सितारों की चमक बरकरार तो छोटी फिल्में भी रहीं जानदार | सोहिनी दास / December 29, 2019 | | | | |
यह वर्ष छोटे बजट की चौंकाने वाली फिल्मों और भारी बजट वाली फ्रेंचाइजी फिल्मों के नाम रहा। इस वर्ष देश में सिनेमा के परदों पर इनका जादू सर चढ़कर बोला। बॉलीवुड की बात करें तो यहां फ्रैंचाइजी फिल्मों में हाउसफुल 4 और दबंग 3 रिलीज हुईं जबकि हॉलीवुड में डिज्नी-मारवल का दबदबा रहा। बहरहाल, आश्चर्य की बात यह है कि सुपरहीरो फ्रैंचाइजी में डिज्नी की ताजातरीन रिलीज फिल्म राइज ऑफ स्काईवाकर बॉक्स ऑफिस पर अपेक्षित सफलता नहीं हासिल कर सकी हालांकि अभी डिज्नी स्टूडियो को शुरुआती सप्ताहांत के कारोबार के आंकड़े जारी करने बाकी हैं। इन बड़े नामों के मुकाबले बॉलीवुड की कई छोटे बजट की फिल्मों ने कमाल का प्रदर्शन किया। ड्रीम गर्ल से लेकर बाला तक ये एकदम अलग कथावस्तु वाली फिल्में थीं।
मारवल की अवेंजर्स फ्रैंचाइजी हॉलीवुड की सबसे अधिक कमाई वाली फिल्म रही जबकि बॉलीवुड में यह सेहरा हृतिक रोशन की वॉर के सर बंधा। दंबग 3 की कमाई के आंकड़े अभी सामने आने बाकी हैं। परंतु सप्ताहांत पर 81 करोड़ रुपये का शुरुआती आंकड़ा बताता है कि फिल्म भले ही इस फ्रैंचाइजी की पिछली फिल्मों जैसा प्रदर्शन न करे लेकिन यह अच्छी खासी कमाई करेगी।
डिज्नी इंडिया के स्टूडियो एंटरटेनमेंट के प्रमुख विक्रम दुग्गल ने पूर्व में बिज़नेस स्टैंडर्ड को दिए एक साक्षात्कार में कहा था, 'हॉलीवुड भारत में जो क्रांति घटित होती देख रहा है उसके मूल में मार्वेल है। यदि आप इस वर्ष बॉलीवुड तथा अन्य क्षेत्रीय फिल्म उद्योगों की नंबर एक फिल्म पर नजर डालेंगे तो सबसे सफल फिल्म है अवेंजर: एंडगेम। मार्वेल की किस्सागोई की जबरदस्त मांग है।'
ऐसा नहीं है कि केवल मारवल की फिल्म ही कमाई कर रही है। अन्य फ्रैंचाइजी मसलन कंज्यूरिंग सिरीज और एनाबेल सिरीज भी पसंद की जा रही हैं। द नन और एनाबेल कम्स होम जैसी फिल्मों ने तो बॉलीवुड की धीमी हिट आर्टिकल 15 से भी अधिक पैसे कमाए।
इन तमाम फिल्मों की बात करें तो रिलीज के समय की गई मार्केटिंग की गतिविधियों के अलावा सोशल मीडिया पर निरंतर चर्चा और इन पर केंद्रित वस्तुओं के कारोबार ने अहम भूमिका निभाई। हॉलीवुड की फिल्मों को कथानक को संदर्भित करने और स्थानीयकरण की नीतियों से बहुत मदद मिली। फिर चाहे मामला मार्केटिंग योजना और प्रमोशन को हो या प्रख्यात कलाकारों से क्षेत्रीय संस्करणों के संवाद बुलवाना हो। एंडगेम के लिए बने एक गीत को ए आर रहमान ने अपना स्वर दिया। फिल्म अंगे्रजी के साथ तीन भारतीय भाषाओं हिंदी, तमिल और तेलगू में रिलीज हुई। 2,800 स्क्रीन पर इसके औसतन 1,300 शो रोजाना चले।
भारी-भरकम फिल्मों के अलावा छोटे बजट की फिल्मों ने भी खूब चौंकाया। कुछ बड़े बजट की फिल्में ऐसी भी रहीं जिनकी पटकथा एकदम अलग थी। गली बॉय इसका उदाहरण रही। आयुष्मान खुराना की फिल्म 'बाला' (116 करोड़ रुपये) और 'ड्रीम गर्ल' (139.7) करोड़ रुपये की कमाई की। दोनों को सुपरहिट करार दिया गया। ये फिल्में क्रमश: 27 करोड़ रुपये और 30 करोड़ रुपये के कम बजट में बनी थीं। फिल्मों की रिलीज के पहले ऑनलाइन जगत में इन्हें लेकर खूब चर्चा हुई। इस वर्ष की अन्य अधिक कमाई वाली फिल्में मसलन 'हाउसफुल 4', 'वॉर' और 'भारत' क्रमश: 75 करोड़ रुपये, 150 करोड़ रुपये और 100 करोड़ रुपये के भारी बजट से बनी थीं। इन फिल्मों की मार्केटिंग का बजट भी अच्छा खासा था।
बीते दो वर्षों में दर्शकों की प्रकृति और फिल्मों का कारोबार दोनों काफी बदल गए हैं। देश में ओटीटी के दर्शक बढ़ रहे हैं और नेटफ्लिक्स, एमेजॉन प्राइम और हॉटस्टार (प्रीमियम) जैसे सबस्क्रिप्शन वाले प्लेटफॉर्म का कारोबार बढ़ा है। इसके साथ ही बॉक्स ऑफिस को नए सितारे और नए कथानक भी मिले हैं। फिल्म निर्माण की आर्थिकी पर भी नए सिरे से विचार हो रहा है। उदाहरण के लिए चार करोड़ रुपये में बनी 'ताशकंद फाइल्स' ने 16.75 करोड़ रुपये कमाए और आर्थिक रूप से सार्थक साबित हुई जबकि करन जौहर और साजिद नादियाडवाला की 'कलंक' 150 करोड़ रुपये में बनी लेकिन बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिरी।
आने वाले वर्ष में फिल्मों और फिल्मकारों की एक नई पौध अपनी छाप छोड़ेगी। उनकी सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि वे 2019 के सबकों को किस प्रकार ग्रहण करते हैं।
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