एसबीआई कार्ड्स का आईपीओ इसी महीने | ऐश्ली कुटिन्हो / मुंबई January 05, 2020 | | | | |
भारतीय स्टेट बैंक की क्रेडिट कार्ड इकाई एसबीआई कार्ड्स ऐंड पेमेंट सर्विसेज को अगर नियामक की मंजूरी मिल जाती है तो कंपनी इसी महीने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम बाजार में उतार देगी। बाजार नियामक सेबी के पास पेशकश दस्तावेज का मसौदा नवंबर में जमा कराने वाली कंपनी को जल्द मंजूरी मिल सकती है। एक सूत्र ने यह जानकारी दी। कंपनी शेयर बिक्री के जरिए 9,000-9,500 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य लेकर कर चल रही है, जिसमें करीब 500 करोड़ रुपये के नए शेयर होंगे। इस इश्यू में मौजूदा शेयरधारकों एसबीआई और सीए रोवर का करीब 13.1 करोड़ शेयर का ओएफएस होगा, जो इस आईपीओ में क्रमश: 5 फीसदी और 10 फीसदी हिस्सेदारी का विनिवेश करेंगे।
एक इन्वेस्टमेंट बैंकर ने कहा, सेबी का ऑब्जर्वेशन अगले कुछ दिनों में मिलने की उम्मीद है। विदेश में रोडशो हो चुके हैं और हमने निवेशकों की भारी मांग देखने को मिली है। हमारा इरादा इसी महीने आईपीओ उतारने का है। इस कंपनी में एसबीआई की हिस्सेदारी 74 फीसदी है जबकि बाकी सीए रोवर के पास है, जिसका नियंत्रण कार्लाइल समूह करता है। दिसंबर 2017 से पहले एसबीआई के पास 60 फीसदी हिस्सेदारी थी जबकि बाकी 40 फीसदी हिस्सेदारी जीई कैपिटल के पास थी। दिसंबर 2017 में जीई कैपिटल इस कंपनी से पूरी तरह निकल गई। इसके बाद एसबीआई ने हिस्सेदारी बढ़ाकर 74 फीसदी कर ली जबकि सीए रोवर ने बाकी 26 फीसदी हिस्सेदारी खरीद ली।
बैंकर ने कहा, यह इकलौता कार्ड बिजनेस है जो सूचीबद्ध होने जा रहा है और इसमें उम्दा रिटर्न सृजित करने की क्षमता है। बाजार में विस्तार की काफी गुंजाइश है और हम इस कारोबार में खासी बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे हैं। एसबीआई के समर्थन के साथ इसके लिए बिना सेवा वाले इलाकों में बढ़त की काफी मौका है।
ब्रोकरेज फर्म एंबिट कैपिटल कंपनी की ताकत के तौर पर इसकी मजबूत मूल कंपनी और वितरण नेटवर्क को मानती है, साथ ही को-ब्रांडेड पार्टनरों पर जरूरत से ज्यादा निर्भरता व असुरक्षित पोर्टफोलियो को कमजोरी मानती है। ब्रोकरेज ने एक नोट में कहा है, इस क्षेत्र में बैंक काफी प्रतिस्पर्धी हो गई है। अगर यह बेहतर नहींं रहा तो कंपनी के मार्जिन व बढ़त दोनों पर दबाव डालेगा।
भारत में एचडीएफसी बैंक के बाद दूसरी सबसे बड़ी कार्ड कंपनी एसबीआई कार्ड्स की बाजार हिस्सेदारी कार्ड संख्या के लिहाज से सितंबर 2019 के आखिर में 18 फीसदी थी जबकि क्रेडिट कार्ड लेनदेन आदि में वित्त वर्ष 2020 की पहली छमाही में 17-18 फीसदी थी। इन सभी मानकों में ज्यादातर में एसबीआई ने बाजार हिस्सेदारी विभिन्न वर्षों में बढ़ाई है।
पिछले तीन वित्त वर्ष में कंपनी के कुल कार्ड खर्च में सालाना 54.2 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। कंपनी अपना राजस्व शुल्क आधारित आय मसलन इंटरचेंज शुल्क, देर से भुगतान पर शुल्क और सालाना शुल्क आदि से अर्जित करती है। गैर-ब्याज आय की हिस्सेदारी राजस्व में पिछले तीन वित्त वर्ष में बढ़ी है और यह 2016-17 के 43.6 फीसदी के मुकाबले 2018-19 में 48.9 फीसदी पर पहुंच गई। वित्त वर्ष 2019 में एसबीआई कार्ड्स का शुद्ध लाभ 862 करोड़ रुपये रहा जबकि राजस्व करीब 7,000 करोड़ रुपये। एसबीआई कार्ड्स आईपीओ का कामकाज कोटक महिंद्रा कैपिटल, ऐक्सिस कैपिटल, बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच, एचएसबीसी, नोमूरा और एसबीआई कैपिटल संभाल रही है।
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