एक से ज्यादा कार्ड रखें पर इन बातों का ध्यान रहे | बिंदिशा सारंग / December 29, 2019 | | | | |
आपने एक पुरानी कहावत तो सुनी ही होगी कि कर्ज कभी नकद जितना अच्छा नहीं हो सकता। फिर भी आज हमारे बटुए में पड़े क्रेडिट कार्ड की कीमत बहुत अधिक है। अब कोई यह नहीं पूछता कि आपके पास क्रेडिट कार्ड होना चाहिए या नहीं। अब सवाल यह है कि कितने कार्ड होने चाहिए? केवल एक या ढेरों कार्ड? आपके पास कितने कार्ड हैं और आप उनका इस्तेमाल किस तरह करते हैं, इसका सीधा असर आपके क्रेडिट स्कोर यानी आपकी साख पर पड़ता है। इसीलिए कार्ड के बारे में सही चुनाव करना बेहद जरूरी है।
आपकी उम्र क्या है?
अगर हम इस्तेमाल करने वाले की उम्र जानते हैं तो कई सवालों के जवाब एकदम सीधे मिल जाते हैं। मनीमंत्रा के प्रबंध निदेशक राज खोसला का कहना है, 'पिछले दो दशकों में जन्मे जिन युवाओं के लिए कर्ज एकदम नई बात है, उनके पास एक कार्ड होना चाहिए। इसका इस्तेमाल समझदारी के साथ किया जाए, वक्त पर बकाया चुकाया जाए और अच्छी क्रेडिट हिस्ट्री तथा स्कोर तैयार किया जाए ताकि आगे चलकर बेहतर शर्तों पर कर्ज हासिल किया जा सके।'
अगर आपने पहले कभी कर्ज नहीं लिया है तो केवल एक कार्ड लेकर उसका ककहरा सीखना बेहतर है। अगर आप दूसरा कार्ड भी लेना चाहते हैं तो पहले खुद से पूछिए कि आपको वाकई उसकी जरूरत है या नहीं। कई बार आपको दूसरे क्रेडिट कार्ड की जरूरत ही नहीं होती। कुबेरा के मुख्य कार्य अधिकारी आदित्य कुमार समझाते हैं, 'क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल गैर जरूरी खर्च और रोजमर्रा के खर्च में ही किया जाता है। हर महीने पूरा बकाया चुकाना चाहिए ताकि करीब 40 फीसदी सालाना की महंगी दर से ब्याज नहीं देना पड़े। क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर्ज के तौर पर मत कीजिए। आप कार्ड पर खर्च कर मासिक किस्त बनवा सकते हैं मगर यह 12 से 18 फीसदी की ब्याज दर पर मिलने वाले उपभोक्ता ऋण या पर्सनल लोन के मुकाबले महंगी ही पड़ेगी।'
यह तो युवाओं के लिए सलाह हो गई, लेकिन दूसरे लोगों को क्या करना चाहिए? इंडियालेंड्स के मुख्य कार्य अधिकारी गौरव चोपड़ा सरल गणित में बताते हैं, '20 साल की उम्र में ज्यादा से ज्यादा दो कार्ड हों, 30 साल की उम्र में अधिक से अधिक चार। आपके पास कभी इससे ज्यादा क्रेडिट कार्ड नहीं होने चाहिए।'
कर्ज का इस्तेमाल असली कुंजी
यह अहम नहीं है कि आपके पास कितने क्रेडिट कार्ड हैं, अहम बात यह है कि आप क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल किस तरह करते हैं। अगर आप कम इस्तेमाल करते हैं तो जाहिर तौर पर एक ही कार्ड आपके लिए काफी है। कुमार की सलाह है, 'अगर आप बार-बार अपने कार्ड की पूरी क्रेडिट लिमिट इस्तेमाल करने के करीब पहुंच जाते हैं तो एक और कार्ड ले लीजिए। अगर आपके कार्ड पर बकाया बहुत अधिक है और क्रेडिट लिमिट के आसपास है तो वक्त पर बकाया चुकाने के बाद भी आपके क्रेडिट स्कोर पर इसका असर पड़ेगा।' अगर आपके पास केवल एक कार्ड है और आप इसकी 95 फीसद क्रेडिट लिमिट का इस्तेमाल कर चुके हैं तो आपका क्रेडिट स्कोर कुछ कम हो जाएगा। लेकिन अगर आपके पास एक से अधिक कार्ड हैं आपने दोनों की क्रेडिट लिमिट का केवल 60 फीसदी तक ही इस्तेमाल किया है तो आपका इस्तेमाल का अनुपात अच्छा रहेगा।
