ईरान ने रविवार को डॉनल्ड ट्रंप की आलोचना करते हुए उन्हें 'सूट बूट वाला आतंकवादी' बताया। ईरान की यह प्रतिक्रिया अमेरिकी राष्ट्रपति की इस धमकी के बाद आई है कि अगर ईरान ने अपने सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी का बदला लेने के लिए अमेरिकियों या अमेरिकी संपत्तियों पर हमला किया तो उसकी चिह्नित 52 जगहों को निशाना बनाया जाएगा।
दोनों देश एक-दूसरे को युद्ध की चेतावनी दे रहे हैं। ऐसे में यूरोपीय संघ, ब्रिटेन और ओमान ने दोनों से शांति बनाए रखने की अपील की है। अमेरिका ने शुक्रवार को बगदाद हवाई अड्डे पर ईरान के शीर्ष सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी के काफिले पर ड्रोन से हमला कर उनकी हत्या कर दी थी। इससे दोनों देशों के बीच दुश्मनी चरम पर पहुंच गई है और पश्चिम एशिया में बड़े युद्ध की आशंका पैदा हो गई है।
ईरान के सूचना एवं दूरसंचार मंत्री मोहम्मद जावेद अजारी-जहरोमी ने ट्वीट किया, 'आईएसआईएस, हिटलर, चंगेज खान! वे सभी संस्कृतियों से नफरत करते थे। ट्रंप सूट-बूट में एक आतंकवादी हैं। वह बहुत जल्द इतिहास सीख जाएंगे कि कोई भी महान ईरानी देश एवं संस्कृति को हरा नहीं सकता।'
ट्रंप ने कहा कि ईरान की 52 जगह अमेरिका के निशाने पर हैं, जिनमें से कुछ ईरान और उसकी संस्कृति के लिए अहम हैं। इन लक्ष्यों और खुद ईरान पर त्वरित और तगड़ा हमला होगा। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि ये 52 लक्ष्य ईरान में 52 अमेरिकियों को बंधक बनाए जाने की घटना का प्रतीक हैं, जिन्हें 1979 में ईरान की इस्लामिक क्रांति के दौरान अमेरिकी दूतावास से पकड़ा गया था। ट्रंप की धमकी का जवाब देते हुए ईरान के सरकारी टीवी चैनल पर देश के सेना प्रमुख मेजर जनरल अब्दुलरहीम मौसावी ने कहा कि अमेरिका में ईरान से लड़ाई का साहस नहीं है।
यूरोपीय संघ (ईयू) ने खाड़ी क्षेत्र में तनाव घटाने की अपील करते हुए रविवार को कहा कि ईरान के विदेश मंत्री को ब्रसेल्स आमंत्रित किया गया है। इराक में बहुत से लोगों ने इराकी जमीं पर अमेरिका द्वारा सुलेमानी और इराक के गैर सैनिक संगठन के नेता अबु महदी अल मुहांदिस की हत्या और उनके देश को एक और युद्ध में धकेलने के लिए गुस्सा जाहिर किया। इराक के जनप्रतिनिधियों ने संसद का एक विशेष सत्र बुलाकर यह प्रस्ताव पारित किया कि सरकार अमेरिका को इराक से अपनी सेनाएं हटाने के लिए कहे। इस बीच ईरान के साथ हुए बहुपक्षीय समझौते से अमेरिका के पीछे हटने और उस पर फिर से प्रतिबंध लगाने के जवाब में ईरान अब परमाणु समझौते से पीछे हटने से संबंधित अपने पांचवें कदम को रविवार रात तक अंतिम रूप देगा।
ईरान की आधिकारिक समाचार एजेंसी आईआरआईबी के मुताबिक सुलेमानी के पार्थिव शरीर को ईरान लाए जाने के बाद उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए अहवाज और मशद में हजारों लोग उमड़े और सबने काले रंग के कपड़े पहन रखे थे। यहां लोग अमेरिका मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे। ईरान के लोग सुलेमानी को 1980-88 के ईरान-इराक युद्ध और ईरान के पश्चिम एशिया अभियान की अगुआई करने वाले नायक के तौर पर देखते हैं।
भारत ने जताई चिंता
अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते तनाव को मद्देनजर रखते हुए भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को ईरानी विदेश मंत्री जावेद जरीफ के साथ साथ बातचीत की। जयशंकर ने कहा कि भारत क्षेत्र में तनाव के स्तर को लेकर अत्यंत चिंतित है। जयशंकर ने कहा कि मौजूदा घटनाक्रमों ने बहुत गंभीर मोड़ ले लिया है। विदेश मंत्री ने ट्वीट किया, 'ईरान के विदेश मंत्री जे जरीफ से बात की। घटनाक्रम ने गंभीर मोड़ ले लिया है। भारत इस बढ़ते तनाव को लेकर चिंतित है। हमने संपर्क में रहने की सहमति जताई है।'
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