म्युचुअल फंडों को अभी नहीं भा रहे इनविट | अमृता पिल्लई और जश कृपलानी / मुंबई December 25, 2019 | | | | |
इन्फ्रास्ट्रक्चर निवेश ट्रस्टों (इनविट्स) को भारत में जारी किए दो वर्ष से ज्यादा समय हो गया है, लेकिन म्युचुअल फंडों को अभी यह विकल्प पूरी तरह रास नहीं आ रहा है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा इनविट जारी किए जाने की संभावना से इसे लेकर उम्मीद बढ़ी है कि अब रुझान में बदलाव आ सकता है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के नवंबर 2019 के आंकड़े के अनुसार, म्युचुअल फंडों द्वारा इनविट में लगाई गई पूंजी 933 करोड़ रुपये है।
केयर रेटिंग्स के सहायक निदेशक (समूह प्रमुख, इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं परियोजना वित्त) रत्नम राजू ने कहा, 'म्युचुअल फंडों ने अब तक इनविट में बड़ा निवेश नहीं किया है।' अब तक दो इनविट सूचीबद्घ हुए हैं - आईआरबी इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स का आईआरबी इनविट फंड और स्टरलाइट पावर का इंडिया ग्रिड ट्रस्ट। रिलायंस इंडस्ट्रीज के दो फाइबर एवं टावर इनविट और एलऐंडटी इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट प्रोजेक्टस (आईडीपीएल) इंडइन्फ्राविट निजी तौर पर पेश किए गए।
ब्लूओसन कैपिटल एडवायजर्स के संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी निपुन मेहता ने कहा, 'शुरुआती दिनों में, म्युचुअल फंड इनविट में निवेश नहीं कर रहे थे, क्योंकि उन्हें इसके लिए मंजूरी नहीं दी गई थी। अब स्थिति बदल गई है।'
उन्होंने कहा, 'अब लगभग सभी फंडों को जरूरी मंजूरी मिल गई है, लेकिन इसे लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है कि हम उन्हें क्रेडिट रिस्क फंडों में निवेश करते क्यों नहीं देख सकते। इन फंडों के लिए वाईटीएम (परिपक्वता पर प्रतिफल) इनविट द्वारा मुहैया कराए जाने वाले प्रतिफल की तुलना में कम है, जिससे फंडों के लिए यह अच्छा निवेश विकल्प बन गया है।'
कुछ फंड हाउस क्रेडिट रिस्क फंडों के लिए खुदरा निवेशकों में दिलचस्पी के अभाव को जिम्मेदार मान रहे हैं। एक फंड हाउस के मुख्य कार्याधिकारी ने कहा, 'इन योजनाओं को दीर्घावधि पूंजी की जरूरत होती है, लेकिन क्रेडिट रिस्क फंड जैसे दीर्घावधि फंडों में खुदरा निवेशकों की दिलचस्पी कमजोर हुई है। अल्पावधि फंडों में आने वाली पूंजी का इस्तेमाल इन निवेश योजनाओं में नहीं किया जा सकता।'
बीएसई के आंकड़े के अनुसार, आईआरबी के इनविट फंड की यूनिट में म्युचुअल फंडों की 11 प्रतिशत की भागीदारी है। वहीं स्टरलाइट के इनविट में म्युचुअल फंडों का योगदान महज 1 प्रतिशत पर है। क्रिसिल रेटिंग्स के वरिष्ठï निदेशक सचिन गुप्ता का कहना है कि म्युचुअल फंड डेट-आधारित फंडिंग से भी दूरी बनाए हुए हैं। उन्होंने कहा, 'डेट के संदर्भ में, फंडों ने अब तक बड़ा निवेश नहीं किया है। कई इनविट डेट के 10 वर्षों से अधिक की अवधि पर केंद्रित हैं, जबकि म्युचुअल फंड संक्षिप्त अवधि पर ध्यान दे सकते हैं।'
कुछ विश्लेषकों का मानना है कि इस रुझान में बदलाव आने की संभावना है। क्रिसिल रेटिंग्स के गुप्ता ने कहा, 'एनएचएआई के मामले में हालांकि विस्तृत जानकारी का इंतजार किया जा रहा है, लेकिन म्युचुअल फंडों में इनविट में निवेश की दिलचस्पी देखी जा सकती है क्योंकि इससे उन्हें एक अच्छी दीर्घावधि प्रतिफल वाली परिसंपत्ति हासिल होगी।' 11 दिसंबर को, एनएचएआई को अपनी कुछ सड़क परिसंपत्तियों के लिए इनविट बनाने की मंत्रिमंडलीय मंजूरी मिली। केयर रेटिंग्स के राजू को भी उम्मीद है कि एनएचएआई के इनविट में निवेशकों की दिलचस्पी दिखेगी।
|