वित्त वर्ष 2019-20 के वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह के कठिन लक्ष्य के बीच राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय मंगलवार को कर आयुक्तों के साथ एक दिन की बैठक करने जा रहे हैं। इस बैठक में जीएसटी प्रणाली को तार्किक बनाने और धोखाधड़ी की वजह से पैदा होने वाली चुनौतियों से निपटने पर विचार किया जाएगा।
सूत्रों ने बताया कि राज्य कर विभाग के आयुक्तों और केंद्रीय कर के मुख्य आयुक्तों के साथ जीएसटी अनुपालन बढ़ाने, खामियां दूर करने, कर चोरों को हतोत्साहित करने पर विचार होगा, जो इस व्यवस्था का दुरुपयोग या गलत लाभ उठा रहे हैं। यह बैठक इस हिसाब से भी अहम है कि जीएसटी परिषद ने 18 दिसंबर को आयोजित अपनी अंतिम बैठक में इच्छा जताई थी कि वस्तुओं पर कर बढ़ाने के किसी फैसले के पहले इन मसलों पर विस्तार से अध्ययन किया जाना चाहिए। दिसंबर महीने में लगातार दूसरी बार मासिक जीएसटी संग्रह एक लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर गया है, लेकिन 2019-20 का लक्ष्य हासिल करने के लिए दिसंबर से लेकर वित्त वर्ष के शेष महीनों में हर महीने 1.10 लाख करोड़ रुपये कर संग्रह की जरूरत है। दरअसल इन चार महीनों में से किसी एक महीने में 1.25 लाख करोड़ रुपये कर संग्रह की जरूरत होगी।
सूत्रों ने कहा कि विभिन्न पहलुओं को लेकर प्रस्तावित इस लंबी बैठक का मकसद धोखाधड़ी और कर चोरी रोकना, फर्जी या बहुत ज्यादा इनपुट टैक्स क्रेडिट की दावों की जांच, कारोबारियों के बैंक खातों के विस्तृत ब्योरे की मांग, जिससे किन उनकी फाइलिंग से मिलान किया जा सके, रिफंड के दुरुपयोग और राजस्व संग्रह में बेहतर तरीकों का इस्तेमाल पर विचार करना है। इस बैठक में ई-इन्वायसिंग, नई रिटर्न व्यवस्था और फीडबैक, ईवे बिल को फास्टैग से जोडऩे, रिफंड लंबित होने, जीएसटी पंजीकरण को आधार से जोडऩे, बगैर पहुंचे प्रवर्तन के तरीके, क्यू आर कोड आदि जैसे आगे के मसलों पर भी चर्चा होनी है।
सूत्रों ने कहा कि डेटा विश्लेषण और कृत्रिम मेधा (एआई) के अधिक इस्तेमाल पर भी बैठक में चर्चा होगी, जिससे कर चोरी करने वालों के बारे में सूचना प्राप्त की जा सके और बेहतर कर अनुपालन के माध्यम से राजस्व बढ़ाया जा सके। सूत्रों ने कहा कि इसमें बैंकों, आईएफयू इंडिया जैसे तीसरे पक्ष के आंकड़ों के संयुक्त अध्ययन आदि जैसे विषयों पर भी चर्चा होगी।बैठक में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड, वित्तीय आसूचना इकाई (एफआईयू), विश्लेषण एवं जोखिम प्रबंधन महानिदेशालय और जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) के अधिकारी भी शामिल होंगे।
कर चोरी को रोकने के लिए लक्षित तरीके, जिसमें करदाताओं के पास बार बार पहुंचने या सही करदाताओं उत्पीडऩ न हो, पर जोर होगा। सूत्रों ने कहा कि इस मसले पर फील्ड अधिकारियों और प्रवर्तन शाखा के साथ चर्चा की जाएगी।
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