच करवाएगी। डीएसआइआइडीसी इस बात की भी जांच कराएगी कि इन क्षेत्रों का रखररखाव करने वाली कंपनी (कंसेसियनार) द्वारा विकाय कार्यों का परफॉर्मेंस संतुष्टपूर्ण है कि नहीं।
इन दोनों क्षेत्रों के उद्यमी लंबे समय से आरोप लगा रहे हैं कि उनसे लिए जाने वाले शुल्कों के अनुरूप उन्हें सुविधाएं नहीं मिल रही है। डीएसआइआइडीसी के एक अधिकारी ने बताया कि पीपीपी मॉडल के तहत विकसित नरेला और बवाना औद्योगिक क्षेत्रों के उद्यमियों को सुविधाएं मुहैया कराने के लिए कंसेसियनार उनसे यूजर चार्ज मसलन रखरखाव, पानी, सीईटीपी शुल्क वसूलती है। निगम ने इन शुल्कों की तर्कसंगतता और उपयोग को परखने का निर्णय लिया है।