एयरटेल निर्गम को तीन गुना आवेदन | सुरजीत दास गुप्ता / नई दिल्ली January 09, 2020 | | | | |
भारती एयरटेल के 3 अरब डॉलर के पात्र संस्थागत नियोजन (क्यूआईपी) और विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बॉन्ड (एफसीसीबी) पेशकश को निवेशकों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली। इसके लिए निवेशकों से तीन गुना से अधिक 10 अरब डॉलर के आवेदन मिले। बैंकिंग सूत्रों के अनुसार निर्गम बुधवार रात को खुला था और इसके लिए पूरा अभिदान मिल चुका है। शेयरों का आवंटन अगले हफ्ते किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार फिडेलिटी, ब्लैकरॉक, गोल्डमैन सैक्स, बीएनपी पारिबा, सिटी ग्रुप, वारबर्ग पिनकस, जेपी मॉर्गन, ऐक्सिस कैपिटल, आईसीआईसीआई प्रू, एसबीआई म्युचुअल, आदित्य बिड़ला म्युचुअल, एचडीएफसी म्युचुअल और टेमासेक होल्डिंग्स को क्यूआई लेने की पेशकश की गई थी। एफसीसीबी पेशकश ब्लैकरॉक, जीआईसी, बार्कले, सोसियाते जेनेराली औैर स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक आदि को की गई थी। इस बारे में भारती एयरटेल के प्रवक्ता से पूछा गया लेकिन उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं की। जीआईसी सिंगापुर की फिलहाल भारती एयरटेल में 4 फीसदी हिस्सेदारी है।
उच्चतम न्यायालय के आदेश के मुताबिक भारती एयरटेल को जनवरी के अंत तक एजीआर और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क बकाया के तौर पर 35,000 करोड़ रुपये का भुगतान करना है। इसी के लिए भारती ने कर्ज और इक्विटी के रूप में नई पूंजी जुटाने का निर्णय किया है। हालांकि कंपनी ने उच्चतम न्यायालय में समीक्षा याचिका दायर की है। अदालत के आदेश के तहत दूरसंचार उद्योग को करीब 1,47,000 करोड़ रुपये का भुगतान करना है। वोडाफोन-आइडिया जैसी कंपनियों ने पहले ही कह दिया है कि उन्हें परिचालन बंद करने पर मजबूर होना पड़ सकता है।
अपनी विवरणिका में भारती एयरटेल ने कहा है कि अगर अदालत का फैसला कंपनी के पक्ष में आता है तो वह इस पैसे या इसके एक हिस्से का उपयोग दीर्घावधि के संसाधनों और अपनी बैलेंस शीट को दुरुस्त करने में कर सकती है। कंपनी एफसीसीबी से 1 अरब डॉलर और क्यूआईपी के जरिये 2 अरब डॉलर जुटाने की संभावना तलाश रही थी। क्यूआईपी का आधार मूल्य 452 रुपये प्रति शेयर रखा गया है। भारती एयरटेल का शेयर 0.28 फीसदी बढ़त के साथ 460.15 रुपये पर बंद हुआ। अदालत के आदेश के मुताबिक देनदारी का प्रावधान करने की वजह से चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कंपनी को 23,045 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था, जो किसी भी तिमाही में सर्वाधिक घाटा है। इसके साथ ही एयरटेल ने अन्य कंपनियों की तरह लंबे समय बाद शुल्क दरों में 15 से 40 फीसदी तक इजाफा करने का निर्णय किया है, जिससे आने वाली तिमाहियों में उसके राजस्व और प्रति ग्राहक औसत राजस्व में सुधार आने की उम्मीद है। एयरटेल मई में राइट निर्गम के जरिये 25,000 करोड़ रुपये पहले ही जुटा चुकी है।
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