देश के 36 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में से करीब 30 प्रतिशत में खुदरा महंगाई दर नवंबर में 6 प्रतिशत से ऊपर पहुंच गई। मुख्य रूप से खाद्य वस्तुओं के दाम में तेजी की वजह से ऐसा हुआ है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित महंगाई दर की इस श्रेणी में आने वाले 11 राज्यों में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, केरल, तमिलनाडु, ओडिशा, त्रिपुरा, लक्षद्वीप, पुदुच्चेरी, मणिपुर और मिजोरम शामिल हैं।
नवंबर महीने में जहां ओडिशा में अक्टूबर की तुलना में महंगाई दर तेजी से बढ़ी है, वहीं अन्य राज्यों में भी हाल के महीनों में तेजी आई है। ओडिशा में नवंबर में महंगाई दर बढ़कर 7.23 प्रतिशत पर पहुंच गई, जबकि इसके पहले के महीने में यह 3.35 प्रतिशत थी। एक महीने में महंगाई करीब 4 प्रतिशत बढ़ी है।
ऐसा इसलिए हुआ कि ओडिशा के ग्रामीण इलाकों में महंगाई दर नवंबर में 7.37 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो एक महीने पहले 2.61 प्रतिशत थी। इसमें 4.76 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। वहीं शहरी इलाकों में राज्य में महंगाई अक्टूबर के 5.32 प्रतिशत से 1.54 प्रतिशत अंक बढ़कर नवंबर में 6.86 प्रतिशत हो गई।
ऐसा इसलिए हुआ कि बेवरिज के साथ खाद्य महंगाई दर में नवंबर में दो अंको की बढ़ोतरी हुई। अक्टूबर के महज 4.23 प्रतिशत से बढ़कर यह अगले महीने 10.65 प्रतिशत पर पहुंच गई। दरअसल ओडिशा के ग्रामीण इलाकों में भी खाद्य एवं बेवरिज की महंगाई दर करीब दो अंकों में बढ़ी है। अक्टूबर के 2.89 प्रतिशत के मामूली स्तर ये यह नवंबर में बढ़कर 9.97 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो एक महीने में 7 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी है। वहीं दूसरी तरफ महंगाई दर नवंबर मेंं 13.09 प्रतिशत पर रही, जो इसके पहले महीने में 9.69 प्रतिशत पर थी। इसमें भी 3 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है।
ओडिशा में महंगाई दर में तेज बढ़ोतरी को इस रूप में देखा जा सकता है कि कैलेंडर साल 2019 के जनवरी महीने में राज्य में कोई महंगाई नहीं थी। दरअसल सितंबर में कुछ सुधार हुआ, जबकि शेष महीनों में यह शून्य से 2.21 प्रतिशत के बीच थी। बहरहाल ओडिशा में महंगाई दर लक्षद्वीप, त्रिपुरा और मणिपुर की तुलना में कम रही। लक्षद्वीप में नवंबर मेंं महंगाई दर 10.25 प्रतिशत रही, जो इसके पहले महीने में 7.76 प्रतिशत थी। इस राज्य में महंगाई मई में ही 6 प्रतिशत पार कर गई थी। यह एकमात्र राज्य है, जहां नवंबर में महंगाई दर दो अंकों में पहुंच गई।
त्रिपुरा में भी महंगाई दर जुलाई में 6 प्रतिशत पार कर गई। मणिपुर में नवंबर में महंगाई दर कम होकर 7.9 प्रतिशत पर आई, जो इसके पहले महीने में 8.01 प्रतिशत थी। ज्यादातर राज्यों में खाद्य वस्तुएं महंगी होने का असर महंगाई दर पर पड़ा है। यहां तक कि मणिपुर में महंगाई दर में गिरावट कुल मिलाकर कीमतों में कमी की वजह से हुई। बहरहाल गिरावट के बावजूद राज्य में खाद्य महंगाई नवंबर में 10.96 प्रतिशत के उच्च स्तर पर बनी रही, जो अक्टूबर में 12.27 प्रतिशत थी।
राष्ट्रीय औसत के हिसाब से खाद्य महंगाई दो अंकों को छूते हुए नवंबर में 10.01 प्रतिशत पर पहुंच गई और ऐसा चालू कैलेंडर वर्ष में पहली बार हुआ। ऐसा सब्जियों, खासकर प्याज के दाम में तेजी की वजह से हुआ। इसके पहले महीने में यह 7.89 प्रतिशत पर थी। बहरहाल शहरी इलाकों में खाद्य महंगाई अक्टूबर में 10.47 प्रतिशत पर थी, जो नवंबर मेंं 12.26 प्रतिशत पर पहुंच गई। ग्रामीण इलाकों में खाद्य महंगाई नवंबर में 8.83 प्रतिशत पर रही, जो इसके पहले महीने में 6.42 प्रतिशत पर थी।
इक्रा में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नैयर ने कहा, 'दिसंबर में खाद्य महंगाई बढ़ी हुई बनी रहेगी। सब्जियों के दाम सामान्य होने पर जनवरी 2020 में महंगाई दर कम होगी, लेकिन यह कैलेंडर वर्ष 2020 की पहली छमाही में 4 से 5 प्रतिशत के बीच में बनी रहेगी।'
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