समरीन अहमद, अभिषेक रक्षित अर्चिस मोहन / December 23, 2019
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुुआई वाली सरकार के कारण देश में लोकतंत्र खतरे में है। ममता ने विपक्षी दलों के मुख्यमंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं को पत्र लिखकर एकजुट होने और 'देश को बचाने' की योजना बनाने का आग्रह किया है।
बनर्जी ने कहा है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम और प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) के खिलाफ देश भर में हो रहे विरोध-प्रदर्शनों से पैदा हुए मौजूदा हालातों को 'गंभीर' बताया। उन्होंने सभी गैर-भाजपा दलों को एकजुट होने और केंद्र सरकार के 'तानाशाही' के खिलाफ खड़े होने का आग्रह किया है।
कांग्रेसी नेता पी चिदंबरम ने भी सभी दलों से एकजुट होने की अपील की है। उन्होंने कहा कि झारखंड के चुनावी नतीजे दर्शाते हैं कि भाजपा को हराना नामुमकिन नहीं है। नागरिकता संशोधन अधिनियम और राष्ट्रीय नागरिकता पंजी के खिलाफ लगातार नौवें दिन भी चेन्नई और बेंगलूरु समेत देश भर में विरोध-प्रदर्शन जारी रहे। इस बीच आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी उन गैर-भाजपाई मुख्यमंत्रियों की फेहरिस्त में शामिल हो गए हैं, जिन्होंने अपने राज्य में एनआरसी को लागू नहीं करने की घोषणा की है। भाजपा के सहयोगी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत 10 गैर-भाजपाई मुख्यमंत्रियों ने घोषणा की है कि वे अपने राज्यों में एनआरसी को लागू नहीं करेंगे।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रविवार को एक जन सभा में विपक्ष के बहुत से नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस दावे को लेकर आलोचना की कि उनकी सरकार ने कभी देश भर में एनआरसी को लेकर चर्चा नहीं की। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने मोदी की टिप्पणी पर आश्चर्य जताया। उन्होंने कहा कि यहां तक कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए देश भर में एनआरसी को लागू करने की सरकार की योजना की बात कही थी। पवार ने कहा, 'अब यह कहना ठीक नहीं है कि कैबिनेट में एनआरसी को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई।'
पवार ने कहा, 'मेरा मानना है कि सरकार हर मोर्चे पर नाकाम रही है। ऐसी स्थिति से जनता का ध्यान भटकाने के लिए वे ऐसे मुद्दे उठा रहे हैं और ऐसे भाषण दे रहे हैं। उसके अलावा इसमें कुछ नहीं है।' मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के नेता शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इसे लागू किया जाएगा, लेकिन 'विस्तृत चर्चा' के बाद। उन्होंने कहा कि एनआरसी को लेकर न संसद में चर्चा हुई है और न ही कैबिनेट में। कांग्रेस ने कहा कि भाजपा ने झारखंड विधानसभा चुनाव के घोषणापत्र में दावा किया था कि वह एनआरसी लागू करेगी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कह चुके हैं कि इसे देश भर में लागू किया जाएगा।
विपक्षी दल ने ट्विटर पर कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी इस संवाद के लिए आपका स्वागत है, देश आपका इंतजार कर रहा है। यह दुखद है कि आप हमारे देश में उस बढ़ती अशांति के बारे में पहली बार बोले हैं, जो आप घृणा और झूठ से फैलाते हैं। लेकिन ïिवभाजन के मुखिया से उम्मीद भी क्या की जा सकती है।' एक अन्य कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, 'प्रधानमंत्री एक चीज कहते हैं। गृह मंत्री कुछ अलग कहते हैं। लेकिन यह सब उदार और सख्त व्यक्ति होने की रणनीति का हिस्सा है। इसमें किसी भी व्यक्ति को मूर्ख नहीं बनना चाहिए।'
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