कई बार व्यक्ति की जरूरतें केवल एक कार्ड से पूरी नहीं होतीं। इसलिए आपकी पसंद के यानी कस्टमाइज्ड विकल्प भी मौजूद हैं। लोग केवल सुविधा के लिए क्रेडिट कार्ड नहीं लेते, उसके साथ ही उन्हें रिवार्ड भी मिलते हैं। खोसला बताते हैं, 'कई कार्ड होने का एक फायदा यह ह कि आप कई रिवार्ड योजनाओं का फायदा उठा सकते हैं। आप अपनी जरूरत के हिसाब से सबसे अच्छे यात्रा लाभ, ऑनलाइल डील, कैशबैक, छूट आदि देने वाले कार्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर आपको कई कार्डों का इस्तेमाल समझदारी से करने के गुर पता हैं तो आपको ब्याज मुक्त रकम भी मिल सकती है और ढेर सारे रिवार्ड भी हासिल हो सकते हैं।'
अगर आप कई क्रेडिट कार्ड लेते हैं तो वे कार्ड ही चुनें, जिनकी आपको जरूरत है और जिनका शुल्क आप चुका सकते हैं। ढेर सारे कार्डों पर अच्छा खासा बकाया होने का मतलब है कि आप क्रेडिट का बहुत अधिक इस्तेमाल करते हैं यानी आप कर्ज लेने के आदी हैं। इस सूरत में आपका क्रेडिट स्कोर कम हो जाएगा।
कुमार बताते हैं, 'अलग-अलग बैंक अलग-अलग समय पर क्रेडिट ब्यूरो को जानकारी देते हैं। मान लीजिए किसी कार्ड में जानकारी देने की तारीख 20 है और आपने उस कार्ड का बकाया 31 तारीख को चुकाया तो बैंक 31 तक इंतजार करने के बजाय 20 को ही आपका विवरण क्रेडिट ब्यूरो के पास भेज देगा। ब्यूरो को यही पता चलेगा कि आपके कार्ड पर अच्छी खासी रकम बकाया है।' इसीलिए कार्ड एक रखना है या ढेर सारे लेने हैं, इसका फैसला यह देखकर कीजिए कि आप क्रेडिट कार्ड का कितना इस्तेमाल करते हैं। साथ ही क्रेडिट यानी कर्ज के इस्तेमाल का अनुपात भी मत भूलिए।
बकाया चुकाने की तारीख ध्यान रखें
आपके क्रेडिट उपयोग अनुपात की दर और बकाया चुकाने का आपका रिकॉर्ड आपके क्रेडिट स्कोर के लिहाज से बहुत ज्यादा अहम पहलू होते हैं। खोसला का मशविरा है, 'अलग-अलग बिलिंग चक्र रखिए। यदि किसी कार्ड का बिल 30 तारीख को बनता है तो दूसरे कार्ड में बिल की तारीख महीने के बीच में रखने के लिए कहिए। यदि 10 तारीख को आपको कार्ड के इस्तेमाल की जरूरत पड़ती है तो वह कार्ड मत निकालिए, जिसका बिल 5-10 दिन में बनने वाला है। उस कार्ड का इस्तेमाल कीजिए, जिसका बिल करीब महीने भर बाद चुकाना होगा। अगर आप हरेक कार्ड का पूरा बकाया चुकाते रहते हैं तो आप ढेर सारे कार्ड इस्तेमाल कर सकते हैं, मुफ्त फायदे उठा सकते हैं और आपको कभी ब्याज भी नहीं चुकाना होगा।'
हालांकि केवल एक कार्ड हो तो बिल याद रखना और चुकाना कई कार्डों के मुकाबले आसान रहता है। कई कार्ड होने पर आपको हरेक के रिवार्ड कार्यक्रम, बिल की तारीख और भुगतान की तारीख याद रखनी पड़ती है। इसलिए एकदम पेशेवर व्यक्ति की तरह जांचिए कि आप कई कार्डों का बकाया चुका पाएंगे या नहीं। अगर ज्यादा कार्ड संभालना आपके वश की बात नहीं है तो केवल एक कार्ड रखिए।
चोपड़ा इस बारे में आगाह करते हैं, 'यदि आप ढेर सारे कार्डों का इस्तेमाल समझदारी से नहीं करते हैं तो हरेक कार्ड का बकाया अगले महीने के बकाये में जुड़ता रहेगा (क्रेडिट रोलओवर) और आप कर्ज के जाल में फंस जाएंगे।'
आपको खुद से ही यह सवाल भी करना होगा कि इन सभी कार्डों पर आप कुल कितना शुल्क चुका सकते हैं और वह शुल्क ज्यादा कार्ड रखने से होने वाले फायदों पर भारी तो नहीं पड़ रहा है। कुमार बताते हैं, 'प्रीमियम कार्ड पर जो फायदे मिलते हैं, उनकी कीमत शुल्क के तौर पर अदा की गई रकम से कई गुना होती है। लेकिन अगर आप फायदों का इस्तेमाल ही नहीं करते तो वह कार्ड आपके लिए बेकार है।' अगर आप कई कार्ड रखना चाहते हैं तो उसमें से एक बिना शुल्क का कार्ड होना चाहिए और दूसरा प्रीमियम कार्ड, जो आपकी जरूरत या इस्तेमाल के मुकाबिक फ्यूल कार्ड या ट्रैवल कार्ड हो सकता है।
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