चांदी के दाम घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार में आठ फीसदी बढ़े हैं। चीन में 25 जनवरी 2020 को नए वर्ष के जश्न से पहले चांदी की औद्योगिक मांग में भारी बढ़ोतरी हुई है, जिससे इस सफेद धातु की कीमतों में तेजी आई है। लंदन के हाजिर बाजार में चांदी के दाम बढ़कर 17.9 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गए हैं। इस तरह इसमें दो सप्ताह पहले के निचले स्तर की तुलना में करीब 8.2 फीसदी तेजी आई है।
मुंबई के जवेरी बाजार में चांदी 4 सितंबर को हाल की ऊंचाई 49,950 रुपये पर पहुंची थी। हालांकि इसके दाम हाजिर बाजार में 9 दिसंबर को गिरकर 43,225 रुपये पर आ गए थे। उसके बाद चांदी की कीमतें गुरुवार को फिर से चढ़कर 46,580 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गईं। घरेलू बाजार में चांदी की कीमतों में हलचल बेंचमार्क लंदन हाजिर बाजार के समान है। लंदन में चांदी 4 सितंबर को हाल के अपने सर्वोच्च स्तर 19.6 डॉलर प्रति औंस पर थी, जो छह दिसंबर को गिरकर 16.58 डॉलर प्रति औंस पर आ गई।
मुंबई की इक्विटी ऐंड जिंस ब्रोकिंग कंपनी केडिया स्टॉक ऐंड कमोडिटीज रिसर्च के निदेशक अजय केडिया ने कहा, 'आम तौर पर चीन के निवेशक नए वर्ष पर दो-तीन सप्ताह के अवकाश पर जाने से पहले अपना स्टॉक तैयार करते हैं। उनका मकसद यह होता है कि जब वे छुट्टियों से लौटकर फैक्टरियों को शुरू करें तो कच्चा माल पर्याप्त मात्रा में हो। इसलिए औद्योगिक जिंसों की मांग में बढ़ोतरी से चांदी की कीमतें बढ़ी हैं। इसके अलावा अमेरिका और चीन के बीच कारोबारी तनाव कम होने के संकेतों से औद्योगिक जिंसों को सहारा मिला है और इसलिए इससे चांदी भी अछूती नहीं रही है।' इस बीच सोने में भी तेजी आई है, लेकिन यह बहुत धीमी है।
इसकी वजह यह है कि चीन और अमेरिका के बीच बेहतर आर्थिक वृद्धि के लिए कारोबारी तनाव कम पर सहमति बनी है, जिससे महंगाई से बचाव के लिए सोने की खरीद का रुझान सुस्त पड़ा है। कच्चे तेल ने कीमतों ने भी अपनी खोई जमीन हासिल की है। इसके दाम 2 अक्टूबर को गिरकर 57.77 डॉलर प्रति डॉलर पर आ गए थे। लेकिन गुरुवार को कच्चे तेल का कारोबार 67.09 डॉलर प्रति बैरल पर हुआ। इस तरह कच्चा तेल 15 सितंबर के अपने हालिया उच्चतम स्तर 68.38 डॉलर प्रति बैरल के नजदीक है। मुंबई के हाजिर बाजार में सोने की कीमतें पिछले दो सप्ताह में 2.7 फीसदी बढ़कर 38,635 रुपये प्रति ग्राम पर पहुंच गई हैं।
इस पीली धातु के दाम 4 सितंबर को 39,031 रुपये प्रति 10 ग्राम थे। रोचक बात यह है कि सोने-चांदी का अनुपात जुलाई में 94 के स्तर पर पहुंच गया, जो 1991 से सबसे कमजोर है। दोनों के अनुपात का सहज स्तर करीब 66 है। जुलाई के स्तर से या तो चांदी में बढ़ोतरी होनी थी या सोने में गिरावट आनी थी। मुंबई की जिंस ब्रोकिंग कंपनी कॉमट्रेंड्ज के निदेशक ज्ञानशेखर त्यागराजन ने कहा, 'आगे सोने की तुलना में चांदी में ज्यादा तेजी आएगी।'