फोनपे की रकम जुटाने की योजना को झटका | |
पीरजादा अबरार / बेंगलूरु 01 13, 2020 | | | | |
► कंपनी 1 अरब डॉलर जुटाने के लिए कर रही बातचीत
► कंपनी की नजर 10 अरब डॉलर के मूल्यांकन पर
► इस पेशकश के लिए तैयार नहीं हैं निवेशक
► उन्हें लगता है कि फोनपे का कारोबार पूरी तरह विविधीकृत नहीं है
► टेनसेंट, सॉफ्टबैंक, नैसपर्स, वीजा आदि तमाम निवेशकों के साथ चल रही बातचीत
रकम जुटाने की बड़ी योजना के साथ बाजार में उतरने की तैयारी कर रही डिजिटल भुगतान फर्म फोनपे को इसके लिए कुछ इंतजार करना पड़ सकता है। इस मामले से अवगत सूत्रों ने बताया कि उसके प्रस्ताव को अधिक प्रतिक्रिया नहीं मिली है। वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली कंपनी 1.2 अरब डॉलर यानी करीब 8,500 करोड़ रुपये जुटाने के लिए कई बड़े वैश्विक निवेशकों से बातचीत कर रही है। वर्ष 2018 में वॉलमार्ट द्वारा फ्लिपकार्ट के अधिग्रहण के बाद से ही कंपनी की नजर 10 अरब डॉलर के मूल्यांकन पर रही है।
हालांकि विविधीकरण का अभाव, नई ई-कॉमर्स एवं डेटा नीति और कुल मिलाकर निवेश माहौल के कारण इस प्रक्रिया की रफ्तार सुस्त पड़ गई है। सूत्रों का कहना है कि निवेशक कंपनी का मूल्यांकन उस स्तर तक करने के लिए तैयार नहीं हैं और इसी वजह से बातचीत में प्रगति नहीं दिख रही है। जबकि चर्चा है कि यह भुगतान कंपनी टेनसेंट, अमेरिकी भुगतान फर्म वीजा, सॉफ्टबैंक, नैसपर्स और सॉवरिन फंड जैसे कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी एवं कनाडा पेंशन फंड से बातचीत कर रही है।
कंपनी की रकम जुटाने संबंधी योजनाओं से अवगत एक व्यक्ति ने कहा, 'यदि वे मूल्यांकन (10 अरब डॉलर) का मूल्यांकन हासिल कर लेते हैं तो वे रकम जुटा लेंगे। पिछले कुछ महीनों के दौरान उन्होंने खुद इस प्रक्रिया की रफ्तार सुस्त कर दी है। उनकी चुनौतियां केवल इतनी थी कि निवेशक उन्हें इस तरह का मूल्यांकन नहीं दे रहे थे क्योंकि उनका कारोबार विविधीकृत नहीं है और वे केवल भुगतान कारोबार में हैं।'
उस व्यक्ति ने कहा, 'साथ ही, कुल मिलाकर निवेश का माहौल सुस्त है। फ्लिपकार्ट के अधिग्रहण के साथ-साथ नई डेटा नीति और भुगतान के इतर व्यापक फिनटेक क्षेत्र में उसके प्रभाव का भी असर दिखा है।' इस बाबत जानकारी के लिए फोनपे को भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं आया।
वर्ष 2018 में 16 अरब डॉलर के एक सौदे के तहत फ्लिपकार्ट के अधिग्रहण के साथ ही फोनपे वॉलमार्ट के नियंत्रण में आई। सूत्रों के अनुसार, वॉलमार्ट चाहती है कि फोनपे अपने कारोबार के विस्तार के लिए बाहरी निवेशकों से रकम जुटाए और अलीबाबा के निवेश वाली भुगतान फर्म पेटीएम, गूगल पे और एमेजॉन पे जैसी प्रतिस्पर्धियों को टक्कर दे। साथ ही उसकी नजर यहां के भुगतान एवं वित्तीय सेवा बाजार पर भी है।
अपनी पहचान जाहिर न करने की शर्त पर एक व्यक्ति ने कहा, 'वॉलमार्ट एमेजॉन जैसी नहीं है। वह फोनपे में अधिक निवेश नहीं करना चाहती क्योंकि उसे फ्लिपकार्ट में भी निवेश करना है। इसके अलावा वह अमेरिकी ई-कॉमर्स बाजार में भी काफी निवेश कर रही है।'
ईवाई इंडिया के पार्टनर अंकुर पाहवा के अनुसार, विशेष तौर पर भुगतान एवं वॉलेट क्षेत्र में फिनटेक उद्योग ने काफी प्रगति की है लेकिन उसे अभी लंबा सफर तक करना बाकी है। जैसे उधारी, निवेश एवं बीमा जैसे क्षेत्रों में।
वित्तीय सेवा बाजार में फोनपे की पैठ काफी बढ़ी है। अगले कुछ वर्षों में देश के वित्तीय सेवा बाजार का आकार बढ़करक 340 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।
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