भारत बंद में छात्र भी हुए शामिल देश भर में जनजीवन रहा सामान्य
सोमेश झा और अभिषेक रक्षित / January 08, 2020
पिछले पांच सालों में यह चौथी बार है जब केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार की आर्थिक नीतियों के खिलाफ देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया लेकिन इस बार का हड़ताल पहले के मुकाबले कुछ अलग था।
बुधवार का 'भारत बंद' केवल देश के 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों तक ही सीमित नहीं था बल्कि इससे आम लोग और खासतौर पर छात्र भी जुड़े जिन्होंने संशोधित नागरिकता कानून और हाल में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हुई हिंसा के खिलाफ भी विरोध प्रदर्शन किया। दिल्ली के विभिन्न विश्वविद्यालयों, दिल्ली विश्वविद्यालय, जेएनयू, जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय, अंबेडकर विश्वविद्यालय और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के छात्रों ने भी कड़ाके की ठंड के बावजूद भारत बंद के प्रदर्शन में हिस्सा लिया और 'आजादी' के नारे लगाते रहे।
अंबेडकर विश्वविद्यालय की 22 साल की छात्रा अदिति ने बताया, 'हमारे विश्वविद्यालय में फीस के हिसाब से सुविधाएं नहीं दी जातीं। शोध छात्रों को तीन महीने का मानदेय नहीं दिया गया है। हमारे विश्वविदद्यालय परिसर में सुरक्षा गार्ड और सफाईकर्मी हैं जो लंबे समय से अनुबंध पर ही काम कर रहे हैं।' दिल्ली विश्वविद्यालय के हजारों छात्रों ने नॉर्थ कैंपस से दो किलोमीटर तक का मार्च किया। इनके विरोध प्रदर्शन में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ लिखी तख्तियां भी नजर आईं। भारत बंद से जुड़े प्रदर्शन के दौरान छात्र एकता, मजदूर एकता, किसान एकता जिंदाबाद के नारे लगे।
ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) की महासचिव अमरजीत कौर ने इस हड़ताल बड़ी सफलता बताया और कहा कि छात्रों के साथ देश के 25 करोड़ लोगों ने इसमें हिस्सा लिया। हालांकि मुख्य श्रम आयुक्त रंजन वर्मा ने कहा कि इस हड़ताल में कामगारों की हिस्सेदारी शाम तक बेहद कम रही। उनका कहना था कि केंद्र सरकार द्वारा संचालित उद्योगों के औसतन 15 फीसदी कर्मचारियों ने ही हड़ताल में हिस्सा लिया। बैंकिंग और बीमा क्षेत्र में काम करने वाले 55 फीसदी लोग अनुपस्थित रहे जबकि दूरसंचार क्षेत्र के महज 6 फीसदी लोग ही काम पर नहीं आए।
हरियाणा के मानेसर में मौजूद होंडा मोटरसाइकिल ऐंड स्कूटर इंडिया (एचएमएसआई) के संयंत्र और मानेसर-बावल औद्योगिक क्षेत्र में मौजूद वाहन कलपुर्जे बनाने वाली विभिन्न फैक्टरियों में बुधवार को काम प्रभावित हुआ। हालांकि वाहन क्षेत्र की दिग्गज कंपनी मारुति सुजूकी इंडिया, हीरो मोटो कॉर्प और होंडा कार्स इंडिया के संयंत्रों के उत्पादन कार्यों पर हड़ताल का कोई असर नहीं हुआ। बैंकिंग सेवाओं को छोड़कर देश में हड़ताल की वजह से जनसामान्य से जुड़े काम प्रभावित नहीं हुए। हालांकि पश्चिम बंगाल में विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया जब सत्तासीन दल तृणमूल कांग्रेस और वाम मोर्चा समर्थित स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के बीच राज्य के वद्र्धमान जिले में हिंसक झड़प हुई।
तृणमूल सरकार संशोधित नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) का विरोध कर रही है और इसने केंद्र की आर्थिक एवं सामाजिक नीतियों के खिलाफ भी झंडा बुलंद किया था लेकिन पार्टी किसी भी तरह के हड़ताल एवं बंद के खिलाफ है। तृणमूल संबद्ध ऑल इंडिया तृणमूल ट्रेड यूनियन कांग्रेस ने हड़ताल का समर्थन नहीं किया।
तेलंगाना में ज्यादातर दुकानें और कारोबारी संस्थान खुले रहे जबकि वाहन सेवाओं पर भी कोई असर नहीं रहा। केरल में हड़ताल का असर सबसे ज्यादा देखा गया। श्रमिक संगठनों का दावा है कि गुजरात में कई हिस्सों में कारखाने में उत्पादन प्रभावित हुआ। हालांकि, उद्योगपतियों ने कारोबार सामान्य रहने की बात कही है।
Business Standard Private Ltd. Copyright & Disclaimer feedback@business-standard.com
This site is best viewed with Internet Explorer 6.0 or higher; Firefox 2.0 or higher at a minimum screen resolution of 1024x768
* Stock quotes delayed by 10 minutes or more. All information provided is on
"as is" basis and for information purposes only. Kindly consult your
financial advisor or stock broker to verify the accuracy and recency of all
the information prior to taking any investment decision.
While due diligence is done and care taken prior to uploading the stock
price data, neither Business Standard Private Limited, www.business-standard.com nor any
independent service provider is/are liable for any information errors,
incompleteness, or delays, or for any actions taken in reliance on
information contained herein.