घटी बिक्री की रफ्तार अर्थव्यवस्था पर लगातार दवाब के चलते घरेलू वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में सालाना आधार पर गिरावट देखी गई जिसके लिए ट्रकों की मांग में कमी, सरकारी खर्च में धीमापन तथा दूसरे कारक शामिल हैं। हालांकि दिसंबर माह में मासिक आधार पर वाहन बिक्री 10-15 प्रतिशत बढ़ी है जिसका प्रमुख कारण वाहनों पर दी गई भारी छूट रहा। वाणिज्यिक वाहन बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी टाटा मोटर्स ने बताया कि एक साल पहले दिसंबर 2018 की 36,180 इकाइयों के मुकाबले इस बार दिसंबर 2019 में 31,469 इकाइयों की ही बिक्री हुई। हालांकि नवंबर 2019 की 27,657 इकाइयों के मुकाबले दिसंबर की बिक्री में 13.8 प्रतिशत इजाफा देखा गया। कंपनी के मध्यम तथा भारी वाणिज्यिक वाहन श्रेणी में दिसंबर 2019 के दौरान 6,957 वाहनों की बिक्री हुई जो एक साल पहले की 11,506 इकाइयों की बिक्री से 40 प्रतिशत कम है। हालांकि नवंबर 2019 की 6,050 इकाइयों के मुकाबले यह 15 प्रतिशत अधिक है। टाटा मोटर्स की वाणिज्यिक वाहन कारोबार इकाई के अध्यक्ष गिरीश वाघ कहते हैं, 'दिसंबर में खुदरा बिक्री करीब 13 प्रतिशत अधिक रही। फिलहाल हम बीएस-6 मानकों को लागू करने के करीब हैं। कुल बिक्री लगातार दूसरे माह बढ़ी है और कंपनी के मध्यम तथा भारी वाणिज्यिक श्रेणी के वाहनों की बिक्री नवंबर माह के मुकाबले 15 प्रतिशत अधिक रही।'वाघ कहते हैं, 'वाहनों के बारे में जानकारी लेने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। वाहन मालिकों को इस बात का आभास है कि उनके पुराने वाहनों को बदलने का यह सही समय है।' वाणिज्यिक वाहन बनाने वाली देश की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी अशोक लीलैंड ने दिसंबर महीने में सालाना आधार पर 29 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की है। इस बार दिसंबर में 10,378 वाहनों की बिक्री हुई जबकि दिसंबर 2018 में 14,718 वाहनों की बिक्री हुई थी। हालांकि मासिक आधार पर बिक्री में 10.67 प्रतिशत की तेजी आई और नवंबर 2019 में यह बिक्री 9,377 इकाई रही थी। ट्रक कंपनी के मुख्य कारोबार में शामिल है और इसकी बिक्री सालाना आधार पर 59 प्रतिशत गिरी है। दिसंबर 2018 में यह 9,237 वाहन थी जो दिसंबर 2019 में घटकर 3,809 वाहन रह गई। हालांकि नवंबर 2019 में यह आंकड़ा 3,447 इकाई पर था और दिसंबर माह में इसमें 10.50 प्रतिशत की तेजी देखी गई।
