भारत के अरबपति समूह में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है। वर्ष 2019 में इस सूची में 10 प्रवर्तक शामिल हुए हैं। कॉर्पोरेट आय कर में कमी की घोषणा के बाद इन प्रवर्तकों की कंपनियों के शेयरों में बड़ी बढ़त दर्ज की गई, जिनके दम पर इन्होंने अपना नाम इस फेहरिस्त में जोड़ लिया। दूसरी तरफ 12 प्रवर्तक इस फेहरिस्त से बाहर हो गए हैं। इनकी कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में कमी या उनके द्वारा हिस्सेदारी बेचने की कवायद इसकी वजह हो सकती है। जिन लोगों ने इस फेहरिस्त में अपने नाम जोड़े हैं उनमें रिलेक्सो फुटवीयर्स के रमेश दुआ, पीआई इंडस्ट्रीज के मयंक सिंघल और प्रेस्टिीज एस्टेट्स के इरफान रज्जाक सबसे आगे रहे हैं। अनिल अंबानी, येस बैंक के राणा कपूर और ऐस्सल ग्रुप के सुभाष चंद्रा कुछ बड़े नाम हैं, जो इस वर्ष इस फेहरिस्त से बाहर हो गए। इस बड़े बदलाव का नतीजा यह रहा है कि दिसंबर 2019 में इस समूह का आकार कम होकर 78 रह गया है, जो दिसंबर 2018 में 80 हुआ करता था। यह विश्लेषण 28 दिसंबर 2019 तक प्रवर्तकों की 1 अरब डॉलर या इससे अधिक शुद्ध परिसंपत्तियों पर आधारित है। इनकी शुद्ध परिसंपत्तियों का आकलन डॉलर-रुपये का मासिक विनिमय दर 71 मानते हुए किया गया है। 2019 में उपभोक्ता वस्तु विनिर्माता, रियल एस्टेट डेवलपर और खुदरा बैंक सर्वाधिक फायदे में रहे हैं, जबकि दवा उद्यमी, वाहन निर्माता और पूंजीगत वस्तु कंपनियों के मालिकों की संपत्ति में वर्ष में तेज गिरावट देखी गई है। अरबपतियों की सूची में नए चेहरे रिलेक्सो फुटवियर्स के प्रवर्तक एवं प्रबंध निदेशक रमेश दुआ अरबपति समूह के नवीनतम सदस्य हैं और उन्होंने सबसे अधिक लाभ अर्जित किया है। उनके परिवार की परिसंपत्ति पिछले 12 महीनों के दौरान 65 प्रतिशत बढ़कर 10,800 करोड़ रुपये हो गई है। दिसंबर 2018 के अंत में उनके परिवार की शुद्ध परिसंपत्ति 6,500 करोड़ रुपये (90 करोड़ डॉलर) थी। इस वर्ष सितंबर के अंत में दुआ परिवार की रिलेक्सो में 71 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। चालू कैलेंडर वर्ष में कंपनी का बाजार पूंजीकरण 72 प्रतिशत बढ़ा है और इस तरह यह बाजार में शीर्ष प्रदर्शन करने वाला उपभोक्ता शेयर रहा है। इस सूची में कृषि रसायन निर्माता कंपनी पीआई इंडस्ट्रीज के मयंक सिंघल का नाम भी जुड़ा है। इस साल पीआई इंडस्ट्रीज का शेयर भाव 70.4 प्रतिशत तक उछला है। सिंघल परिवार की शुद्ध परिसंपत्ति अब करीब 10,400 करोड़ रुपये (1.5 अरब डॉलर) हो गई है, जो दिसंबर 2018 के अंत में 6,000 करोड़ रुपये थी। कंपनी में सिंघल परिवार की 51.4 प्रतिशत हिस्सेदारी है। बेंगलूरु स्थित रियल एस्टेट कंपनी प्रेस्टीज एस्टेट्स प्रोजेक्ट्स के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक इरफान रज्जाक भी अरबपति समूह में शुमार हो गए हैं। कंपनी में अब उनके परिवार की हिस्सेदारी का मूल्य करीब 8,800 करोड़ रुपये हो गया है। इसमें इस वर्ष अब तक 53.4 प्रतिशत तेजी आई है। कंपनी में रज्जाक परिवार की 70 प्रतिशत हिस्सेदारी है। समूह में शामिल नए चेहरों में जीएमआर इन्फ्रा के जीएम राव, एयू स्मॉल फाइनैंस बैंक के संजय अग्रवाल और मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेस के मोतीलाल ओसवाल और रामदेव अग्रवाल शामिल हैं। दूसरी ओर सोलर इंडस्ट्रीज के सत्यनारायण नवल, हडसन एग्रो प्रोडक्ट्स के आर जी चंद्रमोगन, अंजता फार्मा के मन्नालाल अग्रवाल और नुस्ली वाडिया अरबपतियों की सूची से बाहर हो गए हैं। प्रमुख कंपनियों में उनके शेयरों के मूल्य में गिरावट के कारण ऐसा हुआ है। उल्लेखनीय है कि ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज में नुस्ली वाडिया की हिस्सेदारी बॉम्बे बर्मा के पास है। यह मुनाफे और बाजार पूंजीकरण के लिहाज से एक छोटी कंपनी है। एसआरएफ के अरुण भरत राम और टीवीएस मोटर के वेणु श्रीनिवासन के मामले में भी ऐसा ही है।
