अब अस्पतालों की रेटिंग की बारी | नम्रता आचार्य और सुब्रत पांडा / कोलकाता/मुंबई January 03, 2020 | | | | |
आधारभूत स्वास्थ्य बीमा उत्पादों के मानकीकरण के बाद भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) बीमा दावों के लिए अस्पतालों की रेटिंग के जरिये स्वास्थ्य सेवाओं के मानकीकरण की योजना बना रहा है। आईआरडीएआई के एक वरिष्ठï अधिकारी के मुताबिक नियामक अस्पतालों की रेटिंग के लिए एनएबीएच (अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड) से चर्चा कर रहा है।
रेटिंग तंत्र के तहत बीमाकर्ता अस्पताल में डॉक्टरों या उपकरण की संख्या जैसे सुविधाओं पर आधारित ग्रेड के आधार पर बीमा की राशि तय कर सकते हैं। उदाहरण के लिए पांच सितारा अस्पताल के मुकाबले तीन सितारा अस्पतालों के लिए बीमा की राशि अलग होगी। रेटिंग तंत्र के सिलसिले में नियामक पहले से ही बीमा कंपनियों के साथ बातचीत कर रहा है।
आदित्य बिड़ला हेल्थ इंश्योरेंस के मुख्य कार्याधिकारी मयंक बथवाल ने कहा, 'फिलहाल अस्पताल के वातावरण पर बीमाकर्ता का कोई नियंत्रण नहीं है। रेटिंग से काफी हद तक अस्पताल की सेवाओं के संकेत मिल जाएंगे। यह विचार अब भी चर्चा के स्तर पर है और रेटिंग किन मानदंडों पर आधारित होगा यह फिलहाल देखना बाकी है।'
आईसीआईसीआई लोम्बार्ड में अंडरराइटिंग, क्लेम्स, रीइंश्योरेंस ऐंड एक्चुअरी के प्रमुख संजय दत्ता ने कहा, 'अस्पतालों की रेटिंग पर हमने नियामक के साथ चर्चा की है। यह कदम इस क्षेत्र के लिए काफी लाभप्रद होगा।' आईआरडीएआई के पास पहले से ही स्वास्थ्य बीमाकर्ताओं और थर्ड पार्टी एडमिनिस्ट्रेटर्स (टीपीए) नेटवर्क में अस्पतालों और चिकित्सा दैनिक देखभाल केंद्रों की पंजी है। इसे रोहिणी (रजिस्ट्री ऑफ हॉस्पिटल्स इन नेटवर्क ऑफ इंश्योरर्स) कहा जाता है। इस डेटाबेस में करीब 33,000 विशिष्टï अस्पताल और चिकित्सा दैनिक देखभाल केंद्र दर्ज हैं।
उल्लेखनीय है कि आईआरडीएआई पिछले कुछ समय से स्वास्थ्य बीमा उत्पादों के मानकीकरण के लिए काम कर रहा है ताकि आम आदमी तक इसकी बेहतर पहुंच हो। पिछले वर्ष सितंबर में यह स्वास्थ्य बीमा ठेकों में बहिष्करण के मानकीकरण पर दिशानिर्देश लेकर आया था।
गुरुवार को इसने मानक व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा पर दिशानिर्देश जारी किए जिसमें सामान्य और स्वास्थ्य बीमाकर्ताओं को अधिकतम 5 लाख रुपये तक की बीमित राशि और न्यूनतम 1 लाख रुपये तक की बीमित राशि वाले उपभोक्ताओं के लिए उनके आधारभूत स्वास्थ्य जरूरतों को पूरा कर पाने में सक्षम उत्पाद पेश करने के लिए कहा गया है। मानक उत्पाद में आधारभूत अनिवार्य कवर होने चाहिए। मानक उत्पाद के साथ कोई अतिरिक्त या वैकल्पिक कवर पेश करने की अनुमति नहीं होगी और बीमाकर्ता आईआरडीएआई के दिशानिर्देशों को पूरा करने वाले प्रस्तावित कवर की पेशकश को ध्यान में रखकर बीमा की कीमत तय कर सकते हैं।
पॉलिसीबाजारडॉटकॉम पर हेल्थ इंश्योरेंस के बिजनेस हेड अमित छाबडिय़ा ने कहा, 'इसके बाद स्वास्थ्य बीमा बाजार काफी व्यापक होगा। इस उत्पाद के साथ स्वास्थ्य बीमा को लेकर काफी जागरूकता आएगी।' वित्त वर्ष 2020 के दौरान सामान्य और स्वास्थ्य बीमा कंपनियों ने स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम के तौर पर 44,873 करोड़ रुपये जुटाए। इस प्रकार इसमें पिछले वर्ष के मुकाबले करीब 21 फीसदी की वृद्घि दर्ज की गई।
स्टार हेल्थ ऐंड एलाइड इंश्योरेंस के प्रबंध निदेशक आनंद रॉय ने कहा, 'फिलहाल बाजार में बहुत सारे उत्पाद हैं जिससे ग्राहकों के लिए दुविधा की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। अब एक आधारभूत उत्पाद होने से स्वास्थ्य बीमा के दायरे में विस्तार होगा।' उन्होंने कहा कि हमने बीमाकर्ता के साथ अस्पतालों की रेटिंग के मसले पर चर्चा की है। स्वास्थ्य बीमा का क्षेत्र सालाना 20 फीसदी की दर से बढ़ रहा है। पिछले वर्ष 2 करोड़ से अधिक स्वास्थ्य पॉलिसी जारी किए गए जिसमें करीब 47.2 करोड़ लोगों को शामिल किया गया है। मणिपाल सिग्ना हेल्थ इंश्योरेंस की मुख्य परिचालन अधिकारी प्रिया गिलबिले ने कहा, 'इस कदम से स्वास्थ्य बीमा का दायरा काफी बढ़ेगा और इससे और अधिक स्वचालन भी आएगा। अस्पतालों की रेटिंग इस उद्योग के लिए काफी सकारात्मक कदम साबित होगा।'
रिलायंस जनरल इंश्योरेंस के कार्यकारी निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी राकेश जैन ने कहा, 'अंतत: हम चाहते हैं कि स्वास्थ्य बीमा को लेकर जागरूकता बढ़े। मानकीकरण के विचार से काफी लोगों को उत्पाद के बारे में सहमत करने में मदद मिलती है। यह एक प्रकार का वित्तीय समावेशन है। मुख्य ध्येय स्वास्थ्य बीमा में लोगों की हिस्सेदारी को बढ़ाना है।
जब बहुत अधिक विविधता होती है तो लोग भ्रमित हो जाते हैं। और जाहिर तौर पर जब स्वास्थ्य प्राथमिक विषय नहीं हो तो लोगों को इसे खरीदने के लिए मनाने को लेकर आसान दृष्टिकोण अपनाना पड़ता है। यह एक अच्छी शुरुआत है और यह देश में स्वास्थ्य देखभाल के लिए न्यूनतम मानक भी तैयार करेगा। तब जाकर बीमाकर्ता अभिनव प्रयोग करेंगे और बेहतर उत्पादों के साथ सामने आएंगे। लिहाजा इसके दोहरे लाभ हैं।'
